Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Photos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Anti-Sleep Pills: पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स ले रहे एंटी-स्लीप पिल्स, जानें साइड इफेक्ट्स

Anti-Sleep Pills: पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स ले रहे एंटी-स्लीप पिल्स, जानें साइड इफेक्ट्स

Anti-Sleep Pills: बिना डॉक्टर की सलाह स्टूडेंट्स एंटी-स्लीप पिल्स खा कर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं.

अश्लेषा ठाकुर
तस्वीरें
Published:
<div class="paragraphs"><p>Anti-Sleep Pills क्या है और उससे होने वाले किन साइड इफेक्ट्स&nbsp;पर ध्यान देना चाहिए?</p></div>
i

Anti-Sleep Pills क्या है और उससे होने वाले किन साइड इफेक्ट्स पर ध्यान देना चाहिए?

(फोटो:iStock)

advertisement

Anti-Sleep Pills Side Effects: ज्यादा पढ़ाई और स्टडी पर फोकस करने के लिए आजकल स्टूडेंट्स में एंटी-स्लीप पिल्स लेने का ट्रेंड बढ़ गया है. बिना डॉक्टर की सलाह स्टूडेंट्स इन गोलियों का सेवन कर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं क्योंकि एक्सपर्ट्स इन पिल्स की सिफारिश नहीं करते हैं. कुछ खास हेल्थ कंडीशंस में इन गोलियों का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह के साथ किया जाता है.

एंटी-स्लीप पिल्स के साइड इफेक्ट्स में स्किन से जुड़ी परेशानियां होती हैं, जो जानलेवा हो सकती है, इसके अलावा सिरदर्द, चक्कर आना, इंसोमनिया, ब्रेन स्ट्रोक, यहां तक कि आत्महत्या की प्रवृत्ति भी महसूस की जा सकती है.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कैफीन के साथ लेने पर यह मेडिसिन और अधिक खतरनाक हो जाती है. दिल्ली के सी के बिड़ला अस्पताल®️ में इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर, डॉ. राजीव गुप्ता ने एंटी-स्लीप पिल्स खाने से होने वाले साइड इफेक्ट्स के बारे में बताया है.

एंटी-स्लीप पिल्स के अधिक डोस की वजह से उसे खाने वाला कोमा में भी चला जाता है.

(फोटो:iStock)

एंटी-स्लीप पिल्स के साइड इफेक्ट्स में स्किन से जुड़ी परेशानियां होती हैं, जो जानलेवा हो सकती है.

(फोटो:iStock)

लिवर, किडनी या शरीर के दूसरे अंग का डैमेज होना एंटी-स्लीप पिल्स के साइड इफेक्ट्स में से है.

(फोटो:iStock)

लगातार मतली या उलटी आना. 

(फोटो:iStock)

पाचन संबंधी समस्याएं होना.

(फोटो:iStock)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

धुंधली दृष्टि या कुछ भी ठीक से नहीं दिखना.

(फोटो:iStock)

सांस लेने में कठिनाई का सामना करना.

(फोटो:iStock)

दिल की धड़कन का तेज होना.

(फोटो:iStock)

मूड में बदलाव, जिसमें घबराहट या चिड़चिड़ापन भी शामिल है.

(फोटो:iStock)

ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई या याददाश्त संबंधी समस्याएं होना.

(फोटो:iStock)

हाइपरटेंशन यानी ब्लड प्रेशर का बढ़ जाना.

(फोटो:iStock)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT