अमेरिका के कैलिफोर्निया में बर्फीले चक्रवात के बाद अब बाढ़ और बारिश ने तबाही मचा रखी है. अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. लाखों की संख्या में घर डूब चुके हैं. कई जगह सड़कें टूट गई हैं. अब तक प्रभावित इलाकों से लगभग 70 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया है. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ((Joe Biden) ने इसे आपदा घोषित कर दिया है. वहीं मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं.

<div class="paragraphs"><p>(फोटोः ट्विटर)</p></div>

अमेरिका के कैलिफोर्निया में तूफान ने तबाही मचा दी है. बाढ़ के चलते यहां कई घर तबाह हो गए.

(फोटोः ट्विटर)

26 दिसंबर, 2022 के बाद से ही बारिश का कहर जारी है. लोगों को बाढ़, भूस्खलन और सड़क बंद जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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पिछले 15 दिनों के अंदर कैलिफोर्निया में 22 से 25 ट्रिलियन गैलन बारिश हो चुकी है. इसके चलते राज्य का 80 प्रतिशत हिस्सा डूब चुका है. कई जगह सड़कें और पुल भी टूट गए हैं. लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है औरअब तक 70 हजार से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. इसके अलावा अन्य 75 हजार लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचने को कहा गया है.

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भारी बारिश के चलते कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. भारी बारिश, तूफान और बाढ़ की वजह से अब तक दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान होने की आशंका जताई गई है.

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पिछले एक महीने के अंदर कैलिफोर्निया शहर में आठ बार तूफान आ चुके हैं. इस तूफान के आने का कारण एटमॉस्फेरिक रिवर्स बताया जा रहा है. 

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सेंटर फॉर वेस्टर्न वेदर एंड वॉटर एक्सट्रीम के अनुसार, कैलिफोर्निया में जितनी एटमोस्फियरिक रिवर पूरे साल में बनती हैं वो कुछ हफ्तों में ही बन गई है. ये कहीं बारिश के रूप में बरस रही हैं तो कहीं बर्फीले तूफान के रूप में. वहीं सालिनास नदी पर वाटर लेवल खतरनाक स्तर तक बढ़ गया. इसके बाद अधिकारियों ने करीब 24,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए इंतजाम किए.

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जगह-जगह पेड़ उखड़ने से घरों के साथ ही सड़क को भी नुकसान पहुंचा है. बता दें कि सेक्रोमेंटो शहर, जिसे अमेरिका में पेड़ों का शहर भी कहा जाता है, वहां पिछले 6 दिन में लगभग 1000 पेड़ गिर चुके हैं.

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इस तूफान को कैलिफोर्निया में आए अब तक के बड़े तूफानों में से एक बताया जा रहा है. इसके पहले साल 1861 में कैलिफोर्निया में जबरदस्त बाढ़ आई थी. US जिओलोजिकल सर्वे के एक रिसर्चर माइकल डी डेटिंगर की रिपोर्ट के मुताबिक, 1861 की बाढ़ 43 दिनों तक जारी रही थी. जिसमें हजारों लोगों की मौत हो गई थी. उस समय भी कैलिफोर्निया में एटमोस्फियरिक रिवर की वजह से ऐसे हालात बने थे.

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बता दें कि एटमोस्फियरिक रिवर ट्रॉपिकल रीजन में बनती हैं. दरअसल, गर्म तापमान के कारण समुद्र का पानी भाप में बदलकर वायुमंडल में जमा हो जाता है. तेज हवाएं जलवाष्प को वायुमंडल की ऊपरी सतह की ओर ले जाती हैं. इस दौरान जल वाष्प किसी नदी की तरह धरती के ऊपर एक जगह से दूसरी जगह तेज हवाओं के साथ चलती हैं.

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दुनिया की सबसे बड़ी और खतरनाक एटमोस्फियरिक रिवर का नाम 'पाइनएपल एक्सप्रेस' है और इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिका के पश्चिमी हिस्से और कनाडा में देखने को मिलता है और इसी 'पाइनएपल एक्सप्रेस' की वजह से कैलिफोर्निया की कई जगहों पर बारिश हो रही है.

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इतना ही नहीं बारिश के साथ-साथ कैलिफोर्निया में बर्फीले तूफान ने भी तबाही मचा रखी है. इसके चलते लोगों को और अधिक परेशानी हो रही है और खराब मौसम की वजह से  बाढ़ और चट्टानों के खिसकने की समस्या खड़ी हो गई है.

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