Home Photos Chandrayan-3 लॉन्चिंग के लिए तैयार, तस्वीरों से ISRO के पूरे चंद्र मिशन को समझें
Chandrayan-3 लॉन्चिंग के लिए तैयार, तस्वीरों से ISRO के पूरे चंद्र मिशन को समझें
Chandrayaan-3 Space Mission: ISRO ने 11 जुलाई को बताया कि चंद्रयान-3 का 'लॉन्च रिहर्सल' पूरा हो गया है.
क्विंट हिंदी
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Chandrayan-3 लॉन्चिंग के लिए तैयार, देखिए प्रयोग में लाए गए मॉड्यूल और एलिमेंट्स
(Photo: Altered by Quint Hindi)
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार, 6 जुलाई को ऐलान किया कि 14 जुलाई को चंद्र मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च किया जाएगा. ISRO का नया हेवीलिफ्ट लॉन्च वेहिकल एलवीएम-3 एक इंटीग्रेटेड मॉड्यूल लेकर इस दिन दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से उड़ान भरेगा. इसके अलावा भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) ने 11 जुलाई को बताया कि चंद्रयान-3 का 'लॉन्च रिहर्सल' पूरा हो गया है. आइए तस्वीरों के जरिए चंद्रयान-3 के माड्यूल्स और एलिमेंट्स को देखते हैं.
तस्वीर में चंद्रयान-3 एलिमेंट दिख रहे हैं. 14 जुलाई को भारत के तीसरे चंद्रमा मिशन के लॉन्चिंग की उल्टी गिनती सोमवार को 'लॉन्च रिहर्सल' के पूरा होने के साथ जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है. लगभग 3.84 लाख किमी की यात्रा के बाद चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान के 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है.
(फोटो- www.isro.gov.in)
तस्वीर में चंद्रयान-3 का इंटीग्रेटेड मॉड्यूल दिख रहा है. इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रणोदन/प्रोपल्शन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है.
(फोटो- www.isro.gov.in)
इंटीग्रेटेड मॉड्यूल (रोवर+लैंडर+प्रोपल्शन) की दो एंगल से तस्वीर: चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग पर जी20 अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था नेताओं की बैठक के दौरान इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा कि 14 जुलाई को चंद्रयान-3 उड़ान भरेगा और अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह 23 अगस्त को लैंड करेगा.
(फोटो- www.isro.gov.in)
तस्वीर में चंद्रयान 3 के लैंडर और रोवर दिख रहे हैं. चंद्रयान मिशन-3 का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा की धरती पर सुरक्षित उतारना है. उसके बाद रोवर प्रयोग करने के लिए बाहर निकलेगा.
(फोटो- www.isro.gov.in)
तस्वीर में चंद्रयान 3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल दो एंगल से नजर आ रहा है. बता दें कि चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का फॉलो-ऑन मिशन है, जो चांद की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने की पूरी कैपेबिलिटीको दिखाता है.
(फोटो- www.isro.gov.in)
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इस साल मार्च में चंद्रयान -3 स्पेसक्राफ्ट ने जरूरी टेस्टिंग को पूरा किया. इससे यह पता चलता है कि अंतरिक्ष यान अपने लॉन्चिंग के दौरान जोरदार कंपन और तेज आवाज का सामना कर सकता है.
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चंद्रमा पर भारत का दूसरा मिशन चंद्रयान-2, 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था. लेकिन 6 सितंबर की सुबह विक्रम चंद्र लैंडर के साथ चांद पर हादसा होने के बाद यह मिशल फेल हो गया.
(फोटो- www.isro.gov.in)
इसरो ने कहा, नासा के एक निष्क्रिय लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर ऐरे को चंद्र लेजर रेंजिंग अध्ययन के लिए समायोजित किया गया है. दूसरी ओर, रोवर लैंडिंग स्थल के आसपास के क्षेत्र में मौलिक संरचना प्राप्त करने के लिए अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) और लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) ले जाएगा.
(फोटो- www.isro.gov.in)
इसरो के अनुसार, चंद्रमा मिशन को तीन चरणों में विभाजित किया गया है - पृथ्वी-केंद्रित चरण (प्री-लॉन्च, लॉन्च और एसेंट और पृथ्वी-बाउंड पैंतरेबाज़ी), चंद्र स्थानांतरण चरण (स्थानांतरण प्रक्षेपवक्र), और चंद्रमा केंद्रित चरण (चंद्र कक्षा) सम्मिलन चरण, चंद्रमा-बाध्य पैंतरेबाज़ी चरण, प्रणोदन मॉड्यूल और चंद्र मॉड्यूल पृथक्करण, डी-बूस्ट चरण, प्री-लैंडिंग चरण, लैंडिंग चरण, लैंडर और रोवर के लिए सामान्य चरण, प्रणोदन मॉड्यूल के लिए चंद्रमा केंद्रित सामान्य कक्षा चरण (100 किमी गोलाकार कक्षा).
(फोटो- www.isro.gov.in)
पहले चरण के दौरान भारत का भारी लिफ्ट रॉकेट 43.5 मीटर ऊंचा और 642 टन एलवीएम3 वजनी, चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को ले जाएगा. रॉकेट के पास लगातार छह सफल मिशनों का त्रुटिहीन रिकॉर्ड है.
(फोटो- www.isro.gov.in)
14 जुलाई को दोपहर 2.35 बजे तीन चरणों वाला एलवीएम3 रॉकेट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च होगा, जबकि पहले रॉकेट का पहला चरण ठोस ईंधन द्वारा संचालित होता है, दूसरा चरण तरल ईंधन द्वारा संचालित होता है, और तीसरे और अंतिम चरण में तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन द्वारा संचालित क्रायोजेनिक इंजन होता है.