Home Photos कांग्रेस का इन 11 दिग्गज नेताओं ने 2019 से अबतक छोड़ा हाथ, 7 तो BJP में शामिल| List
कांग्रेस का इन 11 दिग्गज नेताओं ने 2019 से अबतक छोड़ा हाथ, 7 तो BJP में शामिल| List
Milind Deora ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना का हाथ थाम लिया है.
क्विंट हिंदी
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कांग्रेस का 2019 से 11 दिग्गज नेताओं ने छोड़ा हाथ, 7 BJP में शामिल, देखें लिस्ट
(फोटो: क्विंट हिंदी)
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कांग्रेस (Congress) को 'भारत जोड़ो न्याया यात्र' की शुरुआत से पहले 14 जनवरी को एक बड़ा झटका लगा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) ने इस्तीफा देकर एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना का हाथ थाम लिया. मिलिंद ने ट्वीट कर यह जानकारी दी और लिखा कि उनका कांग्रेस पार्टी से 55 साल के रिश्ते का ये अंत है. 2019 से लेकर अब तक एक-एक कर 11 नेता कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके हैं. चलिए जानते हैं, कौन हैं वे नेता जिन्होंने कांग्रेस छोड़ दिया.
कांग्रेस के दिग्गज नेता मुरली देवड़ा के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने 14 जनवरी को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद वो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए.
(फोटो: अल्टर्ड बॉय क्विंट हिंदी)
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने 16 मई, 2022 को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया लेकिन इसकी घोषणा उन्होंने SP समर्थित निर्दलीय के रूप में राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के बाद की. बाद में उन्होंने मीडिया को बताया कि उन्होंने अचानक ये फैसला नहीं लिया है और वे किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होंगे.
(फोटो: twitter/@KapilSibal)
2022 में कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका लगा, जब पार्टी के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़ दी. अविभाजित जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और G-23 असंतुष्ट समूह के सदस्य गुलाम नबी के लेटर बम ने पार्टी को हिला दिया. उन्होंने राहुल गांधी को "अपरिपक्व" कहा और पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अब अपनी पार्टी 'डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी' बना ली है.
फोटो: twitter @ghulamnazad)
गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भी मई 2022 में कांग्रेस छोड़ दी. उन्होंने 2019 में ही कांग्रेस का हाथ थामा था. हार्दिक ने अपने इस्तीफे में नाराजगी जताते हुए लिखा- शीर्ष नेताओं का अपने 'मोबाइल फोन में ध्यान भटका' हुआ है और गुजरात कांग्रेस को उनके लिए "चिकन सैंडविच" की व्यवस्था करने में रुचि थी. एक महीने बाद हार्दिक पटेल बीजेपी में शामिल हो गए.
(फोटोः PTI)
पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने पंजाब चुनाव से कुछ दिन पहले फरवरी 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. 2019 के चुनावों में हार के बाद वे पार्टी छोड़ने वाले पहले वरिष्ठ यूपीए कैबिनेट मंत्री थे.
(फोटो: twitter/@DrAshwani_Kuma)
पंजाब कांग्रेस इकाई का नेतृत्व कर चुके सुनील जाखड़ ने 2022 में पार्टी छोड़ दी थी.वे तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना करने के लिए कांग्रेस आलाकमान द्वारा 'कारण बताओ नोटिस' जारी करने को लेकर नाराज थे. वे मई में बीजेपी में शामिल हुए और उसी साल जुलाई में उन्हें पार्टी ने पंजाब इकाई का प्रमुख बना दिया.
(फोटो: twitter/ @sunilkjakhar)
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पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह जनवरी 2022 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और वे उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले पार्टी छोड़नेवाले बड़े नेता थे. पिछड़ी जाति के प्रमुख नेता सिंह कथित तौर पर प्रियंका गांधी के नेतृत्व वाले यूपी अभियान में दरकिनार किए जाने से नाराज थे.
(फोटो: fb/RPN Singh)
ज्योतिरादित्य सिंधिया, जो अब केंद्रीय मंत्री हैं, उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और 2020 में बीजेपी में शामिल हो गए. सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर बड़े पैमाने पर दलबदल हुआ, जिससे कमल नाथ सरकार गिर गई और मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को वापस सत्ता मिल गई.
(फोटो: twitter/@JM_Scindia)
कभी राहुल गांधी के करीबी रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश चुनाव से एक साल पहले कांग्रेस छोड़ दी थी और 2021 में BJP में शामिल हो गए. वे यूपी में कांग्रेस के टॉप ब्राह्मण लीडर थे.
(फोटो: twitter/@JitinPrasada)
कांग्रेस के पूर्व विधायक अल्पेश ठाकोर ने जुलाई 2019 में पार्टी छोड़ दी. कुछ दिनों बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए और उन्हें राधापुर से उपचुनाव के लिए मैदान में उतारा गया, लेकिन वे उस सीट से चुनाव हार गए, पिछले साल हुए चुनाव में उन्होंने गांधीनगर दक्षिण से जीत दर्ज की थी.
(फोटो: twitter/@AlpeshThakor_)
कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने पिछले साल जनवरी में पार्टी छोड़ दी और अगले महीने बीजेपी में शामिल हो गए. वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यों की जमकर प्रशंसा करते नजर आए. पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने अपने बेटे के फैसले पर दुख और निराशा व्यक्त की थी.