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"PM मोदी ने तय की टाइमिंग": मिलिंद देवरा के इस्तीफे पर क्या बोली कांग्रेस?

Milind Deora resigns: मिलिंद देवरा ने कहा, "मैं विकास के रास्ते पर चल रहा हूं."

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राहुल गांधी की "भारत जोड़ो न्याय यात्रा" (Bharat Jodo Nyay Yatra)  शुरू होने से ठीक पहले मिलिंद देवरा के इस्तीफा देने पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उनके (मिलिंद) के पार्टी छोड़ने की घोषणा का समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित किया गया था. कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये फैसला किया है, इसमें कोई संदेह नहीं है."

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सोशल मीडिया पर की इस्तीफे की पुष्टि

दरअसल, मुंबई के दिग्गत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवरा ने रविवार (14 जनवरी) को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने सोशल मीडिया 'X'पर अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है. मैं वर्षों से उनके अटूट समर्थन के लिए सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं.

"PM मोदी ने किया फैसला"

PTI से बात करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "देवरा ने इस शुक्रवार (12 जनवरी) को उनसे फोन पर बात की थी और अनुरोध किया था कि वह दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिव सेना (यूबीटी) के दावे पर अपनी चिंताओं पर राहुल गांधी से बात करना चाहते हैं. मिलिंद देवड़ा और उनके पिता मुरली देवड़ा दोनों मुंबई दक्षिण से सांसद रह चुके हैं.

उन्होंने शुक्रवार सुबह 8:52 बजे मुझे मैसेज किया और फिर दोपहर 2:47 बजे मैंने जवाब दिया, 'क्या आप पार्टी छोड़ने की योजना बना रहे हैं?' 2:48 पर उन्होंने मैसेज भेजा, 'क्या आपसे बात करना संभव नहीं है?' मैंने कहा कि मैं आपको कॉल करूंगा और 3:40 पर मैंने उनसे बात की.
जयराम रमेश, कांग्रेस महासचिव

"मैं विकास के रास्ते पर चल रहा हूं"

वहीं, मीडिया ने जब इस्तीफे पर सवाल किया तो मिलिंद देवरा ने कहा, "मैं विकास के रास्ते पर चल रहा हूं."

"लालच और डर" इंसान की कमोजरी

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, "मुझे आश्चर्य होगा अगर उनके जैसा कोई नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की गठबंधन पार्टी में शामिल हो जाएगा. इंसान की दो कमजोरियां होती हैं, वो है लालच और डर."

वफादारी और विचारधारा जैसी चीजें अब अस्तित्व में नहीं हैं, यह सब अब राजनीति है. मैं मिलिंद देवरा को जानता था, वह एक बड़े नेता हैं और कांग्रेस से उनका विशेष लगाव था.
संजय राउत, राज्यसभा सांसद, शिवसेना (उद्धव गुट)

"कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने पर विचार करने की जरुरत'

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, "वे कांग्रेस छोड़ कर चले गए ये अफसोस की बात है. लेकिन मैं ये देख रहा हूं कि ज्यादातर वे लोग जो सरकार में रहे कांग्रेस के जमाने में और युवा रहे वे क्यों छोड़ कर जा रहे हैं इस पर विचार करना पड़ेगा. एक ही दिन के अंदर आप अपनी विचारधारा कैसे बदल सकते हैं? ऐसा लगता है आज की राजनीति में विचारों की अहमियत कम हो गई है और सत्ता की अहमियत ज्यादा हो गई है."

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "कांग्रेस में कुछ ऐसे लोगों का कब्जा हो गया है जो न तो सच सुनना चाहते हैं, न सनातन, राम की बात सुनना चाहते हैं. जो श्री राम और सच की बात, जमीनी हकीकत को बताने की कोशिश करेगा उसे कांग्रेस छोड़नी पड़ रही है. भगवान राम के मंदिर के निमंत्रण को जिस तरह ठुकराने का काम किया गया है, मुझे लगता है कि उनका प्रकोप शुरु हो गया है."

'कांग्रेस नेताओं की न्याय यात्रा' शुरू करें राहुल गांधी

इधर, मिलिंद देवरा के इस्तीफे पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "बेहतर होगा कि वह (राहुल गांधी) 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के बजाय 'कांग्रेस के नेताओं की न्याय यात्रा' शुरू करें. उन्हें कांग्रेस के उन नेताओं को न्याय देना चाहिए जो एक-एक करके पार्टी छोड़ रहे हैं.'कांग्रेस जोड़ो यात्रा' होनी चाहिए क्योंकि उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक. कांग्रेस नेता एक-दूसरे से लड़ रहे हैं और पार्टी छोड़ रहे हैं क्योंकि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिभा मुक्त क्षेत्र बन गई है."

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