एस एस राजामौली की फिल्म 'RRR' के गाने 'नाटू नाटू' के लिए म्यूजिक कंपोजर एम एम कीरावनी को गोल्डन ग्लोब में 'बेस्ट ऑरिजिनल सॉग' का अवार्ड मिला है. बता दें कि एसएस राजामौली ने 'नाटू नाटू' गाने के 12 वर्जन रिजेक्ट किए थे और आखिरकार 13वां कंपोजिनशन सेलेक्ट किया जो दुनियाभर में धूम मचा रहा है. तेलुगू में ज्यादा काम करने वाले एम एम कीरावनी ने हिंदी फिल्मों में भी कई यादगार गाने दिए हैं. हालांकि उन्होंने हिंदी में एम एम करीम के नाम से काम किया. आइए एक नजर डालते हैं एम एम कीरावनी के कंपोज किए इन टॉप गानों पर.

<div class="paragraphs"><p>(फोटोःयूट्यूब)</p></div>

नाटू-नाटू- RRR:  संगीतकार एमएम कीरावनी ने फिल्म RRR के गाना 'नाटू-नाटू' के लिए गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जीता है. बता दें कि इस गाने को एमएम कीरावनी ने कंपोज किया है. वहीं गाने को चंद्रबोस ने लिखा है. जबकि राहुल सिपलीगंज और काल भैरव ने इसे गाया है.

(फोटोःयूट्यूब)

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पंछी बोले-बाहुबली:   फिल्म बाहुबली के पंछी बोले सॉन्ग को खूब पसंद किया गया था.आज भी लोग इसे खूब सुनते हैं. इसमें प्रभास और तमन्ना  भाटिया नजर आए. इस गाने को  एमएम कीरावनी ने कंपोज किया और गाया भी है.

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तुम मिले, दिल खिले- क्रिमिनलः साल 1995 में रिलीज हुई फिल्म क्रिमिनल के गाने तुम मिले, दिल खिले को एम एम कीरावनी ने कंपोज किया था. उस समय एमएम कीरावनी ने एम एम करीम की पहचान के साथ हिंदी में ये पहला गाना रिकॉर्ड किया था. जबकि इस गाने में  अलका याग्निक और कुमार सानू की आवाज थी.

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गली में आज चांद निकला- जख्मः  साल 1998 में आई फिल्म जख्म का गाना गली में आज चांद निकला..आज भी काफी पॉपुलर है और ये उस दौर के बेस्ट रोमांटिक गानों में से एक है. ये गाना पूजा भट्ट और नागार्जुन पर फिल्माया गया था. वहीं आनंद बख्शी के बोल और अल्का यागनिक की आवाज गाने को रूमानी बना देता है. इस गाने को संगीत एमएम कीरावनी ने ही कंपोज किया है.

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आ भी जा- सुरः साल 2002 में आई फिल्म सुर का गाना आ भी जा में लकी अली की आवाज और कीरावनी का म्यूजिक किसी नशे की तरह है. इस गाने को भी कंपोज एम एम कीरावनी ने ही किया था.

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खूबसूरत है वो इतना- रोगः इरफान खान और इलीन स्टारर प्रेम कहानी रोग का गाना खूबसूरत है वो इतना.. को उदित नारायण ने गाया था. जबकि प्यार भरे इस लिरिक्स को कीरावनी ने ढोलक के साथ कम्पोज किया था.

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मैंने दिल से कहा- 'रोग' के इस गाने में फीलिंग उदासी की थी और गम में ही खुश रहने की बात थी. लेकिन केके की आवाज के साथ कीरावनी की ये कम्पोजीशन ऐसी पॉपुलर हुई कि आज भी लोग इस गाने को कई बार सुनते हैं. बता दें कि इस गाने को को केके ने गाया था. जबकि लिरिसिस्ट नीलेश मिश्रा के हैं. हिमांशु ब्रह्मभट्ट ने इसे डायरेक्ट  किया था.

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कभी शाम ढले- सुरः वायलिन और ढोलक का अद्भुत कॉम्बो और महालक्ष्मी अय्यर का आवाज जादू. 2002 में आई फिल्म 'सुर' के एल्बम में ये गाना बहुत ही कमाल का था. इसमें लकी अली  और गौरी कार्णिक नजर आए थे.

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ओ साथिया- सायाः उदित नारायण की आवाज के साथ कीरावनी के ये कम्पोजीशन कमाल की थी. कहा जाता है कि उन्होंने ये गाना किसी और फिल्म के लिए कम्पोज किया था, लेकिन 'साया' के प्रोड्यूसर महेश भट्ट ने कीरावनी के गाने को अपने इस फिल्म में इस्तेमाल किया.   

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चलो तुम को लेकर- जिस्मः जॉन अब्राहम और बिपाशा बसु का ये गाना स्क्रीन पर किसी जादू से कम नहीं था. इस गाने को श्रेया घोषाल ने गाया था. जबकि गाने की कम्पोज कीरावनी ने किया था.

(फोटोःयूट्यूब)

जादू है नशा है- जिस्मः ये गाना 2003 में आई फिल्म 'जिस्म' का है. श्रेया घोषाल की मधुर आवाज में ये गाना एक बार सुनाई पड़ जाए तो इसे गुनगुनाए बिना नहीं रहा जाता. गाने के इस मोहक संगीत को कंपोज करने का श्रेय भी एमएम कीरावनी को ही जाता है. वहीं गाने के बोल मशहूर कहानीकार और लेखक नीलेश मिश्र ने लिखे हैं.

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