भारतीय हिंदी साहित्य के युग प्रवर्तक और उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद को याद किए बिना शायद हिंदी दिवस अधूरा है. इसलिए इस हिंदी दिवस क्विंट की टीम बनारस में प्रेमचंद के पैतृक निवास स्थान से कुछ ताजा तस्वीरें लेकर आई है. प्रेमचंद की कहानियों के प्रतीकों को उनके गांव के प्रवेश द्वार पर बनाया गया है, उनके घर के ठीक सामने 'प्रेमचंद रिसर्च सेंटर' है. उनके घर में पुराना कुंआ आज भी मौजूद है. ज्ञानचंद नाम के स्थानीय पार्षद प्रत्याशी ने उनके घर की दिवार पर अपना पोस्टर लगा दिया है.
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