Home Photos श्रीनगर हादसे के बाद कश्मीर घाटी में शोक, झेलम में कैसे पलटी लोगों से भरी नाव?|Photos
श्रीनगर हादसे के बाद कश्मीर घाटी में शोक, झेलम में कैसे पलटी लोगों से भरी नाव?|Photos
16 अप्रैल को झेलम नदी में एक नाव पलटने से तीन बच्चों सहित छह लोगों की डूबकर मौत हो गई थी.
आकिब जावेद
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16 अप्रैल को झेलम नदी में एक नाव पलटने से तीन बच्चों सहित छह लोगों की डूबकर मौत हो गई थी.
(फोटो: उमर आसिफ)
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जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के श्रीनगर की झेलम नदी में मंगलवार, 16 अप्रैल को नाव पलटने से तीन बच्चों सहित छह लोगों की डूबकर मौत हो गई है. इस हादसे के बाद स्थानीय लोग शोक में डूबे हैं. इस बीच, स्थानीय लोगों ने इस त्रासदी के लिए झेलम नदी में बने अधूरे पुल को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही फुटब्रिज का निर्माण समय पर पूरा नहीं करने के लिए अधिकारियों पर भी सवाल उठाए हैं.
मंगलवार, 16 अप्रैल को 45 वर्षीय फिरदौस फैयाज सुबह 8 बजे अपने सात साल के जुड़वां बेटों ताहिर और मुदासिर फैयाज को श्रीनगर के बटवारा इलाके में उनके स्कूल छोड़ने के लिए घर से निकलीं थीं. फिरदौस रोज अपने बच्चों को खुद ही स्कूल छोड़ने जाती थीं क्योंकि स्कूल पहुंचने के लिए झेलम नदी नाव से पार करनी पड़ती थी. स्कूल नदी के दूसरे किनारे पर था और वहां तक पहुंचने का नाव ही एकमात्र जरिया था. आसमान में बादल छाए हुए थे, कश्मीर में पिछले तीन दिनों से भारी बारिश हो रही थी.
(फोटो: उमर आसिफ)
गुंडबल निवासी गुलजार अहमद घटना को याद करते हुए बताते हैं कि नाव में पानी भर गया था. 8-10 लोगों की क्षमता वाली नाव पर 15 से अधिक लोग सवार थे.
(फोटो: उमर आसिफ)
नाव जैसे ही नदी के बीच में पहुंची, अचानक रस्सी टूट गई और नाव पलट गई. नाव पर सवार फिरदौस और उसके दो बच्चों सहित छह लोगों की डूबने से मौत हो गई. चश्मदीद अहमद बताते हैं, "नाव पैदल पुल के निर्माण के लिए लगाए गए लोहे के खंभों से टकराकर दो भाग में टूट गई थी."
(फोटो: उमर आसिफ)
जैसे ही इस दुखद घटना की खबर घाटी में फैली, पूरा कश्मीर शोक में डूब गया. दुर्घटना के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्रचार अभियान स्थगित कर दिया है. अहमद ने बताया कि सैकड़ों लोग नदी किनारे जमा हो गए, लेकिन पानी की तेज बहाव के कारण वे मृतकों को बचाने में मदद नहीं कर सके. अहमद ने आगे कहा, "हम बच्चों और महिलाओं को डूबते समय अपने हाथ हिलाते, मदद मांगते हुए बस उन्हें देख सकते थे."
(फोटो: उमर आसिफ)
हादसे की सूचना पर श्रीनगर जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और SDRF, जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ. तीन बच्चों समेत छह लोगों के शव नदी से निकाले गए. पुलिस ने मृतक बच्चों के चार स्कूल बैग भी बरामद किए हैं. लापता लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन रातभर जारी रहा. सरकार ने बचाव अभियान के लिए समुद्री कमांडो को भी तैनात किया है.
(फोटो: उमर आसिफ)
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इस बीच, स्थानीय लोगों ने इस त्रासदी के लिए अधूरे पुल को जिम्मेदार ठहराया और फुटब्रिज का निर्माण समय पर पूरा नहीं करने के लिए अधिकारियों पर भी सवाल खड़े किए हैं. यह पुल इस क्षेत्र को श्रीनगर शहर के बाकी हिस्सों से जोड़ेगा. श्रीनगर के निवासी रईस लोन ने कहा, "लोगों को प्रतिदिन नदी पार करने के लिए नावों का सहारा लेना पड़ता है. अगर अधिकारियों ने समय पर पुल का काम पूरा कर लिया होता तो यह घटना नहीं होती.'' वहीं मध्य कश्मीर के सड़क एवं भवन विभाग के मुख्य अभियंता सज्जाद अहमद नकीब ने कहा कि फंड की कमी के कारण पुल का निर्माण रुक गया है. उन्होंने आगे कहा कि तीन में से दो स्पैन पहले ही पूरे हो चुके हैं जबकि तीसरा स्पैन जून 2024 में पूरा हो जाएगा.
(फोटो: उमर आसिफ)
कश्मीर घाटी में पिछले चार दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण झेलम नदी उफान पर है.
(फोटो: उमर आसिफ)
आंसुओं और सिसकियों के बीच हजारों लोगों ने श्रीनगर में मृतकों के लिए जनाजे (अंतिम संस्कार) की नमाज पढ़ी.
(फोटो: उमर आसिफ)
स्थानीय लोगों ने "बुनियादी ढांचे" की अनदेखी के लिए श्रीनगर में चल रही स्मार्ट सिटी परियोजना पर भी असंतोष व्यक्त किया है. लोगों का कहना है कि वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के बजाय दिखावटी बदलाव हो रहे हैं.
(फोटो: उमर आसिफ)
कश्मीर विश्वविद्यालय की एक छात्रा मारिया जान ने कहा, "यह घटना इस बात का सबूत है कि स्मार्ट सिटी परियोजना श्रीनगर में बुनियादी ढांचे की समस्याओं की नब्ज को जांचने में विफल रही है और रात के बल्बों और फुटपाथों से आगे नहीं बढ़ पाई है."