प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मंगलवार, 25 अप्रैल को भारत का पहला 'वाटर मेट्रो' (Water Metro) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. पीएम मोदी ने यह उद्घाटन केरल के कोच्चि से किया. कई सुविधाओं से लेंस इस वाटर मेट्रो को कोचिन शिपयॉर्ड लिमिटेड द्वारा बनाया गया है. जबकि ये प्रोजेक्ट केरल सरकार और जर्मन एंजेसी KfW की ओर से फंडेड है. तो आइये जानते हैं कि इस वाटर मेट्रो में क्या है खासियत? और कितनी दूरी तय करेंगी.

<div class="paragraphs"><p>(फोटोः क्विंट हिंदी)</p></div>

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत का पहला वाटर मेट्रो 'कोच्चि वाटर मेट्रो'को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.  ट्रेन की पहली व्यावसायिक सेवा बुधवार को कासरगोड से शुरू होगी और 7 घंटे 50 मिनट में तिरुवनंतपुरम पहुंचेगी

(फोटोः क्विंट हिंदी)

वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट कोच्चि और उसके आसपास के 10 द्वीपों को जोड़ेगा. पानी के ऊपर चलने वाली मेट्रो के लिए बैटरी से चलने वाली हाइब्रिड बोट्स का इस्तेमाल किया गया है. ये मेट्रो इको-फ्रेंडली भी है. इसमें दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा दी गई है.

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कोच्चि वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत 78 इलेक्ट्रिक बोट और 30 टर्मिनल हैं. ये वाटर मेट्रो कोच्चि बैकवाटर के 76 किमी के क्षेत्र को कवर करेगी.

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मुसाफिरों के लिए वाटर मेट्रो 26 अप्रैल, 2023 को सुबह 7 बजे से शुरू हो जाएगी. पहली मेट्रो हाईकोर्ट-वाइपिन रूट पर चलेगी. जबकि दूसरी रूट वइटिला-क्ककानाड पर  है, जिसकी शुरूआत 27 अप्रैल, 2023 को सुबह 7 बजे से होगी.

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हाईकोर्ट वाटर मेट्रो टर्मिनल से वाइपिन तक जाने में 20 मिनट से भी कम का समय लगेगा. जबकि वइटिला और कक्कानाड टर्मिनल के बीच की दूरी 25 मिनट में तय होगी. मेट्रो सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक चलेगी.

(फोटोःक्विंट हिंदी)

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मुसाफिरों को इन रुटों पर वाटर मेट्रो से सफर करने के लिए कम से कम 20 रुपए किराया देना होगा. जबकि  अधिकतम किराया 40 रुपये होगा.

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सिंगल जर्नी टिकट के अलावा वाटर मेट्रो के पास भी होंगे जो साप्ताहिक, मासिक और तिमाही है. सात दिनों वाले मेट्रो पास और 12 ट्रिप की कीमत 180 रुपये तय की गई है. मासिक ट्रिप पास 30 दिनों के लिए वैध है और 50 ट्रिप के लिए 600 रुपये तय की गई है. जबकि तिमाही पास की कीमत 1,500 रुपये हैं और यात्री 90 दिनों में 150 ट्रिप का लाभ उठा सकेंगे.

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प्रत्येक मेट्रो में 50 से 100 यात्री बैठ सकते हैं. साथ ही वाटर मेट्रो में विकलांगों के लिए रैंप की सुविधा दी गई है. वहीं माताओं के लिए फीडिंग चैंबर और मोबाइल रिचार्ज की सुविधा भी है.

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वाटर मेट्रो में ऑटोमेटिक बोट लोकेटिंग सिस्टम और पैंसेजर कंट्रोल सिस्टम भी होगा. यह वाटर मेट्रो आठ समुद्री मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी.

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इस वाटर प्रोजेक्ट की कुल लागत 1,136.83 करोड़ रुपये है. जिसमें एक वाटर मेट्रो के लिए 7 करोड़ रुपये की लागत लगी है. वहीं इस वाटर मेट्रो के प्रोजेक्ट में केरल सरकार द्वारा 100 करोड़ और बाकि जर्मन फंडिंग एजेंसी KFW के द्वारा पैसा लगाया गया है.

(फोटोःक्विंट हिंदी)

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