दिल्ली के रामलीला मैदान में 20 मार्च, 2023 को किसान महापंचायत चल रही है. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt kisan morcha) के बैनर तले यह महापंचायत हो रही है. इस दौरान किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) के साथ कृषि भवन में बैठक की. बता दें कि किसानों का यह पंचायत किसानों को पेंशन देने, कर्ज माफी, किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजा देने और बिजली विधेयक वापस लेने की मांग को लेकर की गई है.

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संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 20 मार्च, 2023 को महापंचायत का आयोजन किया गया है. 3 साल बाद दिल्ली के रामलीला मैदान में  हजारों किसान फिर से जुटे हैं.

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इस महापंचायत की शुरुआत सुबह 10 बजे हुई थी जो दोपहर साढ़े तीन बजे तक चलेगी. इस महापंचायत में देश के सभी राज्यों से 20 हजार किसान मजदूर रामलीला मैदान पहुंचे.

(फोटोःक्विंट हिंदी)

इस महापंचायत का आयोजन 10 सूत्री मांगों को लेकर किया गया हैं. 

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10 सूत्री मांग इस प्रकार हैं- स्वामीनाथन मीनाथन आयोग की सिफारिश पर MSP, MSP की कानूनी गारंटी के लिए नई समिति, उर्वरकों और फसलों पर लागत में कमी की मांग, कृषि के लिए मुफ्त बिजली दी जाए, आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवार को मुआवजा. लखीमपुर खीरी कांड में एक्शन हो, सभी फसलों के लिए फसल बीमा और मुआवजा पैकेज, आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाएं, किसानों और खेत-मजदूरों के लिए किसान पेंशन योजना, सिंघु बॉर्डर पर जान गंवाने वाले किसानों के स्मारक के लिए जमीन

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इस महापंचायत में पहुंचे जय किसान आंदोलन के अध्यक्ष अविक साहा ने कहा कि, किसान की जीत अभी अधूरी थी, क्योंकि किसान आंदोलन 3 नए कृषि कानूनों को रद्द कराने के साथ ही MSP की गारंटी पर कानून बनाने को लेकर शुरू हुआ था. MSP गारंटी की मांग खुद पीएम नरेन्द्र मोदी ने 2011 में उठाई थी, जब वह गुजरात के सीएम थे. एमएसपी को कानूनी गारंटी मिले, यहीं हम चाहते हैं.

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अविक साहा ने आगे कहा कि, सरकार का अहंकार गया नहीं है, चालाकी और तिकड़म अभी खत्म नहीं हुई,  इसलिए किसान संघर्ष जारी रखेगा और आज दिल्ली में किसान फिर से सरकार को चेतावनी देने आये हैं.

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इस महापंचायत के दौरान किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ कृषि भवन में बैठक की. 

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किसानों के इस प्रतिनिधिमंडल में आर वेंकैया (अखिल भारतीय किसान सभा), डॉ सुनीलम (किसान संघर्ष समिति), प्रेम सिंह गहलावत (अखिल भारतीय किसान महासभा), वी वेंकटरमैया (अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा), सुरेश कोठ (भारतीय किसान मजदूर यूनियन), युद्धवीर सिंह   (भारतीय किसान यूनियन), हन्नान मोल्लाह (अखिल भारतीय किसान सभा), बूटा सिंह बुर्जगिल (भारतीय किसान यूनियन, दकुंडा), 
जोगिंदर सिंह उगराहा, सत्यवान (अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन), पुष्पेंद्र सिंह (जय किसान आंदोलन), दर्शन पाल (क्रांतिकारी किसान यूनियन), मंजीत राय, हरिंदर लाखोवाल, सतनाम सिंह बहरू (भारतीय किसान संघ) शामिल हुए.

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कृषि मंत्री के साथ बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि, ये सरकार आंदोलन के बिना हमें एमएसपी नहीं देगी. अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो आने वाले 20-21 दिनों में बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए रामलीला मैदान में मौजूद हजारों किसान.

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ये किसानदेश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे हैं.

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बता दें कि रामलीला मैदान तक बसों की आवाजाही बंद होने के कारण किसान डेढ़-दो किलोमीटर पैदल चलकर रामलीला मैदान पहुंचे.

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किसानों के आंदोलन के चलते दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान में 2,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया. साथ ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कई रास्तों पर रूट डायवर्जन भी किया गया है. वहीं वाहन चालकों को दूसरे रूटों से गुजरने की सलाह दी गई है. 

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