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दिल्ली में किसान महापंचायत आज, देश भर से पहुंचे लाखों किसान, क्या है मांग?

Kisan Mahapanchayat In Delhi: किसान एक बार फिर एमएसपी, कर्जमाफी, बिजली बिल जैसे मुद्दों पर केद्र सरकार को घेरेगी.

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>Ramlila Maidan में किसानों की महापंचायत</p></div>
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Ramlila Maidan में किसानों की महापंचायत

(फोटोः अलटर्ड बाइ क्विंट)

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संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt kisan morcha) 20 मार्च, 2023 को दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत कर रहा है, जिसमें देश के कई राज्यों से लाखों किसान के दिल्ली पहुंचे हैं, जिसमें कृषि आय को कम करने और कॉर्पोरेट लाभ के लिए खेत, वन और प्राकृतिक संसाधनों को छीनने जैसे मुद्दों को उठाया गया. बता दें कि तीन साल बाद फिर से किसान आंदोलन का आह्वान दिल्ली में किया जा रहा है. 

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के नेता आज महापंचायत में किसान, आदिवासी किसान, महिला किसान, खेत मजदूर और प्रवासी मजदूर, ग्रामीण श्रमिक, बेरोजगारी, और बढ़ती निर्वाह व्यय और घटती क्रय शक्ति जैसे मुद्दों पर विस्तार से बात रखेंगे. इसके अलावा केंद्र सरकार से 9 दिसंबर, 2021 को दिए गए लिखित आश्वासनों को पूरा करने और लगातार बढ़ते संकट के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग करेगा.

महापंचायत में इन मुद्दों पर रहेगा फोकस

  • स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार, सभी फसलों पर सी2+50 प्रतिशत के फार्मूला के आधार पर एमएसपी पर खरीद की गारंटी के लिए कानून लाया और लागू किया जाए.

  • SKM के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी पर गठित समिति और इसका घोषित ऐजेंडा किसानों की मांगों के विपरीत है. इसलिए इस समिति को रद्द कर, SKM के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए किसानों के उचित प्रतिनिधित्व के साथ, सभी फसलों की कानूनी गारंटी के लिए एमएसपी पर एक नई समिति को गठित किया जाए, जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा वादा किया गया था.

  • कृषि में बढ़ती लागत और फसल के लिए लाभकारी मूल्य न मिलने के कारण 80% से अधिक किसान कर्ज में डूब चुके हैं और आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं. ऐसी स्थिति में सभी किसानों के लिए कर्ज मुक्ति और उर्वरकों सहित लागत कीमतों में कमी की मांग.

  • संयुक्त संसदीय समिति को विचारार्थ भेजे गए बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लिया जाए. दरअसल, केंद्र सरकार ने एसकेएम को लिखित आश्वासन दिया था कि मोर्चा के साथ विमर्श के बाद ही विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने इसे बिना किसी चर्चा के संसद में पेश कर दिया. संयुक्त किसान मोर्चा कृषि के लिए मुफ्त बिजली और ग्रामीण परिवारों के लिए 300 यूनिट बिजली की मांग को फिर दोहराता है.

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  • लखिमपुर खेरी जिले के तिकोनिया में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को कैबिनेट से बाहर किया जाए और गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए.

  • किसान आंदोलन के दौरान लखिमपुर खेरी में शहीद और घायल हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास प्रदान करने का वादा जो सरकार ने किया है उसे पूरा किया जाएं.

  • अप्रभावी और वस्तुतः परित्यक्त प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को रद्द कर, बाढ़, सुखा, ओलावृष्टि, असामयिक या अत्यधिक बारिश, फसल संबंधित बीमारियां, जंगली जानवर, आवारा पशु के कारण किसानों द्वारा लगातार सामना किए जा रहे नुकसान की भरपाई के लिए सरकार सभी फसलों के लिए सार्वभौमिक, व्यापक और प्रभावी फसल बीमा और मुआवजा पैकेज को लागू करें. नुकसान का आकलन व्यक्तिगत भूखंडों के आधार पर किया जाना चाहिए.

  • सभी किसानों और खेत-मजदूरों के लिए ₹5,000 प्रति माह की किसान पेंशन योजना को तुरंत लागू किया जाए.

  • किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी शासित राज्यों और अन्य राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए फर्जी मामले तुरंत वापस लिया जाए.

  • सिंघु मोर्चा पर शहीद किसानों के लिए एक स्मारक के निर्माण के लिए भूमि आवंटन किया जाए.

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