उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी और अक्सर ‘नवाबों के शहर’ के रूप में पहचाने वाले शहर लखनऊ (Lucknow) भारत के सबसे प्राचीन और बहुसांस्कृतिक पर्यटन स्थलों में से एक है. यह उत्तर भारत का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. बता दें कि लखनऊ देश का 11वां सबसे बड़ा शहर भी है, जो गोमती नदी के किनारे स्थित है. लखनऊ एक ऐसा शहर है जो अपने शानदार नजारों से यहां आने वाले लोगों के चेहरों पर एक अनोखी मुस्कान छोड़ देता है.

<div class="paragraphs"><p>(फोटो- तनुज पाण्डेय/क्विंट हिंदी)</p></div>

Hazrajganj Lucknow: हजरतगंज को नवाबों के शहर लखनऊ का दिल कहा जाता है. यहां पर करीब दो किलोमीटर से लेकर तीन किलोमीटर तक की एक लंबी सी लाइन है, जिसे लवलेन मार्केट कहते हैं. यह बाजार करीब 20 साल पुराना है,और यहां आपको हर तरह की चीजें मिल जाएंगी.

(फोटो- तनुज पाण्डेय/क्विंट हिंदी)

Nawab Wajid Ali Shah Zoological Garden Lucknow: नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान प्रदेश का सबसे पुराना चिड़ियाघर है. इसकी स्‍थापना 1921 में हुई थी. लखनऊ के बीचोंबीच स्‍थ‍ित यह च‍िड़‍ियाघर 29 हेक्टेयर में फैला हुआ है. लखनऊ चिड़ियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर, व्हाइट टाइगर, लायन, वुल्फ, ग्रेट पाइड हार्नबिल, गोल्डन तीतर और सिल्वर तीतर जैसे कई आकर्षक जानवर रहते हैं.

(फोटो- तनुज पाण्डेय/क्विंट हिंदी)

Aminabad Bazaar Lucknow: सच कहा जाए तो कपड़े कहीं भी मिल जाते हैं लेकिन डिफरेंट कपड़े लेना है, तो अमीनाबाद बाजार में कई ऑप्शन मौजूद हैं.

(फोटो- तनुज पाण्डेय/क्विंट हिंदी)

Indira Gandhi Planetarium Lucknow: इंदिरा गांधी तारामंडल नबीउल्लाह रोड, सूरजकुंड पार्क, लखनऊ में गोमती नदी के तट पर स्थित है. लखनऊ में यह बच्चों के अनुकूल पर्यटक आकर्षण प्रदर्शनियों, स्किप और विभिन्न आकर्षक शो के माध्यम से खगोल विज्ञान के विभिन्न पहलुओं के बारे में कुछ उपयोगी ज्ञान प्रदान करता है.

(फोटो- तनुज पाण्डेय/क्विंट हिंदी)

Chhota Imambara Lucknow: छोटा इमामबाड़ा या हुसैनाबाद इमामबाड़े का निर्माण 'मोहम्मद अली शाह' ने करवाया था. छोटा इमामबाड़ा या हुसैनाबाद इमामबाड़ा का निर्माण 1837 ई. में करवाया गया था. यह छोटा इमामबाड़ा के नाम से अधिक प्रसिद्ध है. ऐसा माना जाता है कि मोहम्मद अली शाह को यहीं पर दफनाया गया था.

(फोटो- तनुज पाण्डेय/क्विंट हिंदी)

Lucknow Jama Masjid: लखनऊ जामा मस्जिद, जिसे साल 1839 में नवाब मोहम्मद अली शाह बहादुर द्वारा बनवाया गया था. हालांकि मस्जिद को पूरा करवाने का काम उनकी पत्नी मल्लिका जहां बेगम ने 1840 में करवाया था.

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Janeshwar Mishra Park Lucknow: लखनऊ में वर्ष 2014 में जनेश्वर मिश्र पार्क का अनावरण हुआ. इस पार्क में पेड़-पौधे,जोगिंग ट्रक, गोल्फ कोर्स, ओपन जिम साथ ही बच्चों के लिए शानदार झूले भी मौजूद हैं. इस पार्क में सब कुछ इतना भव्य है कि,आप एक बार आने के बाद इस पार्क में बार-बार आना पसंद करेंगे.

(फोटो- तनुज पाण्डेय/क्विंट हिंदी)

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Hanumant Dham Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के किनारे पर स्थित है एक ऐसा आस्था का प्रतीक जिसकी दिव्यता भव्यता अद्भुत है. हम बात कर रहे हनुमंत धाम लखनऊ की जिसमे छोटी बड़ी कुल मिलाकर यहां पर सवा लाख हनुमान जी की छोटी बड़ी प्रतिमाएं स्थापित हैं.

(फोटो- तनुज पाण्डेय/क्विंट हिंदी)

Satkhanda Lucknow: सतखंडा पैलेस हुसैनाबाद घंटाघर लखनऊ के पास बनी इस इमारत का निर्माण नवाब मोहम्मद अली शाह ने 1842 में करवाया था. इमारत की विशेषता यह है कि हर मंजिल अपने से नीचे वाली मंजिल से छोटी होती गई है और साथ ही साथ बनावट में भी बदलाव आता गया है.

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Picture Gallery Lucknow: पिक्चर गैलरी 19वीं शताब्दी में छोटा इमामबाड़ा के निकट घंटाघर के समीप यह पिक्चर गैलरी बनी है. यहाँ लखनऊ के करीब सभी नवाबों की तस्वीरें देखी जा सकती हैं. यह गैलरी लखनऊ के उस अतीत की याद दिलाती है जब यहाँ नवाबों का डंका बजता था.

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Lucknow Bhool-Bhulaiya: लखनऊ के शानदार पर्यटन स्थलों में से एक बड़ा इमामबाड़ा है. यहां कि सबसे बड़ी खासियत इसकी दीवारें और ढांचा है. उड़द की दाल और कंकरीट से बनी इसकी दीवारें अनोखी हैं. बिना खंभे वाले इस बड़ा इमामबड़ा को देखने हजारों की संख्या में पर्यटक आते रहते हैं.

(फोटो- तनुज पाण्डेय/क्विंट हिंदी)

Lucknow Residency: देश की आज़ादी के ऐतिहासिक संघर्षों का जब भी जिक्र आता है तो लखनऊ की रेजीडेंसी की बात किए बिना वो अधूरा ही होगा. ये जगह 1857 में आजादी की पहली लड़ाई की गवाह रही है.

(फोटो- तनुज पाण्डेय/क्विंट हिंदी)

Clock Tower Lucknow: नवाबों की नगरी लखनऊ में देश का सबसे ऊंचा घंटाघर है. हुसैनाबाद क्लॉक टॉवर लखनऊ शहर में स्थित एक घड़ी का टावर है. यह 1881 में नवाब नसीर-उद-दीन हैदर द्वारा सर जॉर्ज कूपर के आगमन के लिए बनाया गया था, जो अवध के संयुक्त राज्यों के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर थे. यह 1.75 लाख रुपये की लागत से बनाया गया था.

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Shaheed Smarak Lucknow: लखनऊ के गोमती नदी के तट पर एक सुंदर पार्क के बीच शहीद स्मारक को लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा अज्ञात और गुमनाम सेनानियों की बनवाया गया था जिन्होंने 1857 में आजादी के पहले युद्ध में अपनी जान गवा दी थी.

(फोटो- तनुज पाण्डेय/क्विंट हिंदी)

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