Home Photos मधुमिता शुक्ला मर्डर: हत्या से लेकर दोषी की रिहाई तक, 20 सालों में क्या-क्या हुआ?
मधुमिता शुक्ला मर्डर: हत्या से लेकर दोषी की रिहाई तक, 20 सालों में क्या-क्या हुआ?
Madhumati Shukla की हत्या के दोषियों की रिहाई का आदेश जारी हो चुका है
क्विंट हिंदी
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मधुमिता शुक्ला मर्डर: हत्या से लेकर दोषी की रिहाई तक, 20 साल में क्या-क्या हुआ?
फोटो- क्विंट हिंदी)
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यूपी (Uttar Pradesh) की प्रसिद्ध कवयित्री 24 वर्षीय मधुमिता शुक्ला (Madhumita Shukla) की हत्या के दोषी उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी (Madhumani Tripathi) को शुक्रवार, 25 अगस्त को जेल से रिहा कर दिया गया. सात महीने की गर्भवती मधुमिता की हत्या लखनऊ में उनके घर पर कर दी गई थी.
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी 2018 की रेमिशन पॉलिसी के अनुसार, दोनों दोषियों को समय से पहले ही रिहाई का आदेश दे दिया. दोनों 2007 से आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
9 मई 2003 को मधुमिता की लखनऊ के पेपर मिल कॉलोनी में उनके आवास पर हत्या हो गई. मधुमिता अविवाहित थी. दो शख्स ने उन्हें बहुत ही करीब से गोली मारी थी.
(फोटो: एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)
26 मई 2003 को, सीआईडी ने मधुमिता के भ्रूण का पेटर्निटी टेस्ट करवाया था और 4 सितंबर 2003 को रिजल्ट में पता चला कि यह अमरमणि के डीएनए से मैच हो गया. अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि दोनों को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया था और सीआईडी से केस अपने हाथ ले लिया था.
(फोटो: एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सीबीआई ने कहा कि अमरमणि ने मधुमिता को गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया था. जब मधुमिता ऐसा करने से इनकार कर दिया तो अमरमणि की पत्नि ने मधुमिता को मारने की साजिश रची.
(फोटो: एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)
अक्टूबर 2007 में, देहरादून की एक अदालत ने मधुमिता की हत्या के लिए अमरमणि, उनकी पत्नी और दो अन्य - अमरमणि के भतीजे रोहित चतुर्वेदी और एक कॉन्ट्रैक्ट किलर संतोष राय - को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. बाद में, नैनीताल हाई कोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा.
मधुमिता के बचपन की तस्वीर, बचपन से ही उन्हें कविता में रूचि थी.
(फोटो: एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)
मधुमिता की बहन निधि शुक्ला के अनुरोध पर ही मामले की सुनवाई उत्तर प्रदेश के बाहर की गई थी. निधि ने निष्पक्ष और त्वरित सुनवाई की मांग के लिए ऐसी डिमांड रखी थी.
(फोटो: एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)
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पुलिस को मधुमिता की कथित डायरी मिलने के बाद अमरमणि के साथ उनके संबंध के बारे में पता चला था. डायरी में ये भी लिखा था कि वह पहली बार 'मंत्री जी' (अमरमणि) से नवंबर 1999 में मिली थी और उनके 'मजबूत' व्यक्तित्व के कारण उनके प्यार में पड़ गई थी.
(फोटो: एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)
उस समय अमरमणि चार बार के विधायक थे. अमरमणि 1997 से 2000 तक कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह की बीजेपी सरकारों में मंत्री रहे. वह मायावती सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं.
(फोटो: एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)
कई 'कवि सम्मेलनों' की स्टार मधुमिता शुक्ला यूपी के लखीमपुर खीरी की एक कवयित्री थीं, जो किशोरावस्था से ही मंच पर कविता पढ़ती आ रही थीं. वह एक तेजतर्रार कलाकार के रूप में जानी जाती थीं, जो राजनेताओं और सामाजिक मुद्दों पर अपनी कविता में काफी टिप्पणी करती थी.
(फोटो: एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)
मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने दोनों दोषियों की रिहाई के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गोरखपुर जेल से त्रिपाठी दंपति की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.