मणिपुर (Manipur) में बवाल मचा हुआ है. हिंसा और आगजनी के बाद प्रदेश में तनाव की स्थिति है. हालात को काबू में करने के लिए सेना के साथ असम राइफल्स को तैनात किया गया है. 8 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. इसके साथ ही हिंसाग्रस्त इलाकों में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने के मुद्दे पर हंगामा मचा हुआ है. बुधवार, 3 मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद हिंसा भड़क गई थी. जो देखते ही देखते राज्य के कई जिलों में फैल गई.
मणिपुर की राजधानी इंफाल में गुरुवार, 4 मई को उपद्रवियों ने एक मकान में आग लगा दी.
प्रदेश के 8 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं.
मणिपुर के राज्यपाल ने हिंसाग्रस्त इलाकों में दंगाइयों को देखते ही गोली मार देने के राज्य सरकार के फैसले को मंजूरी दे दी है.
मणिपुर में हिंसा के मद्देनजर सेना के साथ असम राइफल्स की कई कंपनियों को तैनात किया गया है. जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बहाली के लिए सेना और असम राइफल्स के कुल 55 कॉलम तैनात किए गए हैं.
मणिपुर में हिंसा के बाद लोग पलायन कर रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग पड़ोसी राज्यों में शरण ले रहे हैं.
भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवान हिंसा प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में जुटे हैं.
सेना और असम राइफल्स ने हिंसा प्रभावित चुड़ाचांदपुर और इंफाल में फ्लैग मार्च और हवाई सर्वेक्षण किया.
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