बीजेपी सासंद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का विरोध एनसीपी एमएलसी प्रकाश गजभिए ने खाकी वर्दी पहनकर किया. प्रकाश गजभिए 26/11 आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अफसर हेमंत करकरे की तरह पुलिस की वर्दी पहनकर विधान परिषद पहुंचे. गजभिए के हाथ में एक तख्ती भी थी, जिसपर लिखा था, 'ये अंधविश्वास है कि मैं साध्वी प्रज्ञा के श्रॉप से मरा, मैंने अपनी जान देश के लिए गंवाई.'

2008 मालेगांव बम धमाके की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान कहा था कि उन्होंने एटीएस चीफ हेमंत करकरे को श्रॉप दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई.

प्रकाश गजभिए पुलिस वर्दी में विधान परिषद पहुंचे, जहां इस वक्त मॉनसून सत्र चल रहा है.

प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर खड़ा हुआ था बड़ा विवाद

‘’मैंने (मुंबई ATS चीफ हेमंत करकरे से) कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा. ठीक सवा महीने में सूतक लगता है. जिस दिन मैं गई थी, उस दिन इसके सूतक लग गया था और ठीक सवा महीने में जिस दिन आतंकवादियों ने इसको मारा, उस दिन उसका अंत हुआ.’’
साध्वी प्रज्ञा, बीजेपी नेता

साध्वी प्रज्ञा के इस बयान के बाद बड़ा विवाद शुरू हो गया था. बयान से पल्ला झाड़ते हुए बीजेपी ने कहा था, ‘बीजेपी का स्पष्ट मानना है कि स्वर्गीय हेमंत करकरे आतंकियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए. बीजेपी ने हमेशा उन्हें शहीद माना है. जहां तक साध्वी प्रज्ञा के इस संदर्भ में बयान का विषय है, वह उनका निजी बयान है जो सालों तक उन्हें हुई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कारण दिया गया होगा.’

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