17 दिसंबर 2012 की सुबह पूरे देश के लिए कभी ना भूलने सुबह थी. 16 दिसंबर की रात दिल्ली में मेडिकल स्टूडेंट के रेप ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. कई दिनों तक अस्पताल में लड़ने के बाद निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया. इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले चार लोगों को मार्च 2020 में फांसी दी गई थी. छह अपराधियों में से एक की जेल में खुदकुशी से मौत हो गई थी और एक नाबालिग अपराधी को सुधार गृह भेजा गया था.

निर्भया गैंगरेप के बाद हुए ऐतिहासिक प्रदर्शनों के 10 साल पूरे होने पर, एक नजर उन आवाजों पर, जिसकी गूंज इंडिया गेट से लेकर संसद तक सुनाई दी थी.

16 दिसंबर को दिल्ली में 23 साल की मेडिकल स्टूडेंट के रेप ने पूरे देश को आक्रोशित कर दिया था. इस घटना के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए. 22 दिसंबर 2022 को राजपथ पर हुए प्रदर्शन पर एक शख्स ने बैनर पकड़ा, जिसपर लिखा था, "India is Raped".

(फोटो: Nilanjana Roy/Wikimedia Commons)

राष्ट्रपति भवन के बाहर भी बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए थे. ये 22 दिसंबर 2012 की तस्वीर है.

(फोटो: Nilanjana Roy/Wikimedia Commons)

प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन से हटाने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया था.

(फोटो: Twitter/Jas Oberoi))

रायसीना हिल पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया था.

(फोटो: Nilanjana Roy/Wikimedia Commons)

दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई कॉलेजों के स्टूडेंट्स ने रायसीना हिल पर हुए प्रदर्शन में भाग लिया था.

(फोटो: Nilanjana Roy/Wikimedia Commons)

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रायसीना हिल पर एक लैंप पोस्ट पर चढ़ी प्रदर्शनकारी

(फोटो: Nilanjana Roy/Wikimedia Commons)

एक नाबालिग समेत छह लोगों ने 16 दिसंबर 2012 की रात निर्भया का गैंगरेप किया था और उसके दोस्त के साथ मारपीट की थी. मुनिरका इलाके में लोगों ने निर्भया की याद में मोमबत्ती जलाई थी.

(फोटो: Facebook/Sarabjeet Singh Matharu)

निर्भया के माता-पिता ने भी कैंडल लाइट मार्च में हिस्सा लिया था. निर्भया की मां आशा देवी ने उस समय मीडिया से बात करते हुए कहा था, "हम सरकारों और कानून बनाने वालों को जगाने के लिए देशभर में न्याय के लिए लड़ाई लड़ेंगे. हम चाहते हैं कि अन्य दोषियों को फांसी दी जाए और नाबालिग के लिए कड़ी सजा का कानून तुरंत पारित किया जाए."

(फोटो: PTI)

इंडिया गेट पर 21 दिसंबर 2012 को हुआ कैंडल लाइट मार्च

(फोटो: Ramesh Lalwani/Wikimedia Commons)

21 दिसंबर 2012 को प्रदर्शनकारियों ने इंडिया गेट पर मौन प्रदर्शन भी किया.

(फोटो: Ramesh Lalwani/Wikimedia Commons)

इंडिया गेट पर हुए एक प्रदर्शन में एक शख्स ने बैनर पकड़ा हुआ था, जिसपर लिखा था, "रेप आतंकवाद है."

(फोटो: Ramesh Lalwani/Flickr)

20 दिसंबर 2012 राजपथ पर हुए प्रदर्शन में लोगों ने निर्भया के लिए इंसाफ की मांग की थी.

(फोटो: Twitter/Alka Lamba)

इंडिया गेट पर प्रदर्शन के दौरान एक बैनर, जिसपर लिखा था, "शर्मनाक! दिल्ली पुलिस ने रेप होने दिया."

(फोटो: Twitter/Alka Lamba)

सफदरजंग अस्पताल, जहां निर्भया को शुरुआत में भर्ती किया गया था, वहां भी लोगों ने प्रदर्शन किया.

(फोटो: Twitter/Mohammed Zubair)

बेंगलुरु टाउन हॉल में 30 दिसंबर को निर्भया को इंसाफ की मांग करते हुए प्रदर्शन हुए.

(फोटो: Jim Ankan Deka/Wikimedia Commons)

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