पोर्न देखना किसी की पर्सनल च्वाइस हो सकती है. लेकिन अगर पोर्नोग्राफी पुरुष या महिला के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ रिश्तों पर नेगेटिव असर डाल रहा हो, तो ये खतरनाक हो सकता है, बहुत अधिक खतरनाक. पोर्नोग्राफी का उपयोग सामान्य है और इससे कपल के सेक्स लाइफ पर पॉजिटिव प्रभाव भी पड़ सकता है. लेकिन बार-बार और बहुत ज्यादा देखना हानिकारक हो सकता है. आज फिट हिंदी की इस फोटो स्टोरी में एक्सपर्ट्स से जानेंगे, पोर्न एडिक्ट होने पर होने वाले नुकसान और समस्याओं के बारे में.

<div class="paragraphs"><p>(फोटो: iStock)</p></div>

पोर्न देखना यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है: बहुत ज्यादा पोर्न देखने के कारण नपुंसकता (Erectile dysfunction), विलंबित स्खलन (delayed ejaculation), यौन संतुष्टि में कमी, अंतरंग संबंध बनाने में असमर्थता के शिकार हो सकते हैं. इसका असर केवल यौन ही नहीं बल्कि भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी होता है. मानसिक अस्थिरता, 40 वर्ष से कम आयु के पुरुषों में कामेच्छा में कमी (diminished libido) और महिलाओ में उत्तेजना की कमी जैसे कई प्रभाव होते हैं. 

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पोर्न रिश्तों को नुकसान पहुंचाता है: पोर्न देखने वाले का उदासीन हो जाना और पार्टनर के साथ कम सेक्स करना आम बात है. पोर्नोग्राफी के उपयोग को एडल्टरी (adultery) और दूसरे व्यक्ति द्वारा रिश्ते को धोखा देने के रूप में देखा जा सकता है. पोर्नोग्राफी का उपयोग करने से पार्टनर को डर लगता है और अपर्याप्त यौन संबंध महसूस करता है. पोर्न देखने वाले और पार्टनर दोनों के लिए संबंध में यौन संतुष्टि और इमोशनल इंटिमेसी कम हो जाती है. पोर्नोग्राफी के कारण कभी-कभी बेईमानी और धोखे की वजह से, रिश्तों के बीच का विश्वास चला जाता है.

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पोर्न ज्यादा देखने से मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है: एक नई रिसर्च से सामने आया है कि इंटरनेट पर पॉर्न देखने और इम्‍पल्सिव व्‍यवहार के बीच गहरा नाता है. इन स्टडीज में पाया गया है कि ज्यादा पोर्न देखने के आदी लोगों में इसकी वजह से दिमाग पर वैसा ही प्रभाव पड़ता है, जैसा कि नशीले पदार्थों के सेवन और उस पर आदी होने की वजह से होता है. पिछले एक दशक में इस बारे में काफी रिसर्च हुई है और लंबे समय तक पोर्न देखने वाले लोगों पर इसकी वजह से होने वाले मनोवैज्ञानिक नुकसान (psychological harm) की ओर इशारा किया गया है. चिड़चिड़ापन, गुस्सा, खुद को बेकार समझना जैसी भावना ऐसे लोगों में घर करने लगती है.

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पोर्न का बुरा असर पढ़ाई और करियर पर पड़ता है: बच्चा जब जवानी की तरफ जाने लगता है, तब उसके शरीर में बदलाव आने शुरू हो जाते हैं. ऐसे समय में हार्मोन का स्तर बढ़ता-घटता रहता है क्योंकि बच्चे किशोरावस्था से वयस्कता की ओर जाते हैं. इस दौरान लड़कों का लड़कियों की ओर और लड़कियों का लड़कों की ओर आकर्षण बढ़ता है. समय पर सही सेक्स एजुकेशन नहीं मिलने पर और शरीर/मन में उठ रहे सवालों/उत्तेजना को पूरा करने के लिए लोग पॉर्न की ओर जाते हैं. अगर यह सारी चीजें एक दायरे के भीतर हो रही हैं तो उसे सामान्य समझा जाता है लेकिन अगर यह दायरे से बाहर चली गई यानी कि इसकी वजह से बच्चे की पढ़ाई-लिखाई को नुकसान पहुंचने लगे या नौजवानों के करियर में इसकी वजह से बाधा आने लगे तो ये जीवन भर की समस्या बन सकती है.

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एक निष्क्रिय जीवन शैली दे सकता है: जब हम पोर्न देखते हैं, तो डोपामाइन और सेरोटोनिन, हमारे दिमाग के चार तथाकथित "हैप्पी केमिकल्स" में से दो रिलीज होते हैं. जब कोई व्यक्ति एक्सरसाइज करता है, तो वही रसायन निकलते हैं. ऐसे में एक्सरसाइज और पोर्न दोनों एक ही न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज करते हैं, जिससे पोर्न देखने के बाद वर्कआउट करना कम आकर्षक हो जाता है क्योंकि आपका शरीर पहले से ही सेरोटोनिन और डोपामाइन से ओवरलोड हो चुका होता है. इससे व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पढ़ता है.

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बार-बार पॉर्न देखने से प्रोडक्टिविटी की कम हो सकती है: जब कोई पोर्न देखता है, तो वह मल्टीटास्किंग नहीं कर सकता, क्योंकि अगर वे पोर्न देख रहे हैं, तो वे उस समय कुछ और नहीं कर सकते हैं. Reddit समुदाय NoFap के एक सर्वेक्षण के अनुसार, जिन सदस्यों ने पोर्न देखना बंद किया, उनमें से 67% सदस्यों ने पाया कि पोर्न छोड़ने के बाद उनकी ऊर्जा और उत्पादकता में काफी वृद्धि हुई है.

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अधिक पोर्न देखना व्यक्ति को खुशियों, अवसरों और गतिविधियों से दूर रखता है: दौड़ने के लिए जाना, बास्केटबॉल खेलना या पहली बार रॉक क्लाइंबिंग की कोशिश करना शारीरिक रूप से सक्रिय होने के कुछ उदाहरण हैं. वहीं करियर बनाना, अपने शौक/हॉबी पूरे करना, दोस्तों के साथ घूमना, सामुदायिक सेवा करना या परिवार के साथ रात का खाना बनाना, जीवन को खुशी देने वाले काम हैं. इसमें एक नई नौकरी प्राप्त करना, डेट पर जाना या अपने कुत्ते के साथ खेलना भी शामिल हो सकता है. पोर्न एडिक्ट होने पर इनमें से कोई भी काम करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि इसमें समय और एनर्जी लगती है, जो दे पाना पोर्न एडिक्ट के लिए संभव नहीं होती. वो हमेशा अकेला रहने की तलाश में रहता है.

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पेड पोर्नोग्राफी में एक्सक्लूसिव कंटेंट देखने से पड़ता है जेब पर असर: पोर्न की लत अकसर बढ़ सकती है और वास्तविक दुनिया की सेक्स की लत में बदल सकती है और इन दोनों स्थितियों में हो सकता है कि हजारों रुपये खर्च करने पड़ सकते हों. इंटरनेट का बड़ा हिस्सा मुफ्त पोर्नोग्राफी दिखाता है, जो पोर्न एडिक्ट बनाने का काम करता है.  ज्यादातर एडिक्ट को अपनी लत का एहसास नहीं होता जब तक कि बहुत देर न हो जाए. एक बार लत लगने के बाद, अक्सर मुफ्त इंटरनेट पोर्नोग्राफी बस होती है पर्याप्त नहीं. धीरे-धीरे पोर्न  एडिक्ट आकर्षक विज्ञापनों के कारण पेड पोर्नोग्राफी की तरफ बढ़ने लगता है.

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