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शरत को नहीं पता था, पोर्नग्राफी देखना कब धीरे-धीरे उसके लिए एक एडिक्शन बन जाएगा. एक ऐसा एडिक्शन जो उसकी 1 साल की शादीशुदा जिंदगी को तलाक के रास्ते पर ला कर छोड़ देगा. नौकरी तो पहले ही छूट चुकी है अब बीवी भी साथ नहीं हैं.
आज के इस आर्टिकल में हम 2 ऐसे व्यक्ति से बात करेंगे जो पोर्नोग्राफी की एडिक्शन (Porn Addiction) का शिकार बनें. साथ ही एक्सपर्ट्स से जानेंगे, पॉर्न देखना यौन (sexual) और मेंटल स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है? पॉर्न रिश्तों को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है? क्या हैं पॉर्न देखने से होने वाली समस्याएं? इंटरनेट कैसे सेक्सुअल हेल्थ (पॉर्न देखने के कारण) को नुकसान पहुंचा रहा है? पॉर्न के साइड इफेक्ट्स/लत से कैसे खुद को बचाएं? साथ ही किस हद तक पॉर्न देखने में कोई नुकसान नहीं है?
पॉर्न देखना किसी की पर्सनल च्वाइस हो सकती है. लेकिन अगर पोर्नोग्राफी पुरुष या महिला के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ उसके रिश्तों पर नेगेटिव असर डाल रहा हो, तो ये खतरनाक हो सकता है, बहुत अधिक खतरनाक.
फिट हिंदी से बात करते हुए अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर शरत ने बताया कि पहली बार पॉर्न उन्होंने 7वीं क्लास में देखी थी. स्कूल के और भी दोस्त पॉर्न देखा करते थे.
सेक्सोलॉजिस्ट, डॉ. अंजलिका आत्रेय कहती हैं, "बच्चा जब जवानी की तरफ जाने लगता है, तब उसके शरीर में बदलाव आने शुरू हो जाते हैं. जैसे लड़कों की दाढ़ी आने लगती है, आवाज भारी होने लगती है और शरीर के अंगों का आकार बड़ा होने लगता है. दूसरी ओर लड़कियों में स्तन का विकास होने लगता है और ऐसे समय में हार्मोन का स्तर बढ़ता-घटता रहता है क्योंकि आप किशोरावस्था से वयस्कता की ओर जाते हैं".
डॉ अंजलिका आत्रेय आगे कहती हैं कि पॉर्न देखने के बाद हस्तमैथुन बेहद आम बात है लेकिन अगर इसपर कोई कंट्रोल नहीं है और इसका असर व्यक्ति के आम जीवन पर पड़ रहा है तो यह एक बड़ी समस्या बन जाती है. इससे इंसान के यौन स्वास्थ्य पर बहुत खराब प्रभाव पड़ता है.
पोर्नोग्राफी के कारण लवलीन (बदला हुआ नाम) का हंसता- खेलता परिवार बिखड़ गया था. लवलीन की शादी को 7 साल हो गये थे जब उन्हें अपने पति के पोर्नोग्राफी की एडिक्शन के बारे में पता चला.
पोर्नोग्राफी के कारण उसे देखने वाले और उनके अंतरंग संबंध दोनों पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है. लोगों पर पोर्नोग्राफी के सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभावों में एडिक्शन (Addiction), सामाजिक अलगाव, बढ़ी हुई आक्रामकता, संबंधों और कामुकता (sexuality) के बारे में खराब विचार और धारणाएं, स्वयं के बारे में खराब भावनाएं और अपने जीवन के अन्य हिस्सों की उपेक्षा करना शामिल है.
डॉ. चिराग भंडारी बताते हैं कि कैसे पोर्नोग्राफी जोड़ों के बीच के संबंधों पर खराब प्रभाव डाल सकती है:
पोर्नोग्राफी के बिना उपयोगकर्ता को यौन उत्तेजना (sexually aroused) होने में परेशानी होती है.
पोर्न देखने वाले का उदासीन हो जाना और पार्टनर के साथ कम सेक्स करना.
पोर्नोग्राफी के उपयोग को एडल्टरी (adultery) और दूसरे व्यक्ति द्वारा रिश्ते को धोखा देने के रूप में देखा जा सकता है.
पोर्नोग्राफी का उपयोग करने से पार्टनर को डर लगता है और अपर्याप्त यौन संबंध महसूस करता है.
पार्टनर को कुछ ऐसे यौन व्यवहार (sexual practices) की आदत हो सकती है, जो अनुचित हों.
पोर्न देखने वाले और पार्टनर दोनों के लिए संबंध में यौन संतुष्टि और इमोशनल इंटिमेसी कम हो जाती है.
पोर्नोग्राफी के कारण कभी-कभी बेईमानी और धोखे की वजह से, रिश्तों के बीच का विश्वास खो जाता हैं.
लवलीन ने फिट हिंदी को बताया, "मुझे पता था राहुल (बदला हुआ नाम) पॉर्न वेबसाइट्स चेक करते हैं पर ये एक नार्मल बात समझ मैंने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. कोविड लॉकडाउन के दौरान राहुल को बिना बात गुस्सा करते और हर समय अकेले रहने की डिमांड करते देख मुझे शक हुआ".
पिछले कई दशकों से लोग पॉर्न देखते आ रहे हैं. शुरुआत में यह प्रिंट मीडिया की शक्ल में था और आगे चलकर वीडियो भी उपलब्ध होने लगे. अब इंटरनेट की बढ़ती लोकप्रियता और उसके जरिए खुलने वाली पोर्न वेबसाइटों के बाजार ने पॉर्न की लत को कई गुना बढ़ा दिया है.
"क्लास में टॉप करने वाला स्टूडेंट तो मैं कभी नहीं रहा पर बोर्ड एग्जाम में मेरे नंबर बहुत कम आए. ऐसा होना ही था क्योंकि पॉर्न देखने की लत के कारण मेरे ध्यान ना तो पढ़ाई में लगता और ना खेल-कूद में. माता-पिता चाहते थे मैं इंजीनियर बनूं, उनका का सपना भी टूट गया. मुझे खुद पर गुस्सा आता था पर मैं अपना गुस्सा परिवार और दोस्तों पर निकालने लगा था" शरत ने कहा बहुत सोचने के बाद ये बात कही.
बार-बार पॉर्न देखने से उत्पादकता (productivity) कम हो सकती है: जब कोई पोर्न देखता है, तो वह मल्टीटास्किंग नहीं कर सकता, क्योंकि अगर वे पोर्न देख रहे हैं, तो वे कुछ और नहीं कर सकते हैं. Reddit समुदाय NoFap के एक सर्वेक्षण के अनुसार, जिन सदस्यों ने पोर्न देखना बंद किया, उनमें से 67% सदस्यों ने पाया कि पोर्न छोड़ने के बाद उनकी ऊर्जा और उत्पादकता में काफी वृद्धि हुई है.
यह एक निष्क्रिय जीवन शैली दे सकता है: जब हम पोर्न देखते हैं, तो डोपामाइन और सेरोटोनिन, हमारे दिमाग के चार तथाकथित "हैप्पी केमिकल्स" में से दो रिलीज होते हैं. जब कोई व्यक्ति एक्सरसाइज करता है, तो वही रसायन निकलते हैं. ऐसे में एक्सरसाइज और पोर्न दोनों एक ही न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज करते हैं, जिससे पोर्न देखने के बाद वर्कआउट करना कम आकर्षक हो जाता है क्योंकि आपका शरीर पहले से ही सेरोटोनिन और डोपामाइन से ओवरलोड हो चुका होता है.
यह एक व्यक्ति को खुशियों, अवसरों और गतिविधियों से दूर रखता है: दौड़ने के लिए जाना, बास्केटबॉल खेलना या पहली बार रॉक क्लाइंबिंग की कोशिश करना शारीरिक रूप से सक्रिय होने के कुछ उदाहरण हैं. वहीं करियर बनाना, अपने शौक/हॉबी पूरे करना, दोस्तों के साथ घूमना, सामुदायिक सेवा करना या परिवार के साथ रात का खाना बनाना ख़ुशियों में शामिल हो सकता है. इसमें एक नई नौकरी प्राप्त करना, डेट पर जाना या अपने कुत्ते के साथ खेलना शामिल हो सकता है. पोर्न एडिक्ट होने पर इनमें से कोई भी काम करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि इसमें समय और एनर्जी लगती है.
"कोविड लॉकडाउन के दौरान मैं और राहुल हर दिन झगड़ रहे होते थे. कुछ दिनों बाद झगड़ा केवल बातों तक नहीं रहा. बात हमारे माता-पिता तक पहुंच गई थी. जनवरी 2022 में आए ओमिक्रॉन वेव में मैंने राहुल को छोड़ने का फैसला कर लिया" लवलीन उन झगड़ों को याद करते हुए फिट हिंदी से इंटरव्यू को किसी दूसरे दिन पूरा करने की इच्छा जताई.
डॉ. अंजलिका आत्रेय के अनुसार, इंटरनेट से लोग अनफिल्टरड कॉन्टेंट देखते हैं और कोई यह पता नहीं कर सकता कि कौन सा इंसान किस प्रकार का कॉन्टेंट देख रहे हैं. लोग ऑनलाइन वीडियो सेक्स के माध्यम से अपनी यौन जरूरतों को पूरा कर रहे हैं और इस वजह से अतिरिक्त वैवाहिक संबंध एवं तलाक की दर में भी इजाफा हो रहा है.
कोविड महामारी के दौरान बड़ी आबादी को अपना अधिकांश समय घरों के अंदर बिताना पड़ा था और ऐसे में अलग-थलग पड़ गए या फिर परिवारों के संग रहने वाले लोगों को भी कुछ हद तक तनाव से जूझना पड़ा था. हाइ स्पीड इंटरनेट की उपलब्धता के चलते पोर्न इंडस्ट्री का कारोबार खूब तेजी से बढ़ा. दर्शकों को प्रीमियम साइटों का फ्री एक्सेस जैसे लालच दिए गए.
लोगों ने महसूस किया कि कामकाज में उनका मन कम लगा रहा है और वे अधिक कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर के शिकार बनते जा रहे हैं, जहां वे खुद को संतुष्ट करने के लिए पोर्न सामग्री देख रहे हैं.
"तलाक की बात पहले तो राहुल को सिर्फ मेरी नाराजगी लगी पर तलाक के पेपर देख उसे गंभीरता का एहसास हुआ. वो मुझसे मिलने आया, अब हम एक घर में नहीं रहते थे. उसने अपनी पोर्न एडिक्शन की बात मानते हुए सेक्सोलॉजिस्ट से कंसल्ट करने की बात कही. मैं भी रिश्ते को एक और मौका देने को मान गई" लवलीन की आवाज में आज संभावना और खुशी की चहक थी.
वहीं शरत और उनकी बीवी अब साथ नहीं हैं. शरत ने सेक्सोलॉजिस्ट और मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह लेनी शुरू कर दी है.
एक्सपर्ट्स ने बताए पोर्न के साइड इफेक्ट्स से छुटकारा पाने के उपाय:
एक्सरसाइज करें: जब पोर्न देखने की इच्छा हो, तो इसके बजाय बाहर जाकर कसरत करें. अपने आस-पड़ोस में जॉगिंग करें या कुछ जंपिंग जैक करें. आप अधिक मनोरंजक अभ्यासों में भी शामिल हो सकते हैं, जैसे कि स्विमिंग.
पोर्न के लिए बहुत व्यस्त हो जाएं: दिन को पूरी तरह से पैक करके पोर्न से बचना आसान होगा. एक नई रुचि लेने, एक नया कौशल विकसित करने, या खुद को व्यस्त रखने के लिए कोई अन्य गतिविधि खोजें.
मार्गदर्शन और मदद हासिल करें: जो वास्तव में अपनी आदत को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं उन्हें एक परामर्शदाता, आध्यात्मिक गुरु या व्यक्तियों के समूह से सलाह लेने के बारे में सोचना चाहिए, जो एक ही तरह की स्थिति से गुजर रहे हों.
सेक्सोलॉजिस्ट से मिलें: अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आप ज्यादा समय पॉर्न देखते हुए बिता रहे हैं और जरूरत से ज्यादा हस्तमैथुन करते हैं, तो आपको एक सेक्सोलॉजिस्ट को कंसल्ट करना चाहिए.
पार्टनर से बात करें: अपने पार्टनर से बात करें और कोशिश करें इस समस्या का मिल कर कोई स्वस्थ समाधान खोजने का.
पॉर्न देखने में कुछ भी अजीब नहीं है. यह आपको प्लेजर देती है. यही वजह है कि लड़के ही नहीं हैं, लड़कियां भी नियमित रूप से पॉर्न देखती हैं. 2018 के एक स्टडी के मुताबिक, करीब 91.5% पुरुष और 60.2% महिलाएं पोर्नोग्राफिक कंटेंट देखती हैं.
डॉ. चिराग भंडारी कहते हैं, "पॉर्न की सुरक्षित मात्रा जैसी कोई चीज नहीं होती है. बिना किसी नेगेटिव प्रभाव के आप कितने घंटों तक पॉर्न देख सकते हैं, यह जानकारी नहीं है. हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि हर हफ्ते लगभग 4 घंटे पोर्न देखना सही है. सावधान रहना चाहिए कि सभी चार घंटे एक स्क्रीन से चिपके न रहें, इसके बजाय, इसे पूरे सप्ताह के दौरान देखें".
वहीं डॉ. अंजलिका आत्रेय कहती हैं कि अगर पॉर्न एक दायरे के भीतर रखकर देखा जाता है, तो वह सामान्य माना जाता है. पॉर्न देखने के बाद हस्तमैथुन बेहद आम बात है लेकिन अगर यह एक लत के रूप में बदली है और आपके रोजमर्रा के जीवन का प्रभावित करने लगती है, तो यक एक समस्या बन जाती हैं.
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