मुसलमानों के पवित्र महीने रमजान (Ramjan 2023) की शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान इस्लाम धर्म में यकीन रखने वाले लोग रोजा (उपवास) रखते हैं, जो फजर (सुबह की नमाज) से लेकर मगरिब (शाम की नमाज) तक होता है. इन दोनों नमाजों के बीच रोजेदार (रोजा रखने वाले) कुछ खात-पीते नही हैं. मगरिब की नमाज के लिए मस्जिदों में अजान होती है, इसके बाद ही रोजा खोला (उपवास तोड़ना) जाता है, जिसको इफ्तारी या इफ्तार का वक्त कहा जाता हैं. राष्ट्रीय राजधानी के चांदनी चौक (Chandni Chowk) इलाके में स्थित दिल्ली के जामा मस्जिद (Jama Masjid) में 25 मार्च को पहली इफ्तारी (Iftari) हुई. इफ्तारी के दौरान मस्जिद कैंपस में बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी देखने को मिली. अजान होने के बाद रोजेदारों ने रोजा खोला. जामा मस्जिद में लोग अपने परिवार के साथ भी रोजा खेलने आए थे, जिनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी थे. देखिए जामा मस्जिद में पहले रोजे की इफ्तारी के वक्त की खूबसूरत तस्वीरें.

<div class="paragraphs"><p>(फोटो - साकिब मज़ीद/ क्विंट हिंदी)</p></div>

रोजा के पहली इफ्तारी के मौके पर मस्जिद कैंपस में लोगों का हुजूम और मस्जिद का खूबसूरत दृश्य.

(फोटो - साकिब मज़ीद/ क्विंट हिंदी)

जामा मस्जिद कैंपस में इफ्तारी के लिए तैयारियां करते रोजेदार

(फोटो- साकिब मज़ीद/ क्विंट हिंदी)

नमाज से पहले वुजूखाने में वुजू (नमाज से पहले हांथ-मुंह धुलना) करते रोजेदार.

(फोटो- साकिब मज़ीद/ क्विंट हिंदी)

पहली इफ्तारी के दिन जामा मस्जिद कैंपस में जगह-जगह रोजा खोलने की तैयारी में परिवार के सदस्यों के साथ बैठे लोग.

(फोटो- साकिब मज़ीद/ क्विंट हिंदी)

पहले रोजे की शाम को जगमगाती हुई पुरानी दिल्ली की गलियां 

(फोटो- साकिब मज़ीद/ क्विंट हिंदी)

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बड़ों से लेकर बच्चों तक रोजा खोलने के लिए जामा मस्जिद आए, इफ्तारी के पहले दिन की तस्वीर.

(फोटो- साकिब मज़ीद/ क्विंट हिंदी)

जामा मस्जिद में रोजा खोलने के लिए अजान का इंतजार करते लोग

(फोटो- साकिब मज़ीद/ क्विंट हिंदी)

अपने बच्चों के साथ रोजा खोलने आए दंपति अजान का इंतजार करते हुए. शख्स अपने बच्चों के साथ शेल्फी लेता हुआ.

(फोटो- साकिब मज़ीद/ क्विंट हिंदी)

जामा मस्जिद की पहली इफ्तारी में बड़ों से बच्चों तक शामिल हुए

(फोटो- साकिब मज़ीद/ क्विंट हिंदी)

परिवार के साथ इफ्तारी के लिए अजान के इंतजार में बैठे रोजेदार. परिवार के साथ एक बच्ची भी नजर आ रही है.

(फोटो- साकिब मज़ीद/ क्विंट हिंदी)

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