Home Photos लाल किला सेंटर और 'जय हिंद' शो कैसे इतिहास को जिंदा रखे हुए हैं? देखिए तस्वीरें
लाल किला सेंटर और 'जय हिंद' शो कैसे इतिहास को जिंदा रखे हुए हैं? देखिए तस्वीरें
शाहजहां के द्वारा बनवाया गया दिल्ली का लाल किला भारतीय इतिहास के कई दौर का गवाह है.
कृतिका साह
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इतिहास को कैसे जिंदा करता है लाल किला सेंटर और 'जय हिंद' शो, देखिए तस्वीरें
(फोटो- कृतिका साह/द क्विंट)
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पुरानी दिल्ली इलाके में 17वीं शताब्दी से खड़ा लाल किला (Red Fort) अपने अंदर कई कहानियां समेटे हुए है. बादशाहों और रानियों के ताकत की कहानी, जंग और मोहब्बत और खासतौर से देशभक्ति की कहानियां. शाहजहां के द्वारा बनवाया गया दिल्ली का लाल किला भारतीय इतिहास के कई दौर का गवाह है. उन दिनों के बारे में बताते हुए लाल किला सेंटर और 'जय हिंद', एक लाइट और साउंड शो, इतिहास को जिंदा रखे हुए है.
19वीं सदी का ब्रिटिश बैरक की दो मंजिला संरचना, जिसे आज लाल किला सेंटर कहा जाता है. इसमें प्रतिष्ठित लाल किले का इतिहास है, जो गहन चित्रण, 360-डिग्री प्रोजेक्शन थिएटर और आधुनिक कला के जरिए दिखाया गया है.
(फोटो- कृतिका साह/द क्विंट)
यह संग्रहालय दर्शकों को लाल किले के सभी मुख्य स्थानों पर ले जाता है. इसे चार भागों में बांटा गया है.
(फोटो- कृतिका साह/द क्विंट)
सफर: लाल किला और शाहजहानाबाद के बनने के बारे में जानकारी. यह भाग लाल किले के तीन प्रमुख दरवाजों- लाहौरी गेट, दिल्ली गेट और खिजरी गेट के पीछे के इतिहास के बारे में जानकारी देता है.
(फोटो- कृतिका साह/द क्विंट)
लाहौरी गेट: लाहौर (अब पाकिस्तान में) की दिशा की ओर बना यह गेट किले के पश्चिम दिशा की तरफ है. अब इसे मेन गेट के रूप में उपयोग किया जाता है.
दिल्ली गेट: किले का दूसरा दरवाजा, इसका नाम भी इसके सामने स्थित पुराने शहर की वजह से पड़ा है.
खिजरी गेट: यह उस रास्ते को दर्शाता है, जिसका उपयोग मुगलों द्वारा कभी यमुना नदी के किनारे तक जाने के लिए किया जाता था.
(फोटो- कृतिका साह/द क्विंट)
लाल किला सेंटर के दूसरे भाग को जिंदगी कहा जाता है. यह किले में रहने वाले लोगों के आर्किटेक्चर, रवायत, संस्कृति और जिंदगी के तरीके के बारे में बताता है.
(फोटो- कृतिका साह/द क्विंट)
साल 1638 में लाल किला बनवाने वाले मुगल बादशाह शाहजहां से लेकर मुगल सल्तनत में शासन करने वाले आखिरी राजा बहादुर शाह जफर तक की फैमली ट्री.
(फोटो- कृतिका साह/द क्विंट)
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लाल किला सेंटर के तीसरे भाग को 'तारीख' कहा जाता है. इसमें मुगल सल्तनत के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का कैलेंडर भी शामिल किया गया है.
(फोटो- कृतिका साह/द क्विंट)
संग्रहालय के आखिरी हिस्से में यूनिटी रूम और प्लेज रूम हैं. शीशों पर बने अनगिनत अशोक चक्र भारतीय सैनिकों के बलिदान को दर्शाते हैं.
(फोटो- कृतिका साह/द क्विंट)
लाइट एंड साउंड शो, जय हिंद, जिसे अमिताभ बच्चन और कबीर बेदी ने आवाज दी है, किले के दरबार में होने वाली घटनाओं का वर्णन करते हैं. सेंटर और शो दोनों डालमिया भारत समूह के द्वारा बनाया गया है, जिसने सरकार की 'अडॉप्ट ए हेरिटेज' योजना के तहत स्मारक को 'गोद' लिया है.
(फोटो- कृतिका साह/द क्विंट)
वॉक-थ्रू नाट्य प्रदर्शन नौबत खाना से शुरू होता है, दीवान-ए-आम तक, और पूरी तरह से दीवान-ए-खास में दिखता है. ये लाल किले के तीन सबसे प्रमुख स्थान.
(फोटो- कृतिका साह/द क्विंट)
जनवरी 2023 में उद्घाटन किए गए, इस शो को 60 कलाकारों और अभिनेताओं की एक मंडली ने जिंदगी दी है. इतिहास को मंच पर फिल्माते हुए, यह दारा शिकोह (शाहजहां का सबसे बड़ा बेटा) और औरंगजेब (दारा का छोटा भाई) के बीच सत्ता के संघर्ष, नादिर शाह द्वारा शाहजानाबाद और लाल किले में लूट, मराठों के उदय और आखिरकार, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत के बारे में तफ्सील से बताता है.
(फोटो- कृतिका साह/द क्विंट)
हाल ही में नेशनल ज्योग्राफिक द्वारा दुनिया के टॉप बेस्ट लाइट और साउंड शो में लिस्टेड 'जय हिंद' मंगलवार से रविवार, शाम 7:30 बजे से 8:30 बजे तक लाइव चलता है.