खर्राटे की समस्या से दूर रहने के लिए सबसे जरुरी है खर्राटे होने के पीछे के कारणों के बारे में जानकारी होना. अगर हमें उसकी जानकारी होगी तो हम बचने के उपायों पर अमल कर सकेंगे. यहां बता दूं, अगर आपको खर्राटे आ रहे हैं, तो स्लीप स्पेशलिस्ट के पास जरूर जाएं, जो आपका स्लीप स्टडी टेस्ट कर पता करेंगे कि यह केवल खर्राटे की समस्या है या ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया है.

फिट हिंदी ने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. रवि शेखर झा से इस बारे में बातचीत की और खर्राटे की समस्या से दूर रहने के उपायों के बारे में जानने की कोशिश की.

सर्दी-जुकाम को दूर रखें- सर्दी-जुकाम, नाक साफ नहीं रहना और साइनस की समस्या होने पर भी खर्राटे की प्रॉब्लम हो सकती है. कुछ लोगों में सर्दी होने की समस्या लगभग साल भर बनी रहती है. जो खर्राटे आने का कारण बन जाती है क्योंकि खर्राटे आने का सबसे बड़ा कारण होता है सांस लेने के रास्ते में आने वाली रुकावट, जो ज्यादातर नाक और गले में देखने को मिलती है. इसलिए जरुरी है कि अपनी सेहत का ख्याल रखें और सर्दी-जुकाम को पास आने नहीं दीजिए. 

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वजन को कंट्रोल में रखें- मोटापा कई बीमारियों का कारण बनता है. खर्राटा उनमें से एक है. वजन ज्यादा होने पर आपके गले के आसपास काफी ज्यादा फैट जमा हो जाता है, जिस कारण आपके गले के अंदर का या सांस की नालियों का ओवरऑल डायमीटर कम हो जाता. हवा को उस कम जगह से गुजरने के लिए काफी तेज वाइब्रेशन करनी पड़ती है, जिसकी वजह से ये वाइब्रेशन का साउंड खर्राटे के रूप में निकल के आता है. 

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एडेनोइड की सर्जरी- बच्चों में खर्राटे की समस्या का एक कारण एडेनोइड से जुड़ा होता है. खर्राटे ना आए इसके लिए कभी-कभी एडेनोइड की सर्जरी करने की जरूरत पड़ सकती है.

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थायरॉइड कंट्रोल में रखें- थायरॉइड की समस्या होने पर डॉक्टर की दवाओं को समय पर बिना नागा किए खाना चाहिए. खर्राटे आने के कारणों में एक कारण थायरॉइड की समस्या भी है. 

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फिजिकल एक्सरसाइज जरूर करें- खर्राटा लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिस वजह से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा भी व्यक्ति खर्राटे के कारण कई और गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकता है. इसलिए फिजिकल  एक्सरसाइज करने से शरीर के अंगों को सही ढंग से काम करने में मदद मिलती है, जो खर्राटे की समस्या को दूर रखने में मददगार साबित होता है.

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स्ट्रेस से दूर रहने की कोशिश करें- जहां तक हो सके स्ट्रेस को अपनी लाइफ से दूर रखें. स्ट्रेस यानी तनाव नींद में बड़ी रुकावट पैदा करता है. मन अशांत रहने पर नींद की क्वालिटी तो खराब होती ही है साथ ही खर्राटे की समस्या को भी जन्म दे सकती है. 

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रात में शराब से दूरी बनाएं- जब आप रात को ज्यादा शराब पी लेते हैं तब आपको चैंन की नींद नहीं आती. आपके नींद की गुणवत्ता काफी खराब होती है. 

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स्लीप हाइजीन का पालन करें- अच्छी नींद आना खर्राटे की समस्या को दूर रख सकता है. सोते समय स्लीप हाइजीन रूटीन फॉलो करना चाहिए. वो हैं- बिस्तर पर जाने से पहले प्री बेडटाइम रूटीन (मुंह और चेहरे की सफाई) कर लें, अपने फोन में सुबह का अलार्म लगा कर अपने से दूर रख दें, सोने से पहले टीवी देखने की जगह किताब पढ़ें, कमरे का टेंपरेचर आरामदेह रखें और कमरे में शांति और अंधेरा कर एक निश्चित किए गये समय पर रोज सोए और जागें.  

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6-8 घंटे की अच्छी नींद लें- दिनभर काम के बाद शरीर और दिमाग दोनों थक जाते हैं. ऐसे में दोनों को आराम चाहिए. वैसे तो दिमाग सोते समय भी काम पर होता है. वयस्क इंसान को हर दिन कम से कम 6-8 घंटे की नींद जरुर लेनी चाहिए. पर्याप्त नींद लेना खर्राटे की समस्या को दूर रखता है.

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