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"एक महिला सम्मान की हकदार", SC ने बिलकिस बानो केस में फैसला सुनाते हुए क्या कहा?

Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई के फैसले को रद्द कर दिया है.

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"एक महिला सम्मान की हकदार", SC ने बिलकिस बानो केस में फैसला सुनाते हुए क्या कहा?

(फोटो- साकिब/क्विंट हिंदी)

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सोमवार, 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बिलकिस बानो रेप केस (Bilkis Bano Rape Case) और उनके परिवार वालों की हत्या के 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई के फैसले को रद्द कर दिया है. 15 अगस्त 2022 को गुजरात सरकार ने मामले में दोषियों की सजा में छूट देते हुए रिहा कर दिया था. साल 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान बिलकिस बानो कई सामूहिक दुष्कर्म और हत्याओं के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए 11 लोगों की सजा में छूट को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. आइए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर फैसला सुनाते हुए क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि "गुजरात सरकार के पास सजा में छूट देने और कोई फैसला लेने का अधिकार नहीं है."

(फोटो- साकिब/क्विंट हिंदी)

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- "एक महिला सम्मान की हकदार है, भले ही उसे समाज में कितना ही ऊंचा या नीचा क्यों न माना जाए या वह किसी भी धर्म को मानती हो"

(फोटो- साकिब/क्विंट हिंदी)

गुजरात सरकार के द्वारा दोषियों को दी गई रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि "मई 2022 में गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा में छूट देकर तथ्यों की उपेक्षा की थी."

(फोटो- साकिब/क्विंट हिंदी)

सुप्रीम कोर्ट ने सूबे की सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि "गुजरात राज्य द्वारा शक्ति का प्रयोग शक्ति को हड़पने और शक्ति के दुरुपयोग का एक उदाहरण है."

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शीर्ष अदालत ने कहा कि "सभी दोषी दो हफ्ते के अंदर जेल प्रशासन के पास हाजिर हों."

(फोटो- साकिब/क्विंट हिंदी)

"दोषियों की 'सजा माफी' का आदेश पारित करने के लिए गुजरात राज्य नहीं, बल्कि महाराष्ट्र सरकार सक्षम है."- सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई करने वाली बेंच ने कहा कि "यह इस अदालत का कर्तव्य है कि वह मनमाने आदेशों को जल्द से जल्द सही करे और जनता के विश्वास की नींव को बरकरार रखे."

(फोटो- साकिब/क्विंट हिंदी)

 "दंड प्रतिशोध के लिए नहीं बल्कि रोकथाम और सुधार के लिए दिया जाना चाहिए."- SC

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सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के संबंध में सवाल खड़ा करते हुए कहा कि "क्या महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों में छूट दी जा सकती है? ये ऐसे मुद्दे हैं जो उठते हैं."

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