रेप और किडनैपिंग जैसे गंभीर मामले में भारत से भगोड़ा घोषित स्वामी नित्यानंद (Nithyananda) के कथित देश कैलासा ने 30 अमेरिकी शहरों के साथ धोखाधड़ी की है. कैलासा ने इन शहरों के साथ 'सिस्टर सिटी एग्रीमेंट' साइन किया था. इस कल्चरल एग्रीमेंट के तहत ये शहर और कैलासा एक दूसरे के विकास में मदद करते हैं. इसमें धोखाधड़ी ये है कि कैलासा नाम का कोई देश दुनिया में है ही नहीं. आइए इस फोटो स्टोरी में जानते हैं कि स्वामी नित्यानंद है कौन?

<div class="paragraphs"><p>(फोटोःट्विटर)</p></div>

रेप और किडनैपिंग जैसे गंभीर मामले में आरोपी और भारत से भगोड़ा घोषित स्वामी नित्यानंद के काल्पनिक देश कैलासा ने 30 अमेरिकी शहरों के साथ धोखाधड़ी की है.

(फोटोःट्विटर)

धोखाधड़ी का ये मामला सिस्टर सिटी एग्रीमेंट को लेकर सामने आया है. दरअसल, नेवार्क और काल्पनिक देश कैलासा के बीच 'सिस्टर सिटी' समझौते पर इस साल 12 जनवरी को हस्ताक्षर हुए थे और इस हस्ताक्षर समारोह का आयोजन नेवार्क के सिटी हॉल में हुआ था.

(फोटोःट्विटर)

यह एग्रीमेंट दो देशों के दो शहरों के बीच होता है और इससे इन शहरों के बीच शैक्षणिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक संबंध मजबूत होते हैं. हालांकि, बाद में अधिकारियों को ये एहसास हुआ कि कैलासा नाम का कोई देश दुनिया में है ही नहीं.

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12 जनवरी को हुए इस समझौते में अमेरिका के महत्वपूर्ण नेवार्क, रिचमंड, वर्जीनिया, डेटन, ओहियो, बुएना पार्क और फ्लोरिडा जैसे शहर शामिल हैं. फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, फर्जी बाबा ने कई शहरों को ठगा है. इन शहरों में से कई ने इस बात को स्वीकार किया है कि कैलासा ने उनके साथ धोखाधड़ी की है.

(फोटोःट्विटर)

इससे पहले यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा' की प्रतिनिधि अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिखाई दी थी. जिसकी जानकारी खुद भगोड़े नित्यानंद ने एक ट्वीट कर दिया था. ट्वीट के मुताबिक, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा की सदस्य ने संयुक्त राष्ट्र की एक मीटिंग में हिस्सा लिया था. ये मीटिंग जेनेवा में हुई थी.

(फोटोःट्विटर)

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नित्यानंद की शिष्या विजयप्रिया  ने 'कैलासा' की तरफ से UN की एक मीटिंग में हिस्सा लिया था. हालांकि यूएन ने विजयप्रिया नित्यानंद की प्रजेंटेंशन को अप्रासंगिक करार दिया और कहा कि इन पर विचार नहीं किया जाएगा.

(फोटोः फेसबुक)

गिरफ्तारी के डर से भारत से फरार हुआ स्वयंभू संत स्वामी नित्यानंद ने दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर में जमीन खरीदी और इसे अपना देश घोषित कर दिया और साल 2019 में नित्यानंद ने इस देश का नाम 'कैलासा' रखा और इसे 'हिंदू राष्ट्र' बताया.

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कैलासा की वेबसाइट के अनुसार, अमेरिका में कैलासा आंदोलन की शुरुआत हुई थी और दावा किया था कि ये दुनियाभर में सताए गए हिंदुओं को सुरक्षा देता है. यहां जाति, लिंग का भेदभाव किए बिना शांति से सभी हिंदू रहते हैं.

(फोटोःट्विटर)

संयुक्त राष्ट्र में विजयप्रिया नित्यानंद ने दावा किया था कि यहां 20 लाख अप्रवासी हिंदू रहते हैं. उसने ये भी दावा किया था कि 150 देशों में कैलासा ने एम्बेसी और एनजीओ स्थापित किए हैं.

(फोटोःट्विटर)

कैलासा की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, कैलासा में अंग्रेजी, संस्कृति और तमिल भाषा बोली जाती है. कैलासा का राष्ट्रीय पशु 'नंदी' है. वहीं, राष्ट्रीय ध्वज 'ऋषभ ध्वज' है. कैलासा के झंडे पर नित्यानंद की तस्वीर भी लगी है. देश का राष्ट्रीय फूल 'कमल' और राष्ट्रीय पेड़ 'बरगद' है. इतना ही नहीं, कैलासा का अपना संविधान होने का दावा भी किया गया है. कैलासा का रिजर्व बैंक और करंसी भी है.

(फोटोःट्विटर)

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