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Uttarkashi: रेस्क्यू ऑपरेशन का दूसरा दौर, वर्टिकल ड्रिलिंग जारी, सेना भी मौजूद|Photos
Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: उत्तरकाशी टनल हादसे का 15वां दिन है, सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशें जारी हैं.
क्विंट हिंदी
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Uttarkashi: रेस्क्यू ऑपरेशन का दूसरा दौर, वर्टिकल ड्रिलिंग जारी, सेना भी मौजूद|Photos
(फोटो: PTI)
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उत्तरकाशी टनल हादसे (Uttarkashi Tunnel Collapse) का 15वां दिन है. सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशें जारी हैं. ऑगर मशीन में खराबी के बाद सुरंग में अब वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. जानकारी के मुताबिक, करीब 15 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है. ड्रिलिंग का काम पूरा होने में करीब 2 दिन लग सकते हैं. वहीं ऑगर मशीन के ब्लेड को काटकर बाहर निकालने का काम देर रात या कल सोमवार, 27 नवंबर की सुबह तक पूरा हो सकता है. वहीं मैनुअल ड्रिलिंग के लिए भारतीय सेना के जवान मौके पर पहुंच गए हैं.
NHIDCL के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने कहा, "हम अब उस स्तर पर आ गए हैं जहां हमने कल से 2-3 और विकल्पों पर काम करना शुरू कर दिया है. हमने SJVNL को 1-1.2 मीटर व्यास की वर्टिकल ड्रिलिंग करने के लिए कहा है. हमने उन स्थानों की पहचान की जहां ड्रिलिंग बेहतर हो सकती है...लगभग 15 मीटर की ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है. हमारा अनुमान है कि कुल 86 मीटर की ड्रिलिंग की जानी है, 15 मीटर हो चुकी है; हमें लगता है कि यह अगले 2 दिनों में पूरा हो जाएगा."
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उन्होंने आगे कहा, "कंक्रीट बेडिंग पर काम शुरू हो गया है. हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग शुरू करने के लिए हमने 28 नवंबर की तारीख तय की है. यह एक लंबी प्रक्रिया है. इसको सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए हमारे पास 15 दिनों का लक्ष्य है."
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इसके साथ ही महमूद अहमद ने कहा कि "हम एक ड्रिफ्ट टनल भी बनाना चाहते हैं, डिजाइन बना लिया गया है और मंजूरी दे दी गई है. हम इन विभिन्न पक्षों पर काम कर रहे हैं... बड़कोट की ओर से ड्रिलिंग करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है."
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वहीं सुरंग में मैनुअल ड्रिलिंग के काम के लिए भारतीय सेना के जवान मौके पर मशीनों के साथ पहुंच गए हैं.
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ऑगर मशीन के ब्लेड को काटकर बाहर निकालने का काम जारी है. इसके लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मशीन भी मंगवाई गई है.
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उत्तराखंड सरकार के सचिव नीरज खैरवाल ने कहा, "हमारे सभी अधिकारी सभी सावधानियां बरतते हुए काम कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि यह (ऑगर मशीन के ब्लेड काटने का काम) देर रात या कल सुबह तक पूरा हो जाएगा."
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मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में हो रही देरी की वजह से अन्य मजदूर और उनके परिजन चिंतित है.
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इससे पहले शनिवार को अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ आर्नल्ड डिक्स ने कहा कि मजदूरों को ‘क्रिसमस तक’ निकाल लिया जाएगा. उनका कहना है कि यह देरी इसलिए होगी, क्योंकि बचाव अभियान 'बहुत ही सावधानी' से चलाया जा रहा है.
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वहीं नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के सदस्य, लेफ़्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) सैयद अता हसनैन ने कहा, “इस अभियान में लंबा समय लग सकता है.”
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सुरंग में फंसे 41 मजदूरों से बीएसएनएल के कर्मचारियों ने संपर्क स्थापित करने की कोशिश में जुटे हैं.