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Uttarkashi: सुरंग में फंसे मजदूर कब आएंगे बाहर? जानें 12वें दिन क्या-क्या हुआ| Photos

Uttarkashi Tunnel Rescue: बुधवार को ऑगर मशीन टूटने की वजह से राहत-बचाव काम 45 मीटर की ड्रिलिंग के बाद रूक गया था.

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<div class="paragraphs"><p>Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन का 12वां दिन</p></div>
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Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन का 12वां दिन

(फोटो: PTI)

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उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग (Uttarkashi Tunnel Rescue) में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की जद्दोजहद जारी है. गुरुवार, 23 नवंबर को रेस्क्यू ऑपरेशन का 12वां है. इससे पहले बुधवार को ऑगर मशीन टूटने की वजह से राहत-बचाव काम 45 मीटर की ड्रिलिंग के बाद रूक गया था. गुरुवार को दोबारा, रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ और करीब 1.8 मीटर तक ड्रिलिंग की गई है. अधिकारियों अनुमान के मुताबिक, मजदूर 57 मीटर की दूरी पर फंसे हैं. इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया और मजदूरों से बातचीत की.

उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में पिछले 12 दिनों से 41 मजदूर फंसे हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह घटनास्थल पर पहुंचे और राहत बचाव कार्यों का जायजा लिया.

(फोटो: PTI)

इसके बाद सीएम धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी एजेंसियां ​​आपसी समन्वय (को-ऑर्डिनेशन) के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटें. हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि फंसे हुए श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाए. 

(फोटो: PTI)

उत्तराखंड सरकार के सचिव और बचाव अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. नीरज खैरवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि, सुरंग बचाव अभियान अभी भी जारी है.

(फोटो: PTI)

उन्होंने बताया कि बुधवार को मलबे में ड्रिलिंग करते समय बाधा आ गई थी. 45 मीटर पार करने के बाद ऑगर मशीन टूट गई थी, फिर हमें मशीन को पाइप से बाहर निकालना पड़ा.

(फोटो: PTI)

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक 1.8 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है. अब हम कह सकते हैं कि बड़ी बाधा पार हो गई है. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी और भी बाधा आने की आशंका है तो समय भी अधिक लग सकता है. फिलहाल, शाम तक हम कुछ सफलता की उम्मीद कर सकते हैं.

(फोटो: PTI)

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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा, "यह चुनौतीपूर्ण काम है. यह उम्मीद करते रहना कि अगले दो घंटों में बचाव कर लिया जाएगा, यह कार्यबल पर दबाव डालता है. यह गलत है. इस स्थिति में, फंसे हुए कर्मचारी और बचाव दल दोनों खतरे में हैं. हमें दोनों की सुरक्षा का ध्यान रखना है."

(फोटो: PTI)

सुरंग में फंसे हुए मजदूरों का स्वास्थ्य कैसा है. इस पर राज्य के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि धामी सर और वीके सिंह सर ने उनसे बात की. कल श्रमिकों को कब्ज की समस्या हुई, आंखों में दर्द की शिकायत हुई. लेकिन आज वे सब ठीक हैं. वे सभी प्रेरित हैं.

(फोटो: PTI)

सिल्क्यारा सुरंग बचाव अभियान के मद्देनजर उत्तरकाशी के मटाली में अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थापित किया गया है.

(फोटो: PTI)

मजदूरों को त्वरित इलाज मुहैया कराने के लिए मौके पर अस्थायी अस्पताल और एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है.

(फोटो: PTI)

बता दें कि 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा धंसने से 41 मजदूर फंस गए थे. तब से मजदूरों को निकालने का काम जारी है. 21 नवंबर को पहली बार मजदूरों की पहली तस्वीर सामने आई थी. 

(फोटो: PTI)

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