उत्तर भारत में बढ़ती ठंड को देखते हुए हमें अपनी सेहत का खास ध्यान रखना जरूरी है. छोटे बच्चों, बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को ऐसे खराब मौसम में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. ऐसे मौसम में अगर कंपकंपी को हो, तो उसे नजरअंदाज न करें, जहां तक ​​हो सके घर के अंदर रहें. लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने के कारण कॉमन कोल्ड, फ्लू, बहती नाक और नाक से खून आने की आशंका और भी अधिक बढ़ जाती है.

आपके शरीर का मुख्य तापमान 36.8 - 37.5 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है. लेकिन, अगर आप इस तापमान से ज्यादा ठंडे हो जाते हैं, तो आप हाइपोथर्मिया के शिकार हो सकते हैं. साथ ही शीतदंश (frostbite) से भी प्रभावित हो सकते हैं.

आज फिट हिंदी की इस फोटो स्टोरी में हम आपको बढ़ती ठंड से बचने के आसान और कारगर उपाय बतायेंगे.

बढ़ती ठंड में सेहत का ध्यान रखना जरूरी है. ऐसे में जब जरूरत हो तभी घर से बाहर निकलें. अगर बाहर जा रहे हैं, तो शरीर को पूरी तरह से ढीले- आरामदेह गर्म कपड़ों से ढक लें. खासकर अपने कान, गला, नाक और हाथ-पैर को कवर कर लें. कोशिश करने कि हल्के, गर्म, ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनें.

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घर से बाहर जाते समय मास्क का इस्तेमाल करें. इससे कीटाणुओं के साथ-साथ ठंडी हवा शरीर में नाक के जरिए नहीं जा सकेगी और आप ठंड से बचे रहेंगे.

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सर्दी में तापमान कम होने के कारण बाहर जा कर एक्सरसाइज करने में ठंड लग जाने का खतरा बना रहता है. ऐसे में एक्सरसाइज करना बंद नहीं करें बल्कि हर दिन घर पर एक्सरसाइज करें. एक्सरसाइज करने से शरीर में गर्मी और ऊर्जा के साथ-साथ शरीर के अंगों को सही ढंग से काम करने में मदद मिलती है.

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ठंड के मौसम में बीमारी के मुख्य कारणों में से एक है साफ-सफाई की कमी. हम दिन भर में हाथों से कई काम करते हैं. ऐसा करने में उंगलियों व हथेली के गंदे और संक्रमित होने की आशंका होती है. संक्रमण करने वाले जीवाणु या विषाणु इतने छोटे होते हैं कि आंखों से दिखाई नहीं देते हैं. ऐसे में बार-बार अच्छी तरह से हाथ धोना बेहद जरुरी है. 

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त्वचा को साफ रखें. हर रोज नियम से नहाएं. ऐसा करने से आप जीवाणु या विषाणु के संक्रमण से बचे रहेंगे. नहाने के लिए गर्म नहीं बल्कि गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें. गर्म पानी से त्वचा और बालों को नुकसान पहुंचता है. याद रखें, नहाने के बाद सीधे बाहर नहीं निकालें बल्कि शरीर और बालों को अच्छी तरह से पोंछ कर और कम से कम गर्म कपड़े की एक परत पहन कर ही बाथरूम से निकलें. ऐसा करने पर ठंड लगने का खतरा कम हो जाता है.

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सर्दी में प्यास कम लगती है इसलिए लोग कम पानी पीते हैं लेकिन ये गलत है. सर्दियों में आपको हमेशा की तरह पानी पीना चाहिए. ठंड में दिनभर गुनगुना पानी पीएं. इससे शरीर हाइड्रेट रहेगा और गले को भी आराम मिलेगा.

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ठंड से बचने के लिए विटामिन सी का सेवन करें. इससे इम्यूनिटी मजबूत होती है और ठंड का असर भी कम होता है. आप डाइट में संतरा, नींबू, मौसमी और आंवला शामिल करें. साथ ही शरीर के मूल तापमान को गर्म रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक वसा, ऊर्जा से भरपूर अन्य खाद्य पदार्थ शामिल करें. वसा और अन्य खाद्य पदार्थों का थर्मिक प्रभाव आपको अपना मूल तापमान बनाए रखने में मदद करेगा.

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गर्म खाद्य पदार्थ पिऐं. शरीर को गर्म रखने के लिए सिर्फ चाय ही नहीं बल्कि लैमन टी, ग्रीन टी, ब्लैक टी या सूप का सेवन करें. इससे गले को आराम मिलता है और जुकाम-खांसी होने पर ये राहत देता है.

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ठंड से बचने के लिए तरह -तरह के हीटर और दूसरे उपकरणों का भी प्रयोग किया जाता है. यदि आप घर के अंदर एक हीटर का उपयोग कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपने इसके किसी भी संभावित घातक धुएं से बचने के लिए पर्याप्त वेंटिलेशन की व्यवस्था कर रखी है. साथ ही हीटर का प्रयोग करते समय कमरे में ह्यूमिडिटी बनाए रखें. इसके लिए चाहें तो किसी बर्तन में पानी बाहर कर कमरे में रख लें.

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कॉमन कोल्ड या फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें. ये एक वायरल इन्फेक्शन है, जो एक से दूसरे में तेजी से फैलता है. अगर इस बढ़ती ठंड में परिवार के किसी सदस्य को कोल्ड हो जाता है, तो कोशिश करें कि संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने तक एक कमरे में दूसरों से दूर रहने की सलाह दें, खास कर बच्चे और बुजुर्गों से. सावधानी बरतते हुए बीमारी व्यक्ति का ध्यान रखें. उसके कमरे में मास्क लगा कर जाएं और कमरे से आने के बाद सबसे पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से साफ कर लें.

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ठंड के इस मौसम में भीगने से बचें और अगर आप भीग जाते हैं, तो तुरंत अपने आप को अच्छी तरह से सूखा लें और सूखे कपड़े पहन लें. यदि आपको संदेह है कि स्नो की वजह से आपको फ्रॉस्टबाइट हो सकता है, तो धीरे-धीरे प्रभावित क्षेत्र को गुनगुने पानी से गर्म करें, त्वचा को रगड़ने से बचें और जितनी जल्दी हो सके संबंधित डॉक्टर से बात करें. 

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