दिल्ली के प्रगति मैदान में लगे विश्व पुस्तक मेले (Delhi World Book Fair) का आज यानी 5 मार्च को आखिरी दिन था. इस दौरान बड़ी संख्या में पाठकों की मौजूदगी नजर आई. एंट्री गेट से लेकर पुस्तक मेले की तमाम स्टॉल पाठकों की भीड़ से भरी थीं. इस बीच बुक फेयर में कुछ नई किताबें भी लॉन्च की गईं. आखिरी दिन गौर करने वाली बात ये रही कि आए हुए लोगों ने खूब किताबों की खरीदारी की. ज्यादातर पाठकों के हाथों में किताबों की संख्या एक ज्यादा ही नजर आई. देखिए पुस्तक मेले के आखिरी दिन की शानदार तस्वीरें.

<div class="paragraphs"><p>(फोटो-मोहम्मद साकिब/क्विंट हिंदी)</p></div>

प्रगति मैदान के गेट नंबर 10 पर पुस्तक मेले में आने वाले लोगों का हुजूम. एंट्री करने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते लोग.

(फोटो-मोहम्मद साकिब/क्विंट हिंदी)

प्रगति मैदान के गेट नंबर 10 पर पुस्तक मेले में आने वाले लोगों का हुजूम. एंट्री करने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते लोग.

(फोटो-मोहम्मद साकिब/क्विंट हिंदी)

पुस्तक मेले में राजकमल प्रकाशन स्टॉल पर किताबें खरीदते और देखते पाठक. मेले के आखिरी दिन कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी भी मेले में किताबें खरीदते नजर आए. 

(फोटो-मोहम्मद साकिब/क्विंट हिंदी)

पुस्तक मेले में लगा वाणी प्रकाशन के स्टॉल साहित्यघर पर सजी किताबों को खरीदते पाठक

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हिंदी युग्म स्टॉल के सामने दिख रहा लोगों का जनसैलाब.

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तमाम तरह के पब्लिकेशन की बुक स्टॉल के बीच पाठकों की भीड़.

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तस्वीर में बुक स्टॉल पर लगी सजी किताबों का संग्रह.

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बुक स्टॉल पर किताबें खरीदते पाठक. तस्वीर में  सामने नजर आ रही ऋग्वेद की प्रति.

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हिंदी युग्म बुक स्टॉल पर किताबें खरीदते पाठकों का समूह. तस्वीर में कैलीग्राफी करके लिखे गए हिंदी कथनों की झलक

(फोटो-मोहम्मद साकिब/क्विंट हिंदी)

तस्वीर में कैलीग्राफी फॉन्ट में लिखी उर्दू शायर जॉन एलिया की शायरी

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उर्दू पब्लिकेशन की स्टॉल पर सजी किताबें 

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राजकमल प्रकाशन के स्टॉल पर किताबें खरीदते पाठक और हांथ में कुलदीप नैयर के द्वारा लिखी किताब- 'एक जिंदगी काफी नही- आज से सन 2012 के भारत की अंदरूनी कहानी'

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स्टॉल पर सजी किताबें और सामने दिख रही Sangeeta Kabra के द्वारा  लिखी किताब Reconnect with Life

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पुस्तक मेले में लगी उर्दू पब्लिकेशन की स्टॉल पर सजी किताबें और किताबें निहारते/खरीदते पाठक

(फोटो-मोहम्मद साकिब/क्विंट हिंदी)

बुक स्टॉल पर करीने से सजी किताबों को निहारते पाठक 

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तस्वीर में जीन शार्प द्वारा लिखी किताब 'तानाशाही से लोकशाही'  की झलक

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बुक स्टॉल पर किताबें खरीदते पाठक और सामने नरेंद्र सिंह सरीला के द्वारा लिखी किताब 'विभाजन की असली कहानी' की झलक

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बुक स्टॉल पर किताबें खरीदते पाठकों का हुजूम

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पुस्तक मेले में लगी सेतु प्रकाशन की स्टॉल पर किताबें खरीदते पाठक

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राजकमल प्रकाशन पर किताबें खरीदते पाठक 

(फोटो-मोहम्मद साकिब/क्विंट हिंदी)

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