Dementia Prevention: उम्र बढ़ते-बढ़ते कुछ लोगों को भूलने की बीमारी होने लगती है. खाना क्या खाया, कहां गए थे, घर में कौन सा कमरा कहां है, कौन आया-कौन गया, आज तारीख क्या है, ये सब भूलने लगते हैं. बढ़ती उम्र के साथ छोटी बातें भूलना आम बात है, पर अगर भूलने की समस्या इतनी बढ़ जाए कि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर और जीवन जीने के तरीके पर असर पड़ने लगे, तब उसे डिमेंशिया यानी मतिभ्रम बोलते हैं.

फिट हिंदी ने गुड़गांव के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में डायरेक्टर- न्यूरोलॉजी, डॉ. प्रवीण गुप्ता से बात की. डॉक्टर ने कहते हैं कि डिमेंशिया जिस उम्र में होता है, उस उम्र में कुछ करने से उससे बचा नहीं जा सकता है, पर जवानी के दिनों में ही अपने लाइफस्टाइल में बदलाव कर के बढ़ती उम्र के साथ डिमेंशिया के खतरे को कम किया जा सकता है. जीवनशैली में लाएं यहां बताए गए बदलाव.

नियंत्रित रूप से 30 मिनट, हफ्ते में 5 दिन व्यायाम या योग करें. ऐसा करना शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी स्वस्थ रखता है.

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विटामिन बी का सेवन करना. इसकी कमी होने से नर्व्स सिस्टम बुरी तरह से प्रभावित होता है और याददाश्त कमजोर हो जाती है. 

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धूम्रपान और शराब की लत से बचें. स्मोकिंग और अल्कोहल ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है. 

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वजन को कंट्रोल में रखें. बढ़ता वजन हार्ट, ब्लड प्रेशर, किडनी, ब्रेन सभी के लिए खतरनाक साबित होता है.

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दिल की बीमारी हो, तो चेक उप कराते रहना चाहिए. डिमेंशिया होने का खतरा उन लोगों में थोड़ा अधिक होता है, जो दिल की बीमारी से ग्रसित होते हैं. 

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डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें. डिमेंशिया होने का खतरा डायबिटीज से प्रभावित लोगों में 2 गुणा अधिक होता है.

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दिमाग को एक्टिव रखने वाली गतिविधियां करें, जैसे कि सुडोकू, पजल्स, किताबें पढ़ना.

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परिवार के साथ एक अच्छी, खुशी देने वाली सोशल लाइफ जीना डिमेंशिया के खतरे को कम करने में मदद करता है.

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