advertisement
चाहे फिल्मों की कहानियां हों, गाने और डायलॉग लिखना हो, कोई किताब लिखनी हो या फिर फिल्म की या किसी ऐड फिल्म की डायरेक्शन. गुलजार इन में जिस भी चीज के लिए अपना कलम निकालें समझिए उसका 'कविता' की तरह होना लाजमी है.
गोले, बारूद, आग, बम, नारे
बाज़ी आतिश की शहर में गर्म है
मुल्क की तकसीम से पहले, पाकिस्तान में सूबा पंजाब के झेलम जिले में, 18 अगस्त 1934 में गुलज़ार पैदा हुए. उनका पैदाइशी नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा रखा गया. लिखने का शौक बचपन से था लेकिन इनके पिता, माखन सिंह कालरा ने हमेशा तल्ख अंदाज में विरोध ही किया. लेकिन पिता के विरोध के बावजूद, विभाजन के बाद पाकिस्तान से हिंदुस्तान आना, और शायर बनने से पहले गैराज में काम करते-करते पेंटिंग करने की तरफ रुझान बढ़ना - गुलज़ार की ये कहानी सुनिए उर्दूनामा के इस इस खास एपिसोड में...
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 18 Aug 2020,12:07 PM IST