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मंत्रालय के नोटिफिकेशन से ‘आयुर्वेद Vs एलोपैथी’ विवाद,पूरा ब्योरा

सुनिए डॉ. अश्विनी सेट्या को जो मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट के प्रोग्राम डायरेक्टर हैं. 

फ़बेहा सय्यद
पॉडकास्ट
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पॉडकास्ट में सुनिए डॉ. अश्विनी सेट्या को जो गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट हैं. 
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पॉडकास्ट में सुनिए डॉ. अश्विनी सेट्या को जो गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट हैं. 
फोटो: क्विंट हिंदी/कामरान अख्तर 

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रिपोर्ट: फबेहा सय्यद
सीनियर डेस्क राइटर: वैभव पलनीटकर
म्यूजिक: बिग बैंग फज

आयुष मंत्रालय के एक नोटिफिकेशन के बाद मेडिसिन की दुनिया में एक विवाद खड़ा हो गया है. इस नोटिफिकेशन के अनुसार अब आयुर्वेद के प्रैक्टिशनर्स ऐसी कुछ सर्जरी कर सकते हैं, जो मॉडर्न मेडिसिन की पढ़ाई का हिस्सा है. यहां विवाद मॉडर्न मेडिसिन और वैकल्पिक यानी ट्रेडिशनल मेडिसिन के बीच है. मंत्रालय के इस नोटिफिकेशन पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर्स ने कड़ा ऐतराज जताया है, वो कह रहे हैं कि आप मॉडर्न मेडिसिन के सिद्धांतों को ट्रेडिशनल मेडिसिन के साथ कैसे मिला सकते हैं? आयुर्वेद- जो खुद एक उपचार पद्धति है वो अपने सर्जरी के तरीके विकसित क्यों नहीं कर सकती?

तो आज इस पूरे विवाद पर पॉडकास्ट में तफ्सील से बात करेंगे.

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