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नए साल की शुरुआत करें ‘सलामत’ रहने की दुआ के साथ 

उर्दुनामा में समझिए ‘सलामत’ लफ्ज के मायने, साहिर लुधियानवी, अहमद फ़राज़, और अली सरदार जाफरी की नज्मों के जरिए.

फ़बेहा सय्यद
पॉडकास्ट
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‘सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें, आज इंसान को मोहब्बत की जरूरत है बहौत’: बशीर बद्र 
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‘सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें, आज इंसान को मोहब्बत की जरूरत है बहौत’: बशीर बद्र 
(फोटो: अर्निका कला/क्विंट हिंदी)

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होस्ट, राइटर, और साउंड डिजाइनर: फ़बेहा सय्यद
एडिटर: शैली वालिया
म्यूजिक: बिग बैंग फज

सलामती की दुआ वही दे सकता है जिसके दिल में आपके लिए गुंजाइश हो, और जब सलामती की दुआ दी जाती है तो दुआ देने वाला आपके लिए भगवान से खैर यानी सुरक्षा मांगता है. उर्दू शायरी में अगर समझें, तो सलामती के बारे में 'पुर अम्न' जिंदगी और हालात की उम्मीद करते हुए शायरों ने लिखा है. इस 'अम्न-ओ-सुकून' की थीम पर उर्दू में काफी खूबसूरत नज्में मिल जाएंगी जो खास तौर से हिंदुस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों पर लिखी गई है, या फिर जंग के तसव्वुर की मुख़ालेफ़त मे.

आज पॉडकास्ट में समझिए 'सलामत' लफ्ज के मायने, साहिर लुधियानवी, अहमद फ़राज़, और अली सरदार जाफरी की नज्मों के जरिए.

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