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नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) लगा दिया गया है. ये दोनों ही जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. अब्दुल्ला-मुफ्ती को पिछले साल 5 अगस्त से ऐहतियातन तौर पर हिरासत में लिया गया है. अब इन पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है. इनके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व विधायक बशीर अहमद वीरी और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के मामा सरताज मदनी के खिलाफ भी कड़े जन सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.
उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पीएसए लगाने पर पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने नाराजगी जाहिर की है. चिदंबरम ने ट्वीटकर इस कार्रवाई को क्रूर बताया है और हैरानी जताई है. उन्होंने कहा, "उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अन्य लोगों के खिलाफ पब्लिक सेफ्टी एक्ट के क्रूर आह्वान से हैरान और परेशान हूं."
कश्मीर में सब कुछ सही चल रहा है, शांति है, पर्यटन फल फूल रहा है, सब चंगा सी. अगर ये कश्मीर की सच्चाई होती तो केंद्र सरकार को एक प्रदेश के दो मुख्यमंत्रियों पर पब्लिक सेफ्टी कानून नहीं लगाना पड़ता. लोगों और सरकारों के बीच जब तक ट्रस्ट मतलब भरोसे का रिश्ता नहीं होगा, तब तक कश्मीर समस्या का समाधान नहीं होगा. और भरोसे का पहला हाथ सरकार को ही बढ़ाना होगा.
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