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Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Podcast Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019उर्दूनामा| क्या होता है आवाज का होना और आवाज को बुलंद करने के मायने

उर्दूनामा| क्या होता है आवाज का होना और आवाज को बुलंद करने के मायने

यहां सुनिए जोश मलीहाबादी, फैज अहमद फैज और साहिर लुधियानवी की शानदार नज्में

फ़बेहा सय्यद
पॉडकास्ट
Updated:
<div class="paragraphs"><p>समझिये शायरी के ज़रिये किसी की आवाज़ बनना और आवाज़ उठाना क्या होता है.</p></div>
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समझिये शायरी के ज़रिये किसी की आवाज़ बनना और आवाज़ उठाना क्या होता है.

फोटो: क्विंट हिंदी/ कामरान अख्तर

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उर्दूनामा के इस एपिसोड में, हम उर्दू शायरी के हवाले से समझेंगे कि 'आवाज' होने का मतलब क्या है. और शायरी के जरिए आवाज का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किस तरह किया जाता है जिनके पास 'आवाज' या तो यह नहीं है या अक्सर खामोश कर दी जाती है.

'आवाज उठाने' के विषय को समझने के लिए ​​शायर-ए-इंकलाब, जोश मलीहाबादी की नज़्म, 'ईस्ट इंडिया कम्पनी के फ़र्ज़ंदों से खिताब' (टू द सन्स ऑफ ईस्ट इंडिया) पढ़ने से बेहतर तरीका और क्या हो सकता है. पॉडकास्ट में जोश के अलावा सुनिए फैज़ अहमद फैज़, साहिर लुधियानवी, मजरूह सुल्तानपुरी, की यादगार नज्में.

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Published: 04 Jul 2021,03:08 PM IST

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