मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Podcast Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Urdunama | प्यार के पड़ाव का भाग 3: उर्दू शायरी में 'हिज्र' और जुदाई की फिक्र

Urdunama | प्यार के पड़ाव का भाग 3: उर्दू शायरी में 'हिज्र' और जुदाई की फिक्र

Urdunama Podcast: उर्दूनामा के नए पॉडकास्ट को सुनिए और जानें कि क्यों '...दूरी सही जाए ना..'

फ़बेहा सय्यद
पॉडकास्ट
Published:
<div class="paragraphs"><p>Urdunama | प्यार के पड़ाव का भाग 3: उर्दू शायरी में 'हिज्र' और जुदाई की फिक्र</p></div>
i

Urdunama | प्यार के पड़ाव का भाग 3: उर्दू शायरी में 'हिज्र' और जुदाई की फिक्र

(फोटो- क्विंट हिंदी)  

advertisement

उर्दू शायरी के शायर के लिए 'हिज्र' का मतलब होता है जुदाई, दूरी. जुदाई, उर्दू शायरी में शायर के लिए किसी एक बुरे ख्वाब की तरह है. प्यार के चरणों पर चार-भाग की सीरीज में फबेहा सैयद जुदाई की चिंता से प्रेरित मुश्किलों और तकलीफों की पड़ताल करती हैं जिससे शायर गुजरता है.

उर्दूनामा के नए पॉडकास्ट को सुनिए और जानें कि क्यों '...दूरी सही जाए ना..'

'नज़र' के बारे में इस सीरीज के पहले भाग में शायर ने अपनी प्रेमिका पर अपनी नज़रें जमाई हैं और दूसरे भाग में फ़बेहा 'कशिश' के बारे में बात करती हैं.

'उर्दूनामा' के और एपिसोड देखें, एक ऐसा पॉडकास्ट जहां हम फिल्मों और गानों में रोज़मर्रा के उर्दू शब्दों के बारे में बात करते हैं. यहां क्लिक करें.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT