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21 जून, 2020 को भारत में पूर्ण सूर्यग्रहण होने जा रहा है. यह सूर्यग्रहण भारत में सुबह 9 बजकर 15 मिनट 58 सेकंड पर शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 4 मिनट 1 सेकंड पर समाप्त होगा. ऐसा पूर्ण सूर्यग्रहण दुनिया में पहली बार नहीं घटित होगा लेकिन इस आकाशीय घटना के बारे में अजीब बातें बताई जा रही हैं. हमारे देश में कुछ खबरिया चैनल लोगों में ये कहकर भय पैदा कर रहे हैं कि वे इस आकाशीय घटना से बचकर रहें.
आज का युग विज्ञान के युग के तौर पर जाना जाता है इसलिए आज हम किसी भी घटना को तर्क और विज्ञान की कसौटी पर रखते हैं. सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण जैसी आकाशीय घटनाओं को भी हमें तर्क और विज्ञान की कसौटी पर रखना चाहिए.
यह एक सामान्य आकाशीय घटना है जिसका खास प्रभाव समुद्र की सतह पर नजर आता है जहां सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के वक्त समुद्र में ज्वारभाटा आता है. सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बाद से घट रही हैं, जब धरती पर मानव की उत्पत्ति नहीं हुई थी.
इसके विपरीत भारत में इन आकाशीय घटनाओं से लोगों में अभी भी डर व्याप्त है. लोगों में डर फैलाने की अहम भूमिका ज्योतिषी निभा रहे हैं क्योंकि यह घटनाएं उनको मोटी कमाई करने का अवसर प्रदान करती हैं. यह दुर्भाग्य की बात है कि हमारे समाज में लोग अभी भी अंधविश्वास से ग्रस्त हैं, जबकि बाकी दुनिया के लोगों ने उस रास्ते को अपनाया है जो उन्हें तथ्यों की ओर ले जाता है.
(रोहित शर्मा विश्वकर्मा एक स्वतंत्र पत्रकार हैं. लेख में छपे विचार उनके अपने हैं. इनसे क्विंट हिंदी का रजामंद होना जरूरी नहीं है.)
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