ADVERTISEMENTREMOVE AD

सूर्यग्रहण से अबतक दुनिया ने क्या सीखा, जानिए दिलचस्प बातें

सूर्यग्रहण में हीलियम की जानकारी दुनिया को हासिल हुई. खास बात ये है कि धरती पर हीलियम का भंडार है

Updated
साइंस
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सूर्यग्रहण की घटना से यूनिवर्स और जीवन पर इसके असर की कई अहम जानकारियां हासिल होती हैं. ऐसे में दुनियाभर के वैज्ञानिक सूर्यग्रहण के मौके पर तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट करते हैं. इस बार नासा के वैज्ञानिक ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि सूर्यग्रहण किस तरह आसपास के वायुमंडल को बदलता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सूर्यग्रहण की घटनाओं से दुनिया ने क्या नया जाना?



सूर्यग्रहण में हीलियम की जानकारी दुनिया को हासिल हुई. खास बात ये है कि धरती पर हीलियम का भंडार है
सूर्यग्रहण
(फोटो: Giphy.com)

साल 1868: हीलियम तत्व (Element) के बारे में तो आप जानते ही होंगे, साल 1868 में हुए एक सूर्यग्रहण के दौरान हीलियम की जानकारी दुनिया को हासिल हुई. खास बात ये है कि धरती पर हीलियम का भंडार है, लेकिन ये बात हमें साल 1895 तक नहीं पता था.

साल 1919: पढ़ाई के दौरान आपका भी पाला आइंस्टीन की थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी (सापेक्षता का सिद्धांत) से पड़ा होगा, इस सिद्धांत के मुताबिक ग्रेविटी यानी गुरुत्वाकर्षण, प्रकाश को तिरछा (Bend) कर सकता है.



सूर्यग्रहण में हीलियम की जानकारी दुनिया को हासिल हुई. खास बात ये है कि धरती पर हीलियम का भंडार है
आइंस्टीन
(फोटो: Giphy.com)
साल 1919 में हुए एक सूर्यग्रहण के दौरान इस थ्योरी का पहला टेस्ट हुआ और ये सही साबित हुआ. टेस्ट के दौरान सूर्यग्रहण के पहले और बाद में कई सितारों (stars) की तस्वीरें ली गईं, सूर्यग्रहण के दौरान गुरुत्वाकर्षण में बदलाव होता है, ऐसे में आइंस्टीन की थ्योरी के मुताबिक तारों की पोजिशन में बदलाव दिखना चाहिए था, और ऐसा ही हुआ.
0

कंफ्यूजन से साइंस तक का दौर परत-दर-परत

-प्राचीन काल में दुनिया को यही पता था कि पृथ्वी ही ब्रह्मांड का केंद्र है. 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में निकोलस कॉपरनिकस नाम के अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने बताया कि पृथ्वी नहीं, सूर्य इस ब्रह्मांड का केंद्र है.

-17वीं और 18वीं शताब्दी में इस जानकारी को केप्लर, आइजैक न्यूटन और एडमंड हैली जैसे वैज्ञानिकों ने पुख्ता किया. इन वैज्ञानिकों की मदद से ही सोलर सिस्टम के बारे में दुनिया जान पाई.

-अब सोलर सिस्टम की जानकारी के बाद सूर्य और चंद्र ग्रहण का कॉन्सेप्ट सामने आए, क्योंकि पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा अपने कक्ष में चक्कर लगाते रहते हैं.

सूर्यग्रहण क्या है?

जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य का कुछ भाग चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं देता है. इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं. जब सूर्य पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे जा छुपता है तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं. वहीं कुछ भाग छिप जाता है तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं.



सूर्यग्रहण में हीलियम की जानकारी दुनिया को हासिल हुई. खास बात ये है कि धरती पर हीलियम का भंडार है
सोलर सिस्टम 
(फोटो: Giphy.com)
ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या जानवरों के व्यवहार में परिवर्तन आता है ?

सूर्यग्रहण के दौरान प्रकाश और तापमान में अचानक अंतर से कुछ जानवरों के व्यवहार में बदलाव दिखने लगता है. झिंगुर, उल्लु, और कुछ पक्षी इस दौरान चहलकदमी करने लगते हैं मछलियों और पालतू जानवरों में भी कई तरह के परिवर्तन दिखते हैं.

भारत और सूर्यग्रहण

भारत में सूर्यग्रहण को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं. सूर्य को भगवान मानने वाले इस देश में सूर्यग्रहण के दिन पूजा, दान-दक्षिणा और स्नान की मान्यताएं हैं. सूर्यग्रहण को धर्म-कर्म से जो़ड़कर देखने वाले लोग राशियों पर इसके ‘असर’ को बेहद गंभीरता से लेते हैं, और ज्योतिषियों से इस घटना का प्रभाव जानने के लिए भी जाते हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×