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बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games 2022) में भारत ने छठे दिन दिन भी अच्छा प्रदर्शन किया. 1 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज के साथ भारत की झोली में एक दिन में कुल 5 मेडल आए, जिसके बाद भारत के पास कुल 18 मेडल हो गए हैं. हालांकि भारत ओवरऑल मेडल टैली में 7वें स्थान पर बैठा है, जबकि ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और कनाडा ने क्रमश- पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है.
आइए देखते हैं CWG 2022 Day 5 भारत को किस-किस इवेंट में मेडल मिला.
कॉमनवेल्थ के जूडो इवेंट में तालिका मान ने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया. 78+ किलो भारवर्ग के फाइनल में स्कॉटलैंड की सारा एडलिंगटन के सामने तूलिका हार गईं. चार बार रही राष्ट्रीय चैंपियन तालिका मान ने न्यूजीलैंड की सिडनी एंड्रयूज को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के जूडो इवेंट में भारत का यह तीसरा मेडल है.
लवप्रीत सिंह ने पुरुषों की 109kg कैटगरी में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है. उन्होंने कुल 355kg वजन के साथ ब्रॉन्ज जीता. लवप्रीत सिंह ने स्नैच राउंड में अपने तीसरे प्रयास में 163kg और क्लीन एंड जर्क के अपने तीसरे अटेम्प्ट में 192 किग्रा वजन उठाया.
सौरव घोषाल ने पुरुष सिंगल्स में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर इतिहास रचा है. उन्होंने जेम्स विलस्ट्रॉप को 3-0 (11-6, 11-1, 11-4) से हराया. कॉमनवेल्थ में पुरुष या महिला दोनों वर्ग में भारत का पहला सिंगल्स स्क्वैश मेडल है.
गुरदीप सिंह ने पुरुषों के 109 किग्रा से अधिक वजन वाले वर्ग में ब्रॉन्ज जीता है. उन्होंने 390 किग्रा वजन उठाकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. स्नेच राउंड की शुरुआत 167 किग्रा वजन उठाने में गुरदीप नाकाम हुए. हालांकि दूसरी बार में उन्होंने 167 किग्रा वजन उठा लिया.
क्लीन एंड जर्क राउंड की शुरुआत गुरप्रीत ने 207 किग्रा वजन उठाकर की. दूसरी बार उन्होंने 215 किग्रा उठाया, लेकिन वो नाकाम रहे. तीसरी बार में उन्होंने 223 किग्रा वजन उठाकर कुल 390 किग्रा वजन उठाकर ब्रॉन्ज जीत लिया.
तेजस्विन शंकर ने पुरुषों के लॉन्ग जंप में ब्रॉन्ज अपने नाम किया. कॉमनवेल्थ में लॉन्ग जंप में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं.
जीत के बाद तेजस्विनी ने कहा-"मैं बहुत खुश हूं कि मैंने पदक जीता और एथलेटिक्स में भारत को मेडल दिलाया. मैं सभी का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मुझे मौका दिया. मुझे लगता है कि कॉमनवेल्थ के इतिहास में ऊंची कूद में यह भारत का पहला पदक है."
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