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भारतीय महिला टीम ने (Commonwealth Games 2022) में लॉन बॉल इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया. भारतीय टीम ने अफ्रीकी टीम को 17-10 से हराकर पदक पर कब्जा जमाया. यह राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में लॉन बॉल में भारत का पहला पदक है. ऐसे में भारत को बर्मिंघम में चौथा स्वर्ण पदक हासिल हुआ है. आइए लॉन बॉल की चारों महिला खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं.
लॉन बॉल में इतिहास रचने वाली चारों महिला खिलाड़ियों का नाम लवली चौबे, रूपा रानी तिर्की, पिंकी और नयनमोनी सैकिया है.
38 वर्षीय लवली चौबे झारखंड पुलिस में कांस्टेबल हैं. इंडियन एक्प्रेस के मुताबिक चौबे अपने युवावस्था में झारखंड की लंबी जंपर हुआ करती थीं, झारखंड के पूर्वी जोन का प्रतिनिधित्व करती थीं और वो कभी भारत के लिए प्रतिनिधित्व करने का सपना देखती थीं.
रूपा रानी भी झारखंड से आती हैं, वो राज्य के खेल विभाग में कार्यरत हैं. फिलहाल, वो रामगढ़ एक खेल जिलाधिकारी हैं. इंडियन एक्प्रेस के मुताबिक रूपा रानी तिर्की अपने युववस्था में कबड्डी की खिलाड़ी थीं. लेकिन, बाद में उन्होंने लॉन बॉल खेलना शुरू किया. उनके पिता डाक घर में काम करते थे. वहीं, उनकी बहन रीमा रानी तिर्की क्रिकेट खलेती हैं.
वहीं, पिंकी दिल्ली के आरके पुरम स्थित DPS स्कूल में खेल शिक्षक हैं. उन्होंने साल 2010 में राष्ट्रमंडल खेल के दौरान ही इस खेल को खेलना शुरू किया था.
नयनमोनी सैकिया असम से आती हैं. वो एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं. वह राज्य के वन विभाग में काम करती हैं.
बता दें, इन सभी लॉन बॉल खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पूर्व क्रिकेट अंपायर मधुकांत पाठक ने दी थी, जो परिणाम से खुश हैं. वो याद करते हुए कहते हैं कि पहले तो लोग इसे खेल ही नहीं मानते थे. यह खेल क्रिकेट से काफी कुछ जुड़ा है, ये वैसा ही जैसे क्रिकेट में एक बल्लेबाज को झुककर बांउड्री लगानी होती है, ठीक वैसा ही इस खेल में भी है.
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