advertisement
फीफा वर्ल्ड कप के पहले सेमीफाइनल में मंगलवार को बेल्जियम की टीम फ्रांस से भिड़ेगी. बेल्जियम 32 साल के लंबे इंतजार के बाद सेमीफाइन में पहुंचने में कामयाब हुआ है. लेकिन फ्रांस जैसी मजबूत टीम को हराना उसके लिए कड़ी चुनौती होगी. 1998 में पहली बार विश्व कप जीतने वाले फ्रांस को शुरुआत से ही खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है.
इस वर्ल्ड कप में अभी तक बेल्जियम ने दमदार प्रदर्शन किया है और सभी मैचों में जीत हासिल की है. ईडन हैजार्ड की कप्तानी में टीम ने प्रतियोगिता का शानदार आगाज करते हुए पहले मुकाबले में पनामा को 3-0 से शिकस्त दी. अगले दो मैचों में भी बेल्जियम को कोई खास परेशानी नहीं हुई और ट्यूनिशिया को 5-2 और इंग्लैंड को 1-0 से हराकर टीम ने नॉकआउट दौर में एंट्री की.
क्वार्टर फाइनल में बेल्जियम का सामना पांच बार की विजेता ब्राजील से हुआ. ब्राजील के खिलाफ शुरू से ही बेल्जियम ने आक्रामक खेले दिखाया और मैच को 2-1 से अपने नाम किया. मैनचेस्टर युनाइटेड से खलने वाले स्ट्राइकर रोमेलू लुकाकू ने इस टूनार्मेंट में अपने देश के लिए कमाल का प्रदर्शन करते हुए कुल चार गोल दागे. लुकाकू के अलावा ईडन हैजार्ड और केविन डे ब्रूने ने भी अपने दमदार प्रदर्शन से फारवर्ड लाइन के मजबूती प्रदान की.
फ्रांस की टीम 1998 के बाद पहली बार खिताब जीतने के इरादे से मैदान में उतरेगी. जर्मनी में 2006 में हुए विश्व कप में फ्रांस फाइनल तक पहुंचा था लेकिन इटली से पेनाल्टी शूटआउट में हार के बाद उसे खिताब से महरूम रहना पड़ा था.
फ्रांस पांच जीत और एक ड्रॉ के साथ टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचा है. फ्रांस की शुरुआत धीमी रही थी, उसने अपने पहले मैच में आस्ट्रेलिया को 2-1 जबकि दूसरे मैच में पुरू को 1-0 से हराया था. अंतिम ग्रुप मैच में फ्रांस को डेनमार्क से गोल रहित ड्रॉ खेलना पड़ा था.
नॉकआउट में फ्रांस ने आक्रमक खेल दिखाते हुए प्री-क्वार्टर फाइनल में अर्जेंटीना पर 4-3 और क्वार्टर फाइनल में उरुग्वे पर 2-0 से आसान जीत दर्ज की. फ्रांस के लिए जीत में हर खिलाड़ी ने बराबर योगदान दिया है.
19 साल के फारवर्ड कीलियन एम्बाप्पे और एंटोनी ग्रीजमैन ने अब तक टूनार्मेंट में तीन गोल दागे हैं, ऐसे में बेल्जियम के डिफेंस को उनके खिलाफ खास रणनीति बनानी होगी. कोच दिदिएर देसचाम्पस ने 1998 में कैप्टन के रूप में विश्व कप जीता था और इस बार वह एक कोच के रूप में फ्रांस के साथ खिताब पर कब्जा करना चाहेंगे.
(इनपुटः IANS)
ये भी पढे़ं-क्या अब फुटबॉल में भी इंग्लैंड से हटेगा बदकिस्मती का साया?
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)