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ईरान की राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टीम ने सोमवार को इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले विश्व कप (FIFA World Cup) के मैच से पहले अपने देश का राष्ट्रगान नहीं गाया. खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम में जब ईरान देश का राष्ट्रगान (National Anthem) बजाया गया तो सभी 11 खिलाड़ी चुप रहे.
राष्ट्रगान न गाकर सांकेतिक रूप से सितंबर में पुलिस हिरासत में महसा अमिनी की मौत के बाद घरेलू सरकार के खिलाफ विरोध प्रर्दशन का समर्थन किया. अमिनी को कथित रूप से गलत तरीके से हिजाब पहनने के लिए गिरफ्तार किया गया था.
इससे पहले, ईरान के कप्तान अलिर्जा जहानबख्श ने इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर दिया था कि उनकी टीम इंग्लैंड के खिलाफ सोमवार के मैच से पहले राष्ट्रगान गाएगी या नहीं.
कई ईरानी एथलीटों ने प्रदर्शनकारियों के समर्थन में राष्ट्रगान को नहीं गाने या अपनी जीत के जश्न मनाने का तरीका चुना है. जहानबख्श पिछले हफ्ते एक ब्रिटिश पत्रकार के राष्ट्रगान के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल से नाराज हो गए थे.
उन्होंने कहा, "हर एक खिलाड़ी का जश्न अलग होता है और आप राष्ट्रगान के बारे में पूछते हैं और यह कुछ ऐसा है जिसे टीम में भी तय किया जाना है, जिसके बारे में हम पहले ही बात कर चुके हैं."
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