ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिना कपड़ों के विरोध करती महिलाओं का ये वीडियो ईरान हिजाब प्रोटेस्ट का नहीं

ये वीडियो साल 2019 का है और चिली के सैंटियागो में हुए एक विरोध प्रदर्शन को दिखाता है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सोशल मीडिया पर प्रोटेस्ट करती महिलाओं का एक वीडियो वायरल है. वीडियो में सड़क पर प्रदर्शन करती महिलाओं ने कपड़े नहीं पहने हुए हैं. इस वीडियो को ईरान (Iran) के एंटी हिजाब प्रोटेस्ट (Iran Protest) से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. ईरान में ये प्रोटेस्ट 22 साल की महसा अमीनी की 'मोरैलिटी पुलिस' की कस्टडी में मौत के बाद शुरू हुआ था.

देश में प्रोटेस्ट शुरू होने के बाद दुनिया के कई अन्य देशों में भी इससे जुड़े विरोध प्रदर्शन हुए. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत होने के बाद से अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

हालांकि, वायरल वीडियो का ईरान में चल रहे प्रोटेस्ट से कोई संबंध नहीं है. ये वीडियो चिली के सैंटियागो का है और 2019 का है. कथित तौर पर, वीडियो चिली के पूर्व राष्ट्रपति और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन को दिखाता है.

दावा

वीडियो शेयर कर अंग्रेजी में जो कैप्शन लिखा गया है उसका हिंदी इस प्रकार है, ''एंटी हिजाब प्रोटेस्ट अब ईरान में एक टॉपलेस विरोध में बदल गया है. हिजाब हटाने से लेकर हिजाब फेंकने तक, हिजाब जलाने से लेकर हिजाब से जूते साफ करने तक! चेहरा खोलने से लेकर कमर और शरीर के बाकी हिस्से खोलने तक!! ये अब नीचे के कपड़े उतारने से लेकर कल को बिना कपड़ों तक पहुंच जाएगा!!!''

हमारी WhatsApp टिपलाइन पर भी इस वीडियो से जुड़ी क्वेरी आई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पड़ताल में हमने क्या पाया

वीडियो को ध्यान से देखने पर, बैकग्राउंड में एक बिल्डिंग को साफ तौर पर देखा जा सकता है.

हमने गूगल लेंस का इस्तेमाल कर इस पर एक रिवर्स इमेज सर्च किया. हमने पाया कि ये चिली के सैंटियागो में स्थित 'पोंटीफिकल कैथलिक यूनिवर्सिटी' है. गूगल मैप्स पर यूनिवर्सिटी के उपलब्ध स्ट्रीट व्यू और वायरल वीडियो में दिख रही बिल्डिंग के बीच तुलना नीचे देखी जा सकती है.

हमने लोकेशन को क्लू की तरह इस्तेमाल किया और "naked protest Pontifical Catholic University anti-government" जैसे कीवर्ड्स का स्पैनिश में इस्तेमाल कर सर्च किया. हमें El Cooperante नाम के एक पोर्टल पर 26 नवंबर 2019 को पब्लिश एक आर्टिकल मिला, जिसमें ऐसे ही दृश्य देखे जा सकते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आर्टिकल के मुताबिक, ट्रांसपोर्टेशन की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में अक्टूबर में ये विरोध शुरू हुआ था. लेकिन, बाद में ये विरोध देश में बढ़ती असमानता के खिलाफ गुस्से के खिलाफ भी हुआ.

हमने एक और कीवर्ड सर्च किया, जिससे हमें 16 दिसंबर 2019 को पब्लिश एक आर्टिकल मिला. इसमें इसी वीडियो का इस्तेमाल किया गया था जो वायरल हो रहा है. रिपोर्ट में कहा गया था कि 59 दिनों के विरोध के बाद ये प्रदर्शन पुलिस के बुरे बर्ताव के खिलाफ कैथलिक यूनिवर्सिटी के बाहर किया गया था.

आर्टिकल में ये भी बताया गया था कि वीडियो चिली के पूर्व राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा के एक बड़े से पुतले को पुलिस ऑफिसर्स को कंट्रोल करते हुए दिखाता है. हमें Reuters, BBC, और New York Times पर भी चिली में हुए विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी खबरें मिलीं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मतलब साफ है कि 3 साल पुराना चिली का वीडियो ईरान प्रोटेस्ट से जोड़कर इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि ये एंटी हिजाब प्रोटेस्ट का वीडियो है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×