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दोहा में फीफा वर्ल्ड कप 2022 का रोमांचक और भव्य समापन हो चुका है. लेकिन इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के आयोजक देश (होस्ट कंट्री) कतर के लिए कई मायनों में अभी शुरुआत हो रही है. इस प्रतियोगिता से पहले कभी कतर ने किसी भी वर्ल्ड कप में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करायी थी. वहीं जब इस बार इस देश को इक्वाडोर ने 2-0 से हराया तब कतर टूर्नामेंट के शुरुआती गेम को हारने वाला पहला मेजबान देश बन गया था. 2010 में कतर ने फीफा वर्ल्ड कप के आयोजन बोली जीती थी, तब इसने अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया को पछाड़ा था. उसके बाद इसने जमकर तैयारी की और टूर्नामेंट को सफलतापूर्वक संपन्न कराया. लेकिन इन सबके बीच कतर की आलोचना भी हुई. आइए जानते हैं इस वर्ल्ड कप से कतर को क्या हासिल हुआ.
अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2010 यानी विश्व कप की मेजबानी पाने के बाद से कतर सरकार ने दोहा मेट्रो, हजारों किलोमीटर की स्थानीय सड़कों और राजमार्गों, एक नया बंदरगाह, एक नया हवाई अड्डा, और अपने बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए 300 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक खर्च किया है.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार कतर ने फीफा (फुटबॉल विश्व कप) के आयोजन के लिए 2 लाख मिलियन यूएस डॉलर से अधिक खर्च किया है, जो इतिहास में अब तक का सबसे महंगा फीफा विश्व कप है.
कतर सरकार ने आयोजन से पहले एक बड़ी धनराशि उन चीजों पर खर्च कर दी थी, जिनका फुटबॉल से कोई संबंध नहीं है जैसे कि वहां एक नया मेट्रो स्टेशन, एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई सड़कें, करीब सौ नए होटल और मनोरंजन की अन्य चीजों के निर्माण किए गए हैं.
जो निर्माण किए गए हैं उनमें से ज्यादातर निवेश कतर नेशनल विजन 2030 का हिस्सा है जो कि कतर की एक महत्वाकांक्षी सार्वजनिक निवेश परियोजना है.
इस आयोजन ने कतर को वो मंच प्रदान किया है, जिससे इसे विजन 2030 पूरा करने में 4 तरीके से मदद मिलेगी.
ह्यूमन डेवलपमेंट : कतर ने 7 नए स्टेडियम में से एक एजुकेशन सिटी में बनाया है. पिछले पांच साल में यहां ऑक्सीजन पार्क, नेशनल लाइब्रेरी, होटल बनाए गए हैं. कतर को वर्ल्ड कप के बाद 10 लाख नई नौकरियों की उम्मीद है.
सोशल डेवलपमेंट : ऐसी उम्मीद जताई गई थी कि 10 लाख से ज्यादा लोग वर्ल्ड कप देखने पहुंचेंगे. इतने बड़े इवेंट का सफल आयोजन करने पर दुनिया में उसका कद बढ़ेगा.
इकनॉमी डेवलपमेंट : कतर टूरिज्म को अपनी फ्यूचर इकनॉमी के तौर पर देख रहा है. उसे उम्मीद है कि 2030 तक 75 लाख टूरिस्ट आएंगे. उसकी इकोनॉमी में 3% की ग्रोथ होगी.
एनवायर्नमेंटल डेवलपमेंट : कतर ने सभी स्टेडियम एनवायरनमेंट फ्रेंडली बनाए हैं. इस वर्ल्ड कप के नाम पर कतर एक ग्रीन सिटी भी बना चुका है.
कतर वर्ल्ड कप के CEO नासिर अल खातेर के मुताबिक, 'कतर इकनॉमी में वर्ल्ड कप के बाद करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये आएंगे'.
अमीरात की निवेश प्रोत्साहन एजेंसी आईपीए कतर के अनुसार, जब यह घोषणा हुई है कि इस खाड़ी देश को फीफा जैसे बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी मिली है उसके बाद से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के अवसरों में काफी वृद्धि हुई है. यह देखा गया है कि 2010 से कतर की GDP स्थिर तौर पर 4.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पूर्वानुमानों से पता चलता है कि विश्व कप की वजह से कतर की अर्थव्यवस्था 2022 और 2023 में 3.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, हालांकि बाद में 2024 तक यह 1.4 प्रतिशत तक धीमी हो जाएगी.
ऐतिहासिक रूप से इस सबसे महंगे आयोजन के बारे में शेफील्ड हलाम विश्वविद्यालय में स्पोर्ट्स फाइनेंस के लेक्चरर डैन प्लूमले ने कुछ समय पहले कहा था कि "फीफा जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के आयोजन की मुख्य वजह और प्रेरणा अंतर्राष्ट्रीय संबंध हैं और वैश्विक स्तर पर रक्षा और सुरक्षा रणनीति के मामले में कतर खुद को एक सॉफ्ट पॉवर के रूप में देखना चाहता है. कतर के लिए पैसा कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. वो विश्व कप के आयोजन का खर्च वहन करने में सक्षम है और इससे होने वाले नुकसान को झेलने के लिए भी वो तैयार है."
वहीं लिवरपूल विश्वविद्यालय में फुटबॉल फाइनेंस के एक्सपर्ट कीरेन मेगुईर ने एक रिपोर्ट में कहा है कि "कतर सरकार देश के आधारभूत ढांचे से संबंधित तमाम मुद्दों को हल करना चाहती है और विश्व कप ने सरकार के उस अभियान को गति दी है. इसने उन्हें एक केंद्र बिंदु प्रदान किया है. यही वजह है कि अन्य विश्व कप आयोजनों के मुकाबले यह बहुत ज्यादा खर्चीला हो गया है.”
मेगुईर का मानना है कि इन आधारभूत ढांचों के जरिए कतर भविष्य में यूरोपा लीग या चैंपियंस लीग जैसे यूरोपियन टूर्नामेंट्स के लिए बोली लगाने की कोशिश करेगा.
कतर ने अपने पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग के लिए ओलिंपिक और नेशनल फुटबॉल लीग में भेजा. न्यूयॉर्क सिटी पुलिस समेत 13 देशों की पुलिस की मदद ली है.
फीफा 2022 ने कतर के पर्यटन स्थलों उभारने का काम किया है. टूर्नामेंट के पहले दो हफ्तों में लगभग 7 लाख 65 हजार प्रशंसकों ने कतर का दौरा किया. कतर में जो सरकारी आंकड़े दिए गए हैं उनके अनुसार, दुनिया की 80 फीसदी आबादी कतर तक 6 घंटे की फ्लाइट से पहुंच सकती है. फीफा वर्ल्ड कप के लिए 150 से अधिक नए होटल बनाए गए. ऐसी उम्मीद जताई गई है कि आने वाले वर्षों में ये सभी होटल पर्यटकों के लिए खुले रहेंगे.
कतर का लक्ष्य है कि 2030 तक वह प्रति वर्ष छह मिलियन पर्यटकों को आकर्षित करेगा.
कतर फीफा विश्व कप 2022 के सीईओ नासिर अल खातेर का कहना है कि "इस मेगा मास्टर प्लान के विकास के बाद से हम जो देख रहे हैं वह यह है कि हमें इसका वाकई में लाभ आने वाले 20 वर्षों में मिलेंगे."
फीफा वर्ल्ड कप 2022 एक ऐतिहासिक विरासत छोड़ कर गया है. पूरी दुनिया के लोगों ने देखा कि कतर (अरब) की परंपरा और मूल्य क्या हैं. यह पहली मौका था जब फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन किसी इस्लामिक देश में हुआ. कतर ने इस आयोजन को अरब और इस्लामिक रंग देने का भी काम किया. अर्जेंटीना के कप्तान लियोनेल मेसी जब वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाने जा रहे थे तब कतर के शासक शेख तामिन बिन हमाद अल-थानी ने उनके कंधे पर एक काले रंग का चोगा डाल दिया. यह अरब के पुरुषों का पारंपरिक चोगा है.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कतर के कुछ होटल में विजिटर्स को इस्लाम के बारे में समझ बढ़ाने के लिए क्यूआर कोड की पेशकश की गई. इसके अलावा मुस्लिम वॉलन्टियर्स विजिटर्स को इस्लामिक फैशन के बारे में भी बताते नजर आए.
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, वर्ल्ड कप के दौरान बाहर से आए फ़ुटबॉल प्रेमियों को इस्लाम के बारे में बताने के लिए कतर के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने कटारा क्लचरल विलेज मस्जिद में एक पूरा पावेलियन बनाकर रखा था. इसमें 30 भाषाओं में इस्लामिक चिह्न थे. इसके अलावा बुकलेट्स और क़ुरान भी मेहमानों के बीच बांटे जा रहे थे. यहां आने वाले मेहमानों को अरबी कॉफी भी दी गईं. जो बसें वर्ल्ड कप के स्टेडियम तक जा रही थीं, उनमें क्यूआर कोड थे और उन्हें स्कैन करने के बाद कुरान और इस्लाम के बारे में पढ़ा जा सकता था.
कतर के अधिकारियों के अनुसार उनका लक्ष्य गैर-मुस्लिम फैंस को इस्लाम की सच्ची शिक्षाओं के बारे में शिक्षित करना और गलत धारणाओं को दूर करना है.
स्पोर्ट्स डिप्लोमेसी एक तरह की सॉफ्ट पावर होती है. बॉन्ड विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के जानकार और एसोसिएट प्रोफेसर स्टुअर्ट मरे के अनुसार "विदेशी जनता और संगठनों के बीच एक अनुकूल छवि बनाने लिए स्पाेर्ट्स इवेंट का उपयोग किया जाता है. और इस तरह की धारणाएं बनाने का प्रयास किया जाता है जो सरकार की विदेश नीति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अधिक अनुकूल होती हैं."
सऊदी अरब की जीत के बाद दोहा में "लोग रो रहे थे, कूद रहे थे". इसे याद करते हुए अल थानी के साथ अरब दुनिया भर में जश्न मनाया गया. यह दर्शाता है कि कतर और सऊदी अरब के बीच रिश्ते मधुर होंगे. ईरान ने कतर के साथ बातचीत की और आने वाले पर्यटकों के लिए रहने की जगह देने की बात कही थी.
विश्व कप जैसे ऐतिहासिक इवेंट से कतर के लिए अल्पकालिक और साथ ही दीर्घकालिक आर्थिक लाभ और सॉफ्ट-पावर लाभ की संभावना है.
फीफा वर्ल्ड की वजह से पश्चिम एशिया के रेगिस्तानी देश कतर की दुनियाभर में चर्चा रही है. कतर ने फीफा विश्व कप का मेजबान बनने के बाद खुद को एक प्रगतिवादी देश के तौर पर दिखाने की भरपूर कोशिश की. 1990 के दशक की शुरुआत में कतर कई मामलों में कमजोर देश था. लेकिन आज दुनिया में इसका नाम है. कतर 2030 में एशियन गेम्स की भी मेजबानी करेगा. वह खेल के जरिए दुनिया के अन्य देशों से अपने संबंध अच्छे करने के साथ-साथ खुद को भी आगे बढ़ाना चाहता है.
कतर में बुनियादी ढांचे के अपग्रेड होन से न केवल रियल एस्टेट, आतिथ्य और निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में बहुत सी नई नौकरियां पैदा हुईं, बल्कि पर्यटन उद्योग के माध्यम से यह देश 2025 तक 66 बिलियन QAR (कतर की मुद्रा) तक का आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकता है.
इस टूर्नामेंट से कतर की इंटरनेशनल प्रोफाइल मजबूत होगी, निवेश आएगा, नई तकनीक आएगी, बाहरी कंपनियां आएंगी आदि.
इस विश्व कप के माध्यम से कतर ने अरब और पश्चिमी दुनिया के बीच संबंधों को मजबूत करने और अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने का काम किया है.
कतर ने जब फीफा वर्ल्ड कप 2022 के आयोजन की बोली जीती थी तब बोली प्रक्रिया के दौरान इस देश को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा, जिसमें तकनीकी रिपोर्टों के आधार पर फीफा ने अपनी चिंताओं को चिह्नित किया था. रिपोर्टों में कहा गया था कि आमतौर पर यह मेगा टूर्नामेंट समर सीजन में आयोजित किया जाता है, ऐसे में कतर ऐसा देश है जहां इस सीजन में भयंकर गर्मी पड़ती है इसलिए इसका आयोजन ठंड में किया गया.
जब कतर के सामने फीफा ने अपनी चिंताओं को रखा तब कतर की ओर से वादा करते हुए कहा गया था कि दुनिया के लिए यह देश "मिडिल ईस्ट का गौरव" बनकर उभरेगा. वहीं तत्कालीन फीफा अध्यक्ष सेप ब्लैटर ने "नई जमीन" पर फुटबॉल के सबसे बड़े इवेंट की संभावना का स्वागत किया था.
अन्य विवादों की बात करें तो यह टूर्नामेंट श्रमिकों के मानवाधिकार, एलजीबीटीक्यू और महिलाओं के अधिकार, शराब पर बैन, भ्रष्ट तरीके से मेजबानी हासिल करने समेत कई मुद्दों पर घिरा रहा.
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