Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Sports Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019All sports  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019खिलाड़ियों के गुस्से से डरी खट्टर सरकार, वापस लिया बेतुका फरमान 

खिलाड़ियों के गुस्से से डरी खट्टर सरकार, वापस लिया बेतुका फरमान 

इस नोटिफिकेशन से बबीता, सुशील और योगेश्वर दत्त ने नाराजगी जताई है

क्विंट हिंदी
अन्य खेल
Updated:
सुशील कुमार, बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त
i
सुशील कुमार, बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त
(फोटो: Twitter)

advertisement

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खिलाड़ियों के विरोध को देखते हुए एक तिहाई कमाई देने वाले आदेश को रोक दिया है. उन्होंने कहा, ''मैंने खेल विभाग से संबंधित फाइल दिखाने को कहा है और तब तक के लिए 30 अप्रैल के नोटिफिकेशन को रोकने के आदेश दिए हैं. हमें अपने खिलाड़ियों के योगदान पर गर्व है और मैं उन्हें प्रभावित करने वाले सभी मुद्दों पर विचार करने का आश्वासन देता हूं.''

दरअसल, सरकार के एक फरमान के बाद बबीता फोगाट, सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त जैसे दिग्गज खिलाड़ी नाराज हो गए थे.

भारत की महिला कुश्ती पहलवान बबीता फोगाट ने कहा था, ''ऐसा लगता है अनपढ़ लोग पॉलिसी बना रहे हैं. क्या वो नहीं जानते कि जो राशि हम जीतते हैं. उस पर टैक्स देते हैं.’’

क्या थी सरकार की बेतुकी पॉलिसी?

हरियाणा सरकार ने अपने राज्य के खिलाड़ियों ने लिए शुक्रवार को नया फरमान जारी किया. राज्य सरकार ने सभी खिलाड़ियों से प्रोफेशनल इवेंट और विज्ञापनों से मिलने वाले पैसों का एक-तिहाई हिस्सा देने को कहा है.

सरकार की ओर से 30 अप्रैल को जारी किए गए इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि खिलाड़ियों को ये रुपये हरियाणा राज्य खेल परिषद को देने होंगे. सरकार इन पैसों का इस्तेमाल हरियाणा में खेल और उभरती प्रतिभाओं के विकास लिए करेगी.

30 अप्रैल को जारी किए गया हरियाणा सरकार का नोटिफिकेशन(फोटो: Twitter)

सरकार के फरमान से खिलाड़ी नाराज

इस कदम की कई खिलाड़ियों ने आलोचना की है और साथ ही उन्होंने राज्य सरकार को भी फटकार लगाई है.

बबीता फोगाट

बबीता फोगाट(फोटो: Twitter)

बबीता ने एक टेलीविजन चैनल को दिए बयान में कहा, ''ये नया नियम खिलाड़ियों का मजाक बना रहा है. क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए तो ऐसा कोई नियम नहीं है, जो अन्य खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों से अधिक कमाते हैं. क्रिकेट खिलाड़ी विज्ञापनों से बहुत पैसा कमाते हैं, लेकिन मुक्केबाजी, कबड्डी और कुश्ती के खिलाड़ी इतना नहीं कमाते हैं.''

सुशील कुमार

कुश्ती पहलवान सुशील कुमार ने कहा कि इस पॉलिसी को रिव्यू किया जाना चाहिए.

भारतीय पहलवान सुशील कुमार(फोटो: Twitter)

उन्होंने कहा, ''सरकार को इस तरह की कोई पॉलिसी बनाने से पहले सीनियर स्पोर्ट्स पर्सन की कमिटी बनानी चाहिए और उनके इनपुट लेने चाहिए. ऐसे कदमों से खिलाड़ियों का हौसला कम होता है. इससे उनकी परफोर्मेंस पर भी असर पड़ सकता है.''

योगेश्वर दत्त

पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा, "ऐसे अफसर से राम बचाए, जब से खेल विभाग में आए हैं तब से बिना सिर - पैर के तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे हैं. हरियाणा के खेल-विकास में आपका योगदान शून्य है किंतु ये दावा है मेरा इसके पतन में आप शत् प्रतिशत सफल हो रहे हैं. अब हरियाणा के नए खिलाड़ी बाहर पलायन करेंगे और साहब आप जिम्मेदार.''

इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस की तरफ से ट्वीट करके कहा गया है, ‘‘पहले हरियाणा के खिलाड़ियों को मिलने वाली ईनाम राशि में छीना-झपटी की कोशिश की, अब सभी खिलाड़ियों की मेहनत पर डाका डालने की कोशिश कर रही है भाजपा की खट्टर सरकार.’’

(इनपुट IANS से)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 08 Jun 2018,04:22 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT