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ओलंपिक मेडल विजेता वेटलिफ्टर मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पहला गोल्ड मेडल जीता दिया है. बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में मीराबाई चानू में वीमेन 49 किग्रा वर्ग मुकाबले में यह मेडल अपने नाम किया है. भारत को इससे पहले मिले 2 मेडल भी वेटलिफ्टिंग में ही मिले हैं.
मीराबाई ने स्नैच के अपने पहले प्रयास में 84 किग्रा और दूसरे प्रयास में 88 किग्रा उठा लिया. अपने तीसरे प्रयास में चानू 90 किग्रा उठाने के प्रयास में असफल रहीं. इसके बावजूद मीराबाई अपने किसी भी प्रतिद्वंदी से काफी आगे थीं. क्लीन एंड जर्क राउंड के पहले प्रयास में ही मीराबाई ने 109 किग्रा उठा लिया. दूसरे प्रयास में उन्होंने 113 किग्रा उठा लिया. हालांकि अपने अंतिम प्रयास में वो 115 किग्रा नहीं उठा सकीं. दोनों राउंड मिलाकर उन्होंने कुल 201 किग्रा उठाया.
पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई से पूरे देश ली उम्मीद बंधी थी. चीन और कोरिया के वेटलिफ्टर्स की गैरमौजूदगी में मीराबाई अपनी कैटेगरी में गोल्ड की सबसे बड़ी उम्मीदवार थीं. याद रहे कि चानू 2018 में गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमन वेल्थ गेम्स में भी गोल्ड जीत चुकीं हैं.
मीराबाई चानू को भारत के लिए पहला गोल्ड जीतने पर पीएम मोदी ने बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि
इस साल मीराबाई चानू की तैयारी पटरी से थोड़ी हटी भी थी. इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (IWLF) चाहता था कि चानू भारत के लिए अधिक मेडल सुनिश्चित करने के लिए 55 किग्रा वर्ग में भाग लेने के लिए अपने शरीर के वजन को बढ़ाए, जबकि झिल्ली दलबेहरा को 49 किग्रा वर्ग में उतारा जा सके.
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