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"इसबार जीतकर भुला दो पिछली हार और खत्म करो इंतजार"- ऑस्ट्रेलिया में होने जा रहे ICC Men's T20 World Cup के लिए बने ऐड में एक फैन टीम इंडिया से कुछ यूं अपील करता नजर आता है. जिस 'पिछली हार' की बात की जा रही है वह पाकिस्तान के हाथों लगभग एक साल पहले T20 वर्ल्डकप में मिली 10 विकेट की हार थी और जिस इंतजार को खत्म करने की उम्मीद है वह 15 साल से चल रहे T20 वर्ल्डकप की ट्रॉफी का है. ऐसे में जब भारतीय दल ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हो चुका है, हम ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए पिछले 2 T20 सीरीज के आधार पर इस भारतीय स्क्वॉड की 3 मजबूती और 3 कमजोरियों को खोजने की कोशिश करते हैं.
पहले बात करते हैं ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना भारतीय टीम की. रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम इंडिया गुरुवार, 6 अक्टूबर की तड़के सुबह ICC मेंस T20 विश्व कप के लिए ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हो गई. BCCI के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ने टीम इंडिया की तस्वीर पोस्ट की है.
लेकिन वर्ल्ड कप के रवाना हुई इस भारतीय टीम के स्क्वॉड में अभी भी आधिकारिक तौर पर 15वां खिलाड़ी कौन होगा, इसकी घोषणा नहीं हुई है. नेशनल सेलेक्टर्स और BCCI को अभी भी चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो चुके जसप्रीत बुमराह के रिप्लेसमेंट की घोषणा करनी है. चलिए अब सबसे पहले आते हैं इस भारतीय स्क्वॉड के उन 3 मजबूत पक्ष पर जिसे पिछली 2 T20 सीरीज के दौरान टीम ने पाया है.
1. विराट कोहली की फॉर्म में वापसी
भारत के स्टार बल्लेबाज और पूर्व कप्तान विराट कोहली को अपना "पावर गेम" वापस मिल गया है और टी 20 विश्व कप से ठीक पहले उनका फॉर्म में वापस लौटना टीम मैनेजमेंट के साथ-साथ उनके फैंस के लिए सबसे बड़ी राहत की बात है. हालांकि उनके इस कमबैक का श्रेय ऑस्ट्रेलिया या साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुई सीरीज को नहीं बल्कि एशिया कप को जाता है. कोहली ने एशिया कप के दौरान खुद को फिर से साबित किया और तीन साल के खराब फॉर्म को पीछे छोड़ दिया.
एशिया कप (5 T20I) - 35, 59*, 60, 0, 122*
ऑस्ट्रेलिया (3 T20I)- 2, 11, 63
साउथ अफ्रीका (2 T20I में खेले)- 3, 49*
ऑस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिचों पर विराट कोहली का अनुभव और फॉर्म में वापस आना टीम के लिए संजीवनी का काम कर सकता है.
2. सूर्यकुमार यादव= न्यू मिस्टर 360°
टीम इंडिया के लिए सूर्यकुमार यादव चमक रहे हैं. उन्होंने जिस तरह अपने 360° शॉर्ट्स से पिछले 2 सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई और अफ्रीकी गेंदबाजों को तंग किया है, वह टीम के लिए वर्ल्डकप से पहले शुभ संकेत है. दिनेश कार्तिक की मौजूदगी में जब फॉर्म से जूझ रहे ऋषभ पंत का प्लेइंग 11 में खेलना पक्का न हो, सूर्यकुमार यादव जैसा धाकड़ बल्लेबाज जरूरत पड़ने पर हर एक गेंद पर लम्बे शॉर्ट्स लगाने की क्षमता रखता है और टीम को पंत के अतरंगी शॉर्ट्स का विकल्प दे सकता है.
3. फिट और हिट हार्दिक पांड्या कई मर्ज की दवा हैं
एशिया कप ने विराट कोहली के कमबैक के बाद टीम इंडिया को दूसरी सबसे बड़ी मजबूती यह दी है कि चोटिल चल रहे हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या ने अपनी फिटनेस पा ली है. साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए सीरीज के पहले हार्दिक पांड्या ने ऑस्ट्रेलिया सीरीज, एशिया कप और उससे पहले आईपीएल में भी बार-बार साबित किया कि वे दोधारी तलवार हैं- लोअर ऑर्डर में आकर वे तेजी से रन बना सकते हैं और टीम को विकेट के साथ-साथ 4 किफायती ओवर भी दे सकते हैं.
क्या हार्दिक पांड्या का लाइक-टू-लाइक रिप्लेसमेंट टीम इंडिया के पास है? इसका जवाब नहीं और यह हार्दिक पांड्या की अहमियत साबित करता है. कई लोग कह सकते हैं कि शायद पांड्या की गैर-मौजूदगी में यह काम दीपक चाहर कर सकते हैं लेकिन चाहर बल्लेबाजी में पांड्या की भरपाई नहीं कर सकते हैं और उनका नाम अभी भी रिजर्व में शामिल है, आधिकरिक स्क्वॉड में नहीं.
1. बुमराह के बिना राह मुश्किल
बुमराह पीठ की चोट के कारण वर्ल्डकप टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं. इसी चोट ने उन्हें पहले एशिया कप से बाहर रखा था. 28 वर्षीय इस तेज गेंदबाज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ T20I सीरीज के लिए टीम में वापसी की थी, लेकिन वे केवल दो मैच खेल पाए. हालांकि फिर चोट के कारण उन्हें साउथ अफ्रीका T20I सीरीज से बाहर होना पड़ा और आखिर में वर्ल्डकप से भी नाम वापस लेना पड़ा.
सवाल है कि क्या बुमराह के सटीक यॉर्कर का कोई और विकल्प टीम मैनेजमेंट के पास है? मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज और दीपक चाहर में से किसी एक को स्क्वॉड में शामिल किया जाएगा. लेकिन जब टीम डेथ ओवर में खुलकर रन लुटा रही हो, बुमराह की कमी टीम इंडिया महसूस जरूर करेगी.
2. डेथ ओवर बना परेशानी का सबब
भारतीय टीम के लिए डेथ ओवर इस कदर परेशानी का कारण बन गया है कि इसपर मीम बनने लगे हैं कि 19वां ओवर फेंकने का रूल की खत्म हो जाए. पिछले 2 सीरीज में भारतीय गेंदबाजों ने जमकर रन लुटाए हैं. बल्लेबाजों ने जब साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में 238 रन का पहाड़ सा लक्ष्य रखा था तब भी टीम केवल 16 रन से जीत पायी थी. दीपक चाहर को छोड़कर सभी गेंदबाज महंगे साबित हुए. अगर गेंदबाजी में सुधार नहीं होता है तो यह वर्ल्डकप जीतने के सपने में सबसे बढ़ा रोड़ा साबित हो सकता है.
3. फील्डिंग सुधारनी होगी
पिछली 2 सीरीज में जिस तरह की फील्डिंग टीम इंडिया ने की है वह वर्ल्डकप जैसे बड़े टूर्नामेंट के लिए नाकाफी साबित हो सकती है. यहां तक की इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले T20I में खराब फील्डिंग के बाद भारतीय टीम की जमकर आलोचना की. शास्त्री ने कहा कि जब फील्डिंग की बात आती है तो भारत का दुनिया की टॉप टीमों से कोई मुकाबला नहीं है और यह उन्हें बड़े टूर्नामेंटों में बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है. साथ ही मोहम्मद कैफ ने टीम इंडिया को बेहतर फील्डिंग स्टैंडर्ड स्थापित करने के लिए जिम के बजाय ग्राउंड पर अधिक पसीना बहाने की सलाह दी है.
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