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लगभग एक दशक तक विश्व क्रिकेट पर राज करने के बाद विराट कोहली (Virat Kohli) बेहद खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं, जो भारतीय क्रिकेट को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रहा है और लंबे समय तक स्टार बल्लेबाज का खेलना संदेह के घेरे में है. अपने प्रभावशाली करियर के दौरान वह सबसे बढ़िया ऑल-फॉर्मेट बल्लेबाजों में से एक रहे हैं, जिन्होंने कई बार रन चेज में अहम भूमिका निभाई है और बहुत सारे रन बनाने का सबसे सुरक्षित तरीका खोजा है.
विराट कोहली रिकॉर्ड के बाद रिकॉर्ड तोड़ते चले गए और वह मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के 49 वनडे और 51 टेस्ट शतक के रिकॉर्ड तोड़ने के लिए प्रबल दावेदार थे. लेकिन, पिछले दो वर्षों में कोहली के लिए चीजें काफी खराब हो गई हैं. 33 वर्षीय कोहली नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता में 136 रन बनाने के बाद से आईपीएल सहित क्रिकेट के सभी प्रारूपों में 100 से अधिक पारियां खेल चुके हैं, लेकिन अभी तक शतक बनाने में नाकाम रहे हैं.
स्टार बल्लेबाज ने अक्सर अच्छी शुरुआत की है, लेकिन वह उन्हें बड़े स्कोर में बदलने में असफल रहे हैं. वह कोलकाता में उस पारी के बाद से कई बार पचास के पार भी जा चुके हैं, लेकिन अभी तक अपना 71वां अंतरराष्ट्रीय शतक नहीं बना पाए हैं और इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुए एजबेस्टन टेस्ट में बड़ा स्कोर करने में उनकी विफलता ने एक बार फिर चर्चा का विषय बना दिया है.
एजबेस्टन टेस्ट खेलने से पहले, भारत ने लीसेस्टरशायर काउंटी क्रिकेट क्लब के खिलाफ एक अभ्यास मैच खेला, जिसके दौरान विराट उत्साहजनक फॉर्म में दिखे, क्योंकि उन्होंने एक शानदार अर्धशतक लगाया था. हालांकि, वह इंग्लैंड के खिलाफ इसे दोहराने में विफल रहे और उन्होंने 11 और 20 स्कोर ही बना सके. दिलचस्प बात यह है कि वह फिर से अच्छा दिख रहे थे, लेकिन उस बल्लेबाजी को अधिक समय तक जारी नहीं रख सके, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या कोहली के आत्मविश्वास में कमी है या एकाग्रता की कमी से वह जल्दी आउट हो रहे हैं. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या उनके खेल में कोई तकनीकी की कमी है?
सोनी स्पोर्ट्स पर एक चर्चा के दौरान संजय मांजरेकर ने कोहली के खराब फॉर्म के बारे में बात की और कहा कि आधुनिक समय के महान खिलाड़ी में आत्मविश्वास की कमी दिख रही हैं और उनकी बल्लेबाजी में कुछ तकनीकी समस्याएं हैं और साथ ही साथ थोड़ी खराब किस्मत भी है. उन्होंने कहा,
इंग्लैंड के खिलाफ 11 और 20 रन बनाने के बाद, कोहली बुधवार को टेस्ट में नई ताजा बल्लेबाजी रैंकिंग में तीन स्थान फिसल कर 13वें स्थान पर आ गए, जो विशेष रूप से क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में उनके लगातार खराब फॉर्म के प्रभाव को दर्शाता है.
टी 20 क्रिकेट में, भारत के पूर्व कप्तान की अक्सर शीर्ष क्रम पर उनकी धीमी स्ट्राइक रेट के लिए आलोचना की जाती है, क्योंकि खेल के सबसे छोटे प्रारूप में आक्रामक मानसिकता के मामले में बड़े पैमाने पर बदलाव देखा जा रहा है. आईपीएल 2022 में आरसीबी के लिए खेलते हुए विराट ने पारी की शुरुआत की और पावरप्ले के ओवरों के बाद उनका स्ट्राइक रेट लगातार कम होता गया, जो दूसरे बल्लेबाजों पर दबाव बनाता था.
ढाई साल से खराब फॉर्म होने के बावजूद, विराट के पास अभी भी विश्व क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ करियर रिकॉर्ड में से एक है. लेकिन क्रिकेट पिछले रिकॉर्ड के आधार पर नहीं खेला जाता है और मौजूदा फॉर्म किसी भी खिलाड़ी के करियर में एक अलग भूमिका निभाता है क्योंकि कोहली का मौजूदा प्रदर्शन उस स्टैंडर्ड को सही नहीं ठहरा रहा है, जिस के लिए उन्होंने ये बनाया है.
असंगति और खराब फॉर्म को ध्यान में रखते हुए कोहली के टीम से बाहर किए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है. जाहिर है कि भारतीय क्रिकेट में उनके कद को देखते हुए कोई स्पष्ट आवाज नहीं उठी है, जो स्टार क्रिकेटर को आराम देने का आह्वान कर रहे हैं।
अतीत में, सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, युवराज सिंह और अन्य जैसे कई दिग्गज क्रिकेटरों को उनके खराब फॉर्म के आधार पर बाहर कर दिया गया है. कुछ महीने पहले ही चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था. हालांकि पुजारा ने काउंटी क्रिकेट में रन बनाकर वापसी की, लेकिन रहाणे अभी भी बाहर हैं.
कई युवा घरेलू क्रिकेट में प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ लगातार टीम इंडिया का दरवाजा खटखटा रहे हैं और उन्हें तभी मौका मिल सकता है जब कोई उनके लिए जगह बनाए. हालांकि, यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि चयनकर्ता या टीम प्रबंधन कोहली को बाहर करने के लिए कोई हिम्मती फैसला लेगा या नहीं.
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