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विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट (Wimbledon 2022) में अब तक भारत के कई खिलाड़ियों ने खिताब जीत कर अपना और देश का नाम रौशन किया है. इस साल विंबलडन का आयोजन 27 जून से 10 जुलाई तक ब्रिटेन के लंदन में ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस क्लब में हो रहा है.
विंबलडन दुनिया के सबसे पुराने टेनिस टूर्नामेंट्स में से एक है. 1877 में शुरुआत से लेकर अब तक कई खिलाड़ी अपना नाम चमका चुके हैं. इसमें भारत के भी कई खिलाड़ी हैं. आइए जानते हैं इन खिलाड़ियों के बारे में...
रामनाथ कृष्णन को टेनिस का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक माना जाता है. इनका जन्म 1937 तमिलनाडु में हुआ. यह 1960 से 1961 तक दो बार विंबलडन के सेमीफाइनल में पहुंचे और विश्व में नंबर 6 के रूप में अपने करियर की सबसे उच्च रैंकिंग प्राप्त की. कृष्णन 1954 में पुरुष सिंगल्स में विंबलडन का एकल खिताब जीतने वाले पहले एशियाई खिलाड़ी बने थे. उसी साल उन्होंने सीनियर विंबलडन टूर्नामेंट भी खेला.
मद्रास के रहने वाले रमेश कृष्णन ने विंबलडन में कई सालों तक शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन फाइनल में जगह बना पाने में लगातार नाकाम होते रहे. हालांकि इन्होंने 8 सिंगल्स खिताब अपने नाम करे हैं. आखिरकर, रमेश ने 1979 में विंबलडन का जूनियर खिताब जीताकर अपना सपना पूरा कर ही लिया.
लिएंडर पेस को टेनिस से जुड़ा शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो नहीं जानता होगा. इन्होंने कई बार बड़े-बड़े खिताब अपने नाम करके भारत का नाम रोशन किया है. इनका जन्म 1973 कोलकाता में हुआ हैं. इन्होंने 1990 में पुरुष सिंगल्स में विंबलडन खिताब जीता. इसके अलावा उनके नाम डेविस कप में सबसे ज्यादा डबल्स जीतने का भी रिकॉर्ड है.
सानिया मिर्जा आज टेनिस में किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. इन्होंने कई खिताब जीत कर भारत का नाम रोशन किया है. सानिया मिर्जा ने मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर 2015 में विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट का डबल्स खिताब जीता था.
सुमित नागल ग्रैंड स्लैम जूनियर खिताब जीतने वाले छठे भारतीय खिलाड़ी हैं. इनका जन्म 1997 झज्जर में हुआ था. इन्होंने 2015 में पार्टनर होआंग लि के साथ पुरुष डबल्स खिताब अपने नाम किया था.
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