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अंशु मलिक (Anshu Malik) 7 अक्टूबर को नॉर्वे के ओस्लो में चल रहे विश्व कुश्ती चैंपियनशिप (World Wrestling Championship) में रजत पदक जीतकर ये उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं.
20 साल की इस खिलाड़ी ने एक मजबूत मुकाबला किया लेकिन फाइनल में दो बार के ओलंपिक पदक विजेता यूएसए की हेलेन मारौलिस से हार गईं.
अंशु ने क्वार्टर फाइनल में टखने की एंकल और पिछली कोहनी की चोट के बावजूद विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में इतिहास रचा.
महिलाओं के 57 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में यूक्रेन की यूरोपीय रजत पदक विजेता सोलोमिया विन्यिक को हराकर अंशु ने भारतीय कुश्ती के इतिहास में अपना स्थान पक्का कर लिया था.
वह पांच अन्य भारतीय महिलाओं - अलका तोमर (2006), गीता फोगट और बबीता कुमारी (2012), पूजा ढांडा (2018) और विनेश फोगट (2019) से एक कदम आगे निकल गईं जिन्होंने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया था.
मलिक के करियर में अब तक, उन्होंने 6 अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लिया है और उनमें से पांच में 57 किलोग्राम वर्ग में पदक जीते हैं. अपनी पहचान बनाते हुए मलिक अब सीमा बिस्ला, विनेश फोगट और सोनम मलिक के साथ भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली चार भारतीय महिला पहलवानों में से एक हैं.
अंशु मलिक ने समय से पहले अपनी चोट से उबरकर सभी बाधाओं को पार करते हुए टोक्यो ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई किया किया था. मलिक ने सिर्फ 19 साल की उम्र में अपने प्रतिद्वंद्वी को 12-2 से हराकर ओलंपिक में अपनी पहली जीत दर्ज की थी.
2020 में, अंशु मलिक ने व्यक्तिगत विश्व कप में रजत जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई. इसके बाद एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता.
मलिक ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए शोखिदा अखमेदोवा को हराया, लेकिन फाइनल में मंगोलिया के खोंगोरजुल बोल्डसैखान से 4-7 से हारने के बाद रजत से संतोष करना पड़ा.
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