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Bazball, Bazbait, Nighthawk... क्रिकेट ने समये के साथ ऐसे कई तकनीकी शब्द देखे जो समय-समय पर खेल के विकास की गवाही देते रहे. क्रिकेट में प्रयोग हमेशा से होते आए हैं, शायद इसीलिए ये दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में शामिल है.
अब एक नया प्रयोग इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज के पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की फील्डिंग के दौरान सामने आया है, जिसे 'ब्रंब्रेला' (Brumbrella) कहा जा रहा है. 'ब्रंब्रेला' पर फैंस से एक्सपर्ट्स तक सब चर्चा कर रहे हैं. ऐसे में आईए जानते हैं कि ये क्या है और क्यों चर्चा में है?
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज सीरीज का पहला टेस्ट इंग्लैंड के एजबेस्टन में 16 से 20 जून तक खेला जा रहा है. इस मैच के तीसरे दिन इंग्लैंड ने ऐसी फील्डिंग सजाई जो इससे पहले किसी ने नहीं देखी थी, और हैरानी की बात तो ये है कि वो खास फील्डिंग लगते ही ऑस्ट्रेलिया के लिए शतक बनाकर बल्लेबाजी कर रहे उस्मान ख्वाजा आउट हो गए.
ये घटना मैच के तीसरे दिन, बारिश की वजह से खेल रुकने से करीब आधा घंटा पहले की है. इंग्लैंड ने पहली इनिंग में 393 रनों पर अपनी पारी घोषित कर दी थी. तीसरे दिन के खेल में ऑस्ट्रेलियाई टीम इंग्लैंड के इस स्कोर के करीब पहुंच रही थी, और इसमें सबसे बड़ी भूमिका उस्मान ख्वाजा की थी. वो 141 रन बनाकर खेल रहे थे. इंग्लैंड के किसी गेंदबाज को समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें कैसे रोका जाए, लेकिन
इसी फील्ड सेटअप को 'ब्रंब्रेला' कहा जा रहा है. खास बात ये रही कि ओली रॉबिन्सन के जिस ओवर में ये फील्ड लगाई गई, उसी ओवर में चौथी गेंद पर ख्वाजा बोल्ड हो गए. इसे एक्सपर्ट्स ने क्रिकेट में एक नया प्रयोग और स्टोक्स की शानदार कप्तानी बताया. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की पारी जल्दी ही सिमट गई और इंग्लैंड ने पहली पारी के आधार पर 7 रनों की लीड ले ली.
'ब्रंब्रेला' का मतलब होता है एक बड़ा कवर जो बारिश के समय पिच को ढ़क सके. इस शब्द का एजबेस्टन के मैदान से गहरा नाता. शब्द "ब्रम" और "अंब्रेला" (छाता) से बना है. इंग्लैंड के बर्मिंघम शहर (जहां एजबेस्टन का मैदान है) की वजह से "ब्रम" और जिस आकृति में यहां मैदान को कवर किया जाता था उससे "अंब्रेला" निकला.
ये एक तरह का रोलिंग पिच कवर हुआ करता था, जिसका 1981 से 2001 तक प्रयोग किया गया. 20 सालों के प्रयोग के बाद ECB (इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड) ने इसे बैन कर दिया. ये काफी भारी (करीब 6 टन वजन) होता था और पानी भरने के बाद और भारी हो जाता था. इसके चलते पिच की कंडीशन में बदलाव आने के आरोप भी लगे. 'ब्रंब्रेला' की जगह अब हावर कवर का प्रयोग किया जाता है.
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