ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ WTC फाइनल (WTC Final) में भारत की 209 रनों से हार हुई. पिछले 9 सालों में 9 ICC टूर्नामेंट्स टीम इंडिया के हाथ से निकल गए. कप्तान बदला, खिलाड़ी बदले, फॉर्मेट भी बदल गया, लेकिन नतीजा नहीं बदल रहा. इस बार फैंस ने हार का ठीकरा फोड़ा है IPL पर. लेकिन क्या आईपीएल को दोष देना ठीक है? बिल्कुल भी नहीं, और क्यों नहीं वो इस हफ्ते की खेलपंती में देखिए.
IPL नहीं है भारत की हार के पीछे असली वजह
भारत की हार के बाद काफी लोगों का तर्क है कि IPL के चलते भारत को WTC की तैयारी का समय नहीं मिला. पहली नजर में ये ठीक भी लगता है, लेकिन जरूरत है बस थोड़ा सा गहराई में उतरने की. आप जानते हैं कि IPL का शेड्यूल पहले से फिक्स रहता है, लेकिन क्या आप पहले से ये जानते थे कि भारत WTC के फाइनल में पहुंच ही जाएगा? नहीं!,
भारत WTC फाइनल में भी नहीं पहुंच पाता अगर मार्च में श्रीलंका ने न्यूजीलैंड को 2 टेस्ट में हरा दिया होता. तो जब पहले से यही तय नहीं है कि आप फाइनल खेलेंगे या नहीं तो उसके आधार पर एक दूसरे टूर्नामेंट से शेड्यूल से छेड़छाड़ करना कैसे संभव था.
अब बात करते हैं खिलाड़ियों की. उमेश यादव आईपीएल 2023 में 8 ही मैच खेले और सिर्फ 19 ओवर की गेंदबाजी की. शार्दुल ठाकुर ने भी पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ 21 ओवर डाले. केएस भरत को तो एक भी मैच में गुजरात ने नहीं खिलाया. मतलब ये खिलाड़ी IPL में ज्यादा खेले ही नहीं. अजिंक्य रहाणे ने इस सीजन कितनी आक्रामक बल्लेबाजी की सबने देखा. उनका स्ट्राइक रेट 172 का रहा. बावजूद इसके वो WTC फाइनल में भारत के हाईएस्ट रन स्कोरर हैं. और सिर्फ इस बार ही नहीं, बल्कि पिछले WTC फाइनल में भी वही थे.
एक्सपर्ट ने क्या कहा?
हमने पूर्व क्रिकेटर और ब्रॉडकास्टर अंजुम चोपड़ा से भी इसपर बात की. देखिए उन्होंने क्या कहा, "जहां गलती है उसे ढूंढने की जरूरत है. ये कहना कि IPL के चलते खेलने का टाइम नहीं मिला, बेसलेस है. अगर थोड़ा पहले इंग्लैंड चले भी जाते तो एक-दो दिन का वार्म-अप और कर सकते थे. बाकी अब पहले की तरह प्रैक्टिस मैच नहीं खेलते. उन्होंने कहा कि
"जहां तक टीम का सवाल है, चाहे वो शार्दुल, सिराज या शमी हों या बैटिंग लाइनअप हो, विराट-रोहित सबको कंडीशन का पता है. इसलिए मेरी नजर में ये कहना ठीक नहीं है कि आईपीएल की वजह से हारे."अंजुम चोपड़ा, पूर्व क्रिकेटर और ब्रॉडकास्टर
भारत से कहां हुई गलती?
अब बात करते हैं कि भारत से गलती हुई कहां. टीम इंडिया से कई मौकों पर बड़ी चूक हुई और कह सकते हैं कि किस्मत भी थोड़ा से ऑस्ट्रेलिया के फेवर में थी. ऑस्ट्रेलिया की टीम में 5 बल्लेबाज बाएं हाथ के थे, लेकिन भारतीय टीम मैनेजमेंट ने अश्विन को बाहर बैठाने का फैसला लिया. हर कोई जानता है कि अश्विन बाएं हाथ के बैटर्स के लिए कितने खतरनाक हैं. इसके अलावा वे बैटिंग में भी एक सॉलिड एडिशन होते.
अश्विन इस वक्त ICC रैंकिंग में दुनिया के नंबर 1 टेस्ट गेंदबाज हैं. क्रिकेट एक्सपर्ट गुरकीरत सिंह गिल ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि "भारत पहले से WTC जीतने का प्रबल दावेदार नहीं था, और अश्विन को ड्रॉप करके इसमें और इजाफा कर दिया गया".
इसके अलावा कह सकते हैं कि किस्मत भी कुछ हद तक भारत के साथ नहीं थी. जैसे शुभमन गिल का मामला फिफ्टी-फिफ्टी लग रहा था, लेकिन उन्हें आउट दिया गया. ऑस्ट्रेलिया ने भी कुछ शानदार कैच पकड़े. ऑस्ट्रेलियाई टीम के पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने के बाद भारत वापसी कर ही नहीं पाया, जबकि जिम्मेदारी बल्लेबाजों के कंधों पर थी.
मोहम्मद शमी जैसे गेंदबाज भारत में शानदार गेंदबाजी कर रहे थे, उनसे इंग्लैंड की हरी पिच पर और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन अफसोस की उनकी परफॉर्मेंस वैसा नहीं रहा.
बैटिंग में भारतीय खिलाड़ी लगातार खराब प्रदर्शन कर रहे हैं. भारत की हार के लिए गेंदबाजी से ज्यादा बल्लेबाजी जिम्मेदार हैं. अंजुम चोपड़ा ने भी क्विंट से बातचीत में कहा कि "टेस्ट मैच में बैटिंग और बॉलिंग दोनों भाग जरूरी हैं लेकिन मुझे पहले ही लगा था कि मैच का नतीजा बैटिंग पर ज्यादा निर्भर करेगा. लेकिन भारत ने दोनों पारियों में निराश किया."
निराशा तो हो रही है और वो तस्वीरों में साफ झलक रहा है. भारत बाइलेटरल सीरीज में कितनी भी अच्छा प्रदर्शन कर ले,ICC के ट्रॉफी नहीं जीतेगा तो फैंस का दिल टूटेगा. अब भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने सुझाव दिया है कि WTC फाइनल तीन मैच का होना चाहिए, जिसमें 2 मैच जीतने वाली टीम को विजेता घोषित किया जाए.
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